एचआईवी से पीड़ित पति-पत्नी ने दी जान
गाँव कनेक्शन | Feb 20, 2017, 20:43 IST
लखनऊ। एचआईवी के खौफ ने एक घर को ही उजाड़ दिया। 11 माह के मासूम को भगवान के भरोसे छोड़कर दम्पति ने फंदे पर लटकर आत्महत्या कर ली। मूलरूप से पिथौरागढ़ में रहने वाले दानेराम के पुत्र प्रकाश व बहू रेनू एचआईवी से पीड़ित थे और उनका कई माह से उपचार चल रहा था पर अन्दर ही अन्दर पति-पत्नी इससे काफी परेशान थे और रविवार की रात उनका सब्र जवाब दे गया और दोनों ने कमरा बंद कर एक साथ फंदे पर लटक कर जान दे दी।
राजधानी में एचआईवी पीड़ित द्वारा पहली बार जान देने का मामला प्रकाश में आया है। प्रीतिनगर मडियांव निवासी दानेराम ने अपने पुत्र का विवाह कुछ वर्ष पहले खटीमा, टनकपुर निवासी रेनू के साथ किया था। प्रकाश पहले दिल्ली में प्राईवेट नौकरी करता था और वह रेनू को भी अपने साथ वहीं ले गया। बाद में जब प्रकाश ट्रांसफर रूद्रपुर हुआ तो वह अपने पुत्र सौरभ व पत्नी रेनू को अपने प्रीतिनगर स्थित घर पर छोड़ गया। रूद्रपुर में उसकी तबीयत काफी खराब हुई तो वह भी लखनऊ आ गया और यहीं पर अपना उपचार कराने लगा। कुछ समय बाद रेनू भी काफी बीमार हो गयी। जांच में एचआईवी की पुष्टि होने के बाद मानों दोनों के पैर के नीचे जमीन ही निकल गयी। दोनों न किसी से बात करते और न ही कहीं आते-जाते।
यह सब देखकर घरवालों ने उन्हें कई बार समझाने का प्रयास किया पर उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा और उन पर खौफ हावी होता गया और रविवार रात दोनों अपने पुत्र सौरभ को लेकर कमरे में चले गये और कमरे में लगे पंखे में फंदा लगाकर दोनों ने फंसी लगाकर अपनी जीवन-लीला समाप्त कर ली। सुबह जब दानेराम की पत्नी उर्मिला ने सौरभ के रोने की आवाज सुनी तो वह कमरे के पास गयी। कमरा अन्दर से बंद था इस पर उर्मिला ने खिड़की से अन्दर झांककर देखा तो दोनों के शव पंखे से लटक रहे थे। यह देख उर्मिला ने चीखना शुरू कर दिया। इस पर दानेराम भी वहां पर पंहुच गये और इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पंहुची पुलिस ने दोनों शवों को नीचे उतरवाकर पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सीओ अलीगंज डॉ. मीनाक्षी ने बताया कि दोनों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गया है। मामले की जांच की जा रही है।
लखनऊ। मडियांव के ही दाउदनगर निवासी नीरज ने अपनी पत्नी व ससुरालवालों से तंग आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। नीरज की मां किलावा ने बताया कि उसके पुत्र नीरज का विवाह छह वर्ष पूर्व डालीगंज निवासी कुश कुमार की पुत्री पूनम से हुआ था। नीरज की मां ने पूनम पर आरोप लगाया कि उसने नीरज को बहका कर उससे जमीन अपने नाम लिखवा ली और फिर अपने मायके चली गई और तब से वहीं रह रही थी। नीरज उसे लेने कई बार उसके घर गया पर वह नहीं आयी।
राजधानी में एचआईवी पीड़ित द्वारा पहली बार जान देने का मामला प्रकाश में आया है। प्रीतिनगर मडियांव निवासी दानेराम ने अपने पुत्र का विवाह कुछ वर्ष पहले खटीमा, टनकपुर निवासी रेनू के साथ किया था। प्रकाश पहले दिल्ली में प्राईवेट नौकरी करता था और वह रेनू को भी अपने साथ वहीं ले गया। बाद में जब प्रकाश ट्रांसफर रूद्रपुर हुआ तो वह अपने पुत्र सौरभ व पत्नी रेनू को अपने प्रीतिनगर स्थित घर पर छोड़ गया। रूद्रपुर में उसकी तबीयत काफी खराब हुई तो वह भी लखनऊ आ गया और यहीं पर अपना उपचार कराने लगा। कुछ समय बाद रेनू भी काफी बीमार हो गयी। जांच में एचआईवी की पुष्टि होने के बाद मानों दोनों के पैर के नीचे जमीन ही निकल गयी। दोनों न किसी से बात करते और न ही कहीं आते-जाते।
यह सब देखकर घरवालों ने उन्हें कई बार समझाने का प्रयास किया पर उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा और उन पर खौफ हावी होता गया और रविवार रात दोनों अपने पुत्र सौरभ को लेकर कमरे में चले गये और कमरे में लगे पंखे में फंदा लगाकर दोनों ने फंसी लगाकर अपनी जीवन-लीला समाप्त कर ली। सुबह जब दानेराम की पत्नी उर्मिला ने सौरभ के रोने की आवाज सुनी तो वह कमरे के पास गयी। कमरा अन्दर से बंद था इस पर उर्मिला ने खिड़की से अन्दर झांककर देखा तो दोनों के शव पंखे से लटक रहे थे। यह देख उर्मिला ने चीखना शुरू कर दिया। इस पर दानेराम भी वहां पर पंहुच गये और इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पंहुची पुलिस ने दोनों शवों को नीचे उतरवाकर पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सीओ अलीगंज डॉ. मीनाक्षी ने बताया कि दोनों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गया है। मामले की जांच की जा रही है।