यूपी: डीजीपी की रेस में प्रवीण सिंह और हितेश अवस्थी चल रहे आगे
Abhishek Pandey | Dec 29, 2017, 20:29 IST
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के डीजीपी सुलखान सिंह का 30 दिसम्बर 2017 को सेवा विस्तार खत्म हो रहा है। ऐसे में यूपी का नया डीजीपी कौन होगा, ये चर्चा सत्ता के गलियारे में शुरू हो गई है।
डीजीपी की रेस में तीन नाम अभी सबसे आगे चल रहे हैं। इनमें सबसे आगे डीजी फायर प्रवीण सिंह का नाम चल रहा है, जबकि ब्राहमण समीकरण बैठाने के लिए डीजी विजलेंस हितेश अवस्थी का नाम दूसरे नम्बर पर चल रहा है। वहीं, रजनीकांत मिश्रा का भी नाम उत्तर प्रदेश में नए डीजीपी की रेस में चल रहा है। हालांकि नए डीजीपी का नाम शनिवार शाम के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा।
रजनीकांत मिश्रा आईपीएस प्रवीण सिंह इन दिनों डीजी फायर पद पर तैनात हैं। वे 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। इसके अलावा ईमानदार और सख्त छवि की पहचान बना चुके 1985 बैच के आईपीएस अफसर हितेश अवस्थी का नाम भी दूसरे स्थान पर चल रहा है। वहीं, रजनीकांत मिश्रा इन दिनों केंद्रीय में डीजी एसएसबी पद पर तैनात हैं। वे 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। इसके अलावा सीबीआई में भी लंबे समय तक काम कर चुके हैं।
ओम प्रकाश सिंह जावीद अहमद के बाद भी रजनीकांत को डीजीपी बनाने की चर्चा हुई थी, लेकिन सबसे सीनियर होने की वजह से सुलखान सिंह को ये कुर्सी मिल गई थी। साथ ही जिस चौथे नाम पर अटकलें लगाई जा रही हैं, वे हैं ओम प्रकाश सिंह। अफसरों के बीच वो ओपी के नाम से जाने जाते हैं। इन दिनों वे सीआईएसएफ के डीजी हैं। 1983 बैच के आईपीएस अफसर रजनीकांत, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के करीबी माने जाते हैं।
इसके अलावा अगर गोरखपुर कनेक्शन ने काम किया तो फिर भावेश कुमार सिंह बाजी मार सकते हैं, इनका भी नाम रेस में हर बार चला है। अभी वे इंटेलिजेंस के डीजी हैं और योगी के करीबी माने जाते हैं। भावेश कुमार, गोरखपुर के आईजी भी रह चुके हैं। वैसे डीजी रैंक के पुलिस अफसरों में भावेश सबसे जूनियर हैं, लेकिन यूपी के पिछले 35 डीजीपी में सिर्फ 7 मामलों में ही वरिष्ठता को आधार माना गया था।
उत्तर प्रदेश में डीजीपी बनाए जाने में जाति का भी महत्व हर बार होता है। रजनीकांत मिश्रा ब्राह्मण हैं, जबकि ओमप्रकाश और भावेश क्षत्रिय जाति के हैं। यूपी के वर्तमान डीजीपी सुलखान सिंह भी क्षत्रिय समाज से आते हैं। ठाकुर के बदले ठाकुर डीजीपी हुआ तो फिर प्रवीण सिंह, ओपी सिंह और भावेश कुमार सिंह में से किसी एक की ताजपोशी हो सकती है। फैसला अगर ब्राह्मण जाति पर हुआ तो फिर रजनीकांत मिश्रा की लॉटरी निकल सकती है। वैसे डीजीपी की रेस में अगर किसी चौथे नाम पर मुहर लग गई तो कोई अचरज नहीं होगा, जिसमें डीजी विजलेंस हितेश अवस्थी सबसे आगे हैं।
तीन नाम सबसे आगे
सीबीआई में रहे रजनीकांत मिश्रा
रजनीकांत मिश्रा आईपीएस प्रवीण सिंह इन दिनों डीजी फायर पद पर तैनात हैं। वे 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। इसके अलावा ईमानदार और सख्त छवि की पहचान बना चुके 1985 बैच के आईपीएस अफसर हितेश अवस्थी का नाम भी दूसरे स्थान पर चल रहा है। वहीं, रजनीकांत मिश्रा इन दिनों केंद्रीय में डीजी एसएसबी पद पर तैनात हैं। वे 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। इसके अलावा सीबीआई में भी लंबे समय तक काम कर चुके हैं।
इसलिए सुलखान सिंह को मिल गई थी कुर्सी
ओम प्रकाश सिंह जावीद अहमद के बाद भी रजनीकांत को डीजीपी बनाने की चर्चा हुई थी, लेकिन सबसे सीनियर होने की वजह से सुलखान सिंह को ये कुर्सी मिल गई थी। साथ ही जिस चौथे नाम पर अटकलें लगाई जा रही हैं, वे हैं ओम प्रकाश सिंह। अफसरों के बीच वो ओपी के नाम से जाने जाते हैं। इन दिनों वे सीआईएसएफ के डीजी हैं। 1983 बैच के आईपीएस अफसर रजनीकांत, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के करीबी माने जाते हैं।