तंबाकू खाने से हर घंटे करीब 150 लोगों की मौत

गाँव कनेक्शन | Sep 16, 2016, 16:19 IST
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नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि तंबाकू का सेवन भारत समेत दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है और इसके सेवन से हर घंटे औसतन 150 लोगों की मौत हो जाती है।


डब्ल्यूएचओ ने ‘सादी पैकेजिंग’ की वकालत की, जिसमें तंबाकू उत्पादों से ब्रांड और प्रचार संबंधी सूचना हटाना अनिवार्य बनाया जाए। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ‘तंबाकू जान लेता है’ के संदेश को प्रसारित करने के लिए और तंबाकू सेवन की मनोवृत्ति को समाप्त करने के लिए तंबाकू उत्पादों की ‘सादा पैकेजिंग’ को अनिवार्य बनाना एक अच्छा तरीका है।

‘सादा पैकेजिंग’ में तंबाकू के पैकेट से ब्रांड और प्रचार संबंधी जानकारी हटा दी जाती है और उनकी जगह चित्रमय चेतावनी, धुंधले से रंग, एक ब्रांड का नाम और किसी उत्पाद या निर्माता का नाम मानकीकृत प्रारुप में डाला जाता है।

11 देशों में 29 करोड़ लोगों को तंबाकू की लत

दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने ‘वर्ल्ड नो टोबेको डे’ के अवसर पर कहा, ‘‘तंबाकू का सेवन डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र (जिसमें भारत शामिल है) में सार्वजनिक स्वास्थ्य का बड़ा मुद्दा बना हुआ है,जहां क्षेत्र के 11 देशों में करीब 24.6 करोड़ लोग धूम्रपान करते हैं और 29 करोड़ से थोडे कम इसका धुआंरहित स्वरुप में सेवन करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘तंबाकू से हर साल क्षेत्र में 13 लाख लोगों की मौत हो जाती है, जो 150 मौत प्रति घंटे के बराबर है।’’ पूनम ने कहा कि ‘सादी पैकेजिंग’ का कलात्मक प्रभाव महत्वपूर्ण होता है और अध्ययन बताते हैं कि तंबाकू उत्पादों की इच्छा पर ये प्रभाव डालते हैं।‘‘उच्च आय वाले देशों में धूम्रपान का स्तर कम हो रहा है, वहीं तंबाकू कंपनियां तेजी से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में बाजार में मौजूदगी पर निर्भर होती जा रहीं हैं।

तंबाकू सेवन पर लगाम कसे सिविल सोसायटी :नड्डा

नई दिल्ली (भाषा)। तंबाकू के इस्तेमाल में कमी लाने के लिए सामाजिक संगठनों का सहयोग मांगते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने स्कूलों के एक समूह को गोद लेने और बच्चों में तंबाकू के नुकसान के बारे में संवेदनशीलता पैदा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एनजीओ और सिविल सोसायटी संगठनों से आगे आने और पांच छह स्कूलों को गोद लेकर बच्चों को तंबाकू के सेवन के खतरों के बारे में तथा तंबाकू उत्पादों पर बड़ी चित्रमय स्वास्थ्य चेतावनियों के असर के बारे में संवेदनशील बनाने का अनुरोध करता हूं।’’

‘‘इसका मकसद उन्हें शुरुआत से ही तंबाकू के नुकसान के बारे में जागरूक करना है,ताकि वे चबाने या धूम्रपान, दोनों में से किसी भी स्वरुप में इसका सेवन शुरू नहीं करें। हम एक के बाद एक कैंसर अस्पताल बना सकते हैं और बिस्तरों की संख्या बढाकर उनमें रोगियों को भी भर्ती कर सकते हैं, लेकिन हमारा ध्यान रोकथाम पर होना चाहिए।’’ नड्डा ने कहा अंतरराष्ट्रीय वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण का जिक्र करते हुए नड्डा ने कहा कि करीब 35 प्रतिशत भारतीय वयस्क किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं जबकि इसे लेकर इतनी जागरकता और संवेदनशीलता बढ़ाई जा रही है।

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