सरपंच जी अब सीखेंगे ककहरा
गाँव कनेक्शन | Sep 16, 2016, 16:04 IST
लखीमपुर खीरी।गाँवों के अनपढ़ और अशिक्षित प्रधान अब ककहरा सीखेगें न केवल छोटा 'अ' बड़ा 'आ' बल्कि ज़िन्दगी का भी। यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में गाँव के सरपंच अब अंगूठा टेक नहीं रहेंगे। प्रधानजी अब शिक्षित होंगे और उन्हें बैंक से लेकर सरकारी कामकाज करने के लिए भी ट्रेंड किया जाएगा।
खीरी के सीडीओ नितीश कुमार कहते हैं, "गाँव का प्रधान गाँव का चेहरा होता है। गाव की विकास की रुपरेखा बनाने से लेकर हर वो काम प्रधान से जुड़ा होता है जो गाव की तरक्की से जुड़ा हो। अगर गाव का प्रधान ही अशिक्षित होगा तो गाँव की विकास को भी ब्रेक लगेगी। इसलिए अनपढ़ प्रधानों को साक्षर करने का विचार मन में आया। प्रधानो में भी इससे आत्मविश्वास बढ़ेगा।"
दरसल सीडीओ नीतीश कुमार के सामने कई प्रधान बैंक में खाता खुलवाने को लेकर समस्या लेकर आए। कई प्रधानों ने बताया कि वो दस्तखत नहीं कर सकते। अगूंठा टेक हैं। ये बात सीडीओ नितीश कुमार के दिल में घर कर गई। सोचा कि जब प्रधान जी निरक्षर होंगे तो गाँव के लोगों पर इसका बुरा असर होगा। गाँव का विकास भी प्रभावित होगा। इसलिए हर अशिक्षित प्रधान को शिक्षित करने का प्रोजेक्ट तैयार किया।
खीरी जिले में इस बार तमाम नए प्रधान जीते हैं। 995 ग्राम सभाओं की जगह इस बार 1167 प्रधान बने हैं जिसमे करीब 35 फीसदी महिला प्रधान हैं। सीडीओ नितीश कुमार कहते हैं कि महिलाओं को साक्षर और शिक्षित करना बहुत जरूरी है। इसलिए अशिक्षित प्रधान जी भी अब पहले साक्षर और फिर शिक्षित किए जाएंगे। इसके लिए गाँव में प्रेरक और शिक्षकों को लगाया जाएगा जो प्रधान जी को पहले चरण में कम से कम दस्तखत करना सिखा सकें। इसके बाद इन प्रधानो को पांचवी की परीक्षा भी दिलवाई जाएगी।
सीडीओ कहते हैं कि बेसिक शिक्षा विभाग को प्रधानों को शिक्षित करने में अपनी भूमिका निभानी है साथ ही साक्षरता प्रेरक भी प्रधान जी को अब ककहरा सिखाएंगे। इसके बाद उन्हें बैंक से लेकर सरकारी कामकाज करने की भी ट्रेनिंग दिलाने की योजना है, जिससे सरकार की विकास योजनाओं को प्रधान जी अच्छी तरह से अमली जामा पहना सकें।
रिपोर्टिंग - विपुल मिश्रा
खीरी के सीडीओ नितीश कुमार कहते हैं, "गाँव का प्रधान गाँव का चेहरा होता है। गाव की विकास की रुपरेखा बनाने से लेकर हर वो काम प्रधान से जुड़ा होता है जो गाव की तरक्की से जुड़ा हो। अगर गाव का प्रधान ही अशिक्षित होगा तो गाँव की विकास को भी ब्रेक लगेगी। इसलिए अनपढ़ प्रधानों को साक्षर करने का विचार मन में आया। प्रधानो में भी इससे आत्मविश्वास बढ़ेगा।"
दरसल सीडीओ नीतीश कुमार के सामने कई प्रधान बैंक में खाता खुलवाने को लेकर समस्या लेकर आए। कई प्रधानों ने बताया कि वो दस्तखत नहीं कर सकते। अगूंठा टेक हैं। ये बात सीडीओ नितीश कुमार के दिल में घर कर गई। सोचा कि जब प्रधान जी निरक्षर होंगे तो गाँव के लोगों पर इसका बुरा असर होगा। गाँव का विकास भी प्रभावित होगा। इसलिए हर अशिक्षित प्रधान को शिक्षित करने का प्रोजेक्ट तैयार किया।
खीरी जिले में इस बार तमाम नए प्रधान जीते हैं। 995 ग्राम सभाओं की जगह इस बार 1167 प्रधान बने हैं जिसमे करीब 35 फीसदी महिला प्रधान हैं। सीडीओ नितीश कुमार कहते हैं कि महिलाओं को साक्षर और शिक्षित करना बहुत जरूरी है। इसलिए अशिक्षित प्रधान जी भी अब पहले साक्षर और फिर शिक्षित किए जाएंगे। इसके लिए गाँव में प्रेरक और शिक्षकों को लगाया जाएगा जो प्रधान जी को पहले चरण में कम से कम दस्तखत करना सिखा सकें। इसके बाद इन प्रधानो को पांचवी की परीक्षा भी दिलवाई जाएगी।
सीडीओ कहते हैं कि बेसिक शिक्षा विभाग को प्रधानों को शिक्षित करने में अपनी भूमिका निभानी है साथ ही साक्षरता प्रेरक भी प्रधान जी को अब ककहरा सिखाएंगे। इसके बाद उन्हें बैंक से लेकर सरकारी कामकाज करने की भी ट्रेनिंग दिलाने की योजना है, जिससे सरकार की विकास योजनाओं को प्रधान जी अच्छी तरह से अमली जामा पहना सकें।
रिपोर्टिंग - विपुल मिश्रा