अब ऑपरेशन कायाकल्प के तहत पंचायतों को बदलने की कवायद में योगी सरकार

Ashwani Kumar Dwivedi | Apr 23, 2018, 18:17 IST
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लखनऊ। गांवों में विकास का पहिया तेजी से घूमे इसके लिए उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने ऑपरेशन कायाकल्प शुरु किया है। इस अभियान में पंचायती राज, ग्राम विकास और शिक्षा विभाग मिलकर काम करेंगे।

गांव में मूलभूत विकास और निर्माण कार्यों के अलावा अब स्कूलों के रखरखाव और मरम्मत का काम भी प्रधान के जिम्मे होगा। 11 अप्रैल को जारी शासनादेश में निदेशक पंचायती राज उत्तर प्रदेश व के सभी जिलाधिकारियों को अपर मुख्य सचिव द्वारा इस सम्बन्ध में निर्देश दे दिए गए हैं। पूरे देश की तरह यूपी में भी 14 अप्रैल से जारी ग्राम स्वराज अभियान के कार्यक्रमों में प्रधान और जनता को ऑपरेशन कायाकल्प के बारे में बताया जा रहा है।

प्रधान अब पंचायतों को मिलने वाले 14वें वित्त और राज्य वित्त और मनेरगा से मिलने वाली निधि को मिलाकर गांवों नाली, खडंजा, इंटरलाकिंग, सीसी रोड निर्माण कार्य भी करा सकेंगे। इसके साथ ही गाँव के प्राथमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों की मरम्मत और नवीनीकरण, शौचालय और पेयजल का काम भी प्रधान अब अनिवार्य रूप से करवाएंगे।

जनपद लखनऊ के जिला पंचायतराज अधिकारी प्रदीप कुमार सिंह ने बताया ,”आपरेशन कायाकल्प में पंचायतीराज,ग्राम्य विकास,और शिक्षा विभाग तीनो मिलकर काम करेंगे, अभी तक पंचायत के प्राइमरी और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के मरम्मत और नवीनीकरण की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग और ग्राम पंचायत की थी,लेकिन ये कार्य अब पंचायत के जिम्मे कर दिया गया है। प्रधानों से कार्ययोजना मांगी गयी है,जिनमें प्राथमिकता पर विद्यालयों में शौचालयों की मरम्मत और निर्माण व पेयजल की उपलब्धता को रखा गया है।”

सरकार के इस आदेश से सरकारी स्कूल के शिक्षक काफी खुश हैं,क्योंकि अभी तक उन्हें स्कूल के मामूली कार्यों के लिए भी विभागीय चक्कर लगाने पड़ते थे। लखनऊ में ही उच्च माध्यमिक विद्यालय की प्रधानाचार्य मीनाक्षी पोखरियाल ने बताया, “स्कूलों से संबंधित मरम्मत व नवीनीकरण के कार्य के लिए बीआरसी को सूचित किया जाता है,जिन पंचायतों में प्रधान या वार्डों में सभासद सक्रिय हैं वहां के विद्यालयों को मूलभुत सुविधाओं के लिए समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा है।” वो आगे बताती हैं, “जैसे बीकेटी तहसील में आने वाले भैसामाऊ के विद्यालय में 155 छात्र हैं और शौचालय बंद पड़ा है। छात्र-छात्राओं को बाहर जाना पड़ता है, नई व्यवस्था लागू होती है तो अच्छा है।”

ग्राम पंचायत की बैठक। फोटो साभार पंचायती राज
जिन पंचायतों में आज भी पंचायत भवन में फर्नीचर नहीं है वहां ऑपरेशन कायाकल्प के तहत अब प्रधान पंद्रह हजार तक का फर्नीचर खरीद सकते है।


पंचायत भवन के लिए पंद्रह हजार तक का फर्नीचर खरीद सकेंगे प्रधान

जिन पंचायतों में आज भी पंचायत भवन में फर्नीचर नहीं है वहां ऑपरेशन कायाकल्प के तहत अब प्रधान पंद्रह हजार तक का फर्नीचर खरीद सकते है। इसका इस्तेमाल पंचायत स्तरीय कर्मचारियों के साथ ग्राम सभा की खुली बैठकों के लिए किया जायेगा।

पंचायत भवन में बनेगा लोक सेवा केंद्र, मिलेगी सरकारी योजनाओ की जानकारी

‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के तहत अगर पंचायत में पंचायत भवन की स्थिति सही नहीं हैं तो 14वें वित्त आयोग की निधि से पंचायत भवनों की रंगाई,पुताई मरम्मत और टाइल्स लगाकर पंचायत भवन को उपयोगी बनाया जाएगा। साथ ही पंचायत भवन का उपयोग लोक जनसेवा केंद्र की तरह किया जायेगा। यहां पर ग्रामीणों के लिए खेती -किसानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, बागवानी, पशुपालन, जल संरक्षण, पर्यावरण ,जन सूचना और सम्बंधित विभागों से जुड़ी योजनाओं की सरकारी पुस्तके प्रधान द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी।

हर गुरूवार पंचायत में पंचायत स्तरीय कर्मचारियों की मौजूदगी होगी अनिवार्य

''कायाकल्प "के तहत अब ग्राम पंचायतों में हर गुरुवार को ग्राम स्तर के सभी कर्मचारी जैसे लेखपाल, पंचायत सचिव, आंगनबाड़ी, कार्यकत्री, एएनएम, आशा, सफाईकर्मी, रोजगार सेवक, कृषि तकनीकी सहायक, अनिवार्य रूप से जनता के कार्यों के लिए मौजूद रहने का आदेश मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा दिए गये हैं ।

मानको के अनुसार कार्य न होने पर प्रधान और सचिव होंगे जिम्मेदार

ग्राम पंचायतों में चिन्हित किए गए विकास कार्यों की कार्य योजना प्रधान ग्राम द्वारा खुली सभा में रखी जाएगी। प्राथमिकता के आधार पर कार्यों का चयन करके उन्हें खुली बैठक में अनुमोदित कराया जाएगा और अनुमोदित कार्य योजना को मानक के अनुरूप कराए जाने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव की होगी।

योजना के तहत स्कूलों को चमकाने पर होगा जोर। फोटो गांव कनेक्शन लखनऊ जनपद के ग्राम पंचायत खेसरावा के युवा प्रधान और पेशे से इंजीनियर सौरभ सिंह बताते हैं, “आपरेशन कायाकल्प की जानकारी तो मुझे अभी नहीं है, लेकिन जैसा सुनने में आ रहा है गांवों के लिए अच्छी बात होगी।”

इस बारे में बात करने पर जनपद बस्ती के जिला पंचायती राज अधिकारी शिव शंकर सिंह बताते हैं, “मेरे जिले में 1235 ग्राम पंचायते हैं। यहां ग्राम स्वराज के कार्यक्रमों प्रधानों और लोगों को इसकी जानकारी दी जा रही है। अब प्राथमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों की मरम्मत और फर्श बनवाने व टाइल्स लगवाने का काम भी अनिवार्य रूप से पंचायतो को दे दिया गया है।”

वो आगे बताते हैं, “ पंचायत भवन में लोक सेवा केंद्र और ग्रामीणों के लिए पुस्तकालय का प्रावधान गांवों के लिए फायदेमंद होगा ,साथ ही निर्माण कार्यो में मनरेगा को जोड़ने से काम और अच्छा होगा। ग्रामीण बच्चो को भी बेहतर सुविधाए मिल सकेंगी, आपरेशन कायाकल्प के तहत प्रधानों से प्रस्ताव मांगे गये हैं।”

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