उत्तर प्रदेश : अब मनरेगा मजदूरों को भी मिलेगा पेंशन और आवास से जुड़ी योजनाओं का लाभ, नए साल में रिकॉर्ड बनाने की तैयारी
गाँव कनेक्शन | Dec 24, 2020, 08:45 IST
उत्तर प्रदेश सरकार ने मनरेगा मजदूरों को भी 17 योजनाओं का लाभ देने की घोषणा की है। इसके लिए मनरेगा में 100 दिन काम के पूरा करने वाले मजदूरों का पंजीकरण किया जाएगा।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मनरेगा के तहत काम कर रहे मजदूरों के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश सरकार ने मनरेगा मजदूरों को भी पेंशन, आवास और चिकित्सा से जुड़ी 17 योजनाओं का लाभ देने का बड़ा फैसला किया है। इतना ही नहीं, इस साल प्रदेश के ग्रामीणों को मनरेगा के तहत सबसे अधिक रोजगार मुहैया कर नया रिकॉर्ड बनाने की भी तैयारी चल रही है
राज्य के ग्रामीण विकास विभाग ने 31 मार्च 2021 तक मनरेगा के तहत 100 दिन का काम करने वाले 20 लाख मजदूरों का श्रम विभाग में पंजीकरण करने का लक्ष्य तय किया है। नए साल में श्रम विभाग में पंजीकृत होने वाले इन मनरेगा मजदूरों को सभी 17 योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में मजदूरों का पंजीकरण कराने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन सकता है और प्रदेश सरकार की ओर से की गई इस पहल से 20 लाख मनरेगा मजदूरों के जीवन में बदलाव आ सकता है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने 31 मार्च तक 20 लाख मनरेगा मजदूरों का पंजीकरण करने का तय किया लक्ष्य। फोटो साभार : @MWSYouth
उत्तर प्रदेश में अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार ने यूएनआई न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में बताया कि इससे उत्तर प्रदेश न सिर्फ अधिक से अधिक रोजगार देने वाले राज्य के रूप में उभरेगा, बल्कि 20 लाख से अधिक श्रमिकों को पंजीकृत करने वाला पहला राज्य बन जाएगा। हमने 31 मार्च 2021 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य तय किया है।
अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार के मुताबिक, प्रदेश में इस साल 85 लाख ग्रामीण परिवारों के 1.4 करोड़ लोगों ने मनरेगा के तहत काम किया है जो अपने आपमें एक रिकॉर्ड है। इससे पहले वर्ष 2016-17 में 49.94 लाख ग्रामीण परिवारों और 2019-20 में 53.15 परिवारों ने काम किया था।
कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान प्रदेश सरकार ने राज्य में 35 लाख प्रवासियों के वापस लौटने को लेकर आंकड़े जारी किये थे। इसमें बड़ी संख्या में अपने गाँव को लौटे प्रवासी मजदूर भी रहे। केंद्र सरकार की ओर से अप्रैल में लॉकडाउन के दौरान मनरेगा में काम की छूट दिए जाने के बाद उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने मनरेगा में रोजगार के लिए आवेदन किया।
मनरेगा में 100 दिन पूरे करने वाले पंजीकृत मनरेगा मजदूरों को आवास सहायता योजना, महात्मा गाँधी पेंशन सहायता योजना, चिकित्सा सुविधा योजना, कौशल विकास तकनीकी प्रमाणन अवं उन्नयन योजना, कामगार गंभीर बीमारी सहायता योजना, आवासीय विद्यालय योजना, शौचालय सहायता योजना, मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना, सौर ऊर्जा सहायता योजना, कन्या विवाह सहायता योजना, मेधावी छात्र पुरस्कार योजना, विकलांगता सहयता एवं अक्षमता पेंशन योजना समेत 17 योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
राज्य के ग्रामीण विकास विभाग ने 31 मार्च 2021 तक मनरेगा के तहत 100 दिन का काम करने वाले 20 लाख मजदूरों का श्रम विभाग में पंजीकरण करने का लक्ष्य तय किया है। नए साल में श्रम विभाग में पंजीकृत होने वाले इन मनरेगा मजदूरों को सभी 17 योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में मजदूरों का पंजीकरण कराने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन सकता है और प्रदेश सरकार की ओर से की गई इस पहल से 20 लाख मनरेगा मजदूरों के जीवन में बदलाव आ सकता है।
350351-exjpl92x0aalgws
उत्तर प्रदेश में अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार ने यूएनआई न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में बताया कि इससे उत्तर प्रदेश न सिर्फ अधिक से अधिक रोजगार देने वाले राज्य के रूप में उभरेगा, बल्कि 20 लाख से अधिक श्रमिकों को पंजीकृत करने वाला पहला राज्य बन जाएगा। हमने 31 मार्च 2021 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य तय किया है।
अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार के मुताबिक, प्रदेश में इस साल 85 लाख ग्रामीण परिवारों के 1.4 करोड़ लोगों ने मनरेगा के तहत काम किया है जो अपने आपमें एक रिकॉर्ड है। इससे पहले वर्ष 2016-17 में 49.94 लाख ग्रामीण परिवारों और 2019-20 में 53.15 परिवारों ने काम किया था।
कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान प्रदेश सरकार ने राज्य में 35 लाख प्रवासियों के वापस लौटने को लेकर आंकड़े जारी किये थे। इसमें बड़ी संख्या में अपने गाँव को लौटे प्रवासी मजदूर भी रहे। केंद्र सरकार की ओर से अप्रैल में लॉकडाउन के दौरान मनरेगा में काम की छूट दिए जाने के बाद उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने मनरेगा में रोजगार के लिए आवेदन किया।