उत्तराखंड में अब खेती की ज़मीन पर भी बन सकेंगे रिसॉर्ट
Gaon Connection | Dec 11, 2025, 17:43 IST
उत्तराखंड सरकार ने विकास, पर्यटन और नागरिक जीवन सुधार के लिए ऐसे फैसले किए हैं, जो सीधे आम लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाएंगे। किसान, भूमिहीन, युवा प्रतियोगी परीक्षार्थी और शहरवासियों के लिए नई उम्मीदें और अवसर खुल रहे हैं
उत्तराखंड में अब विकास और पर्यटन की नई राह खुल रही है, लेकिन इसके केंद्र में सिर्फ़ इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं, बल्कि लोगों की जिंदगी भी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में 10 दिसंबर को हुई कैबिनेट बैठक में ऐसे कई निर्णय लिए गए, जो राज्य के आम नागरिक, किसान, युवा और पर्यावरण दोनों को लाभ पहुँचाएँगे।
सबसे अहम फैसलों में से एक है कृषि भूमि पर बिना भूमि उपयोग बदले रिसॉर्ट बनाने की अनुमति। इससे छोटे गांवों के लोग, जो अक्सर पर्यटन से जुड़ी नई संभावनाओं से दूर रहते थे, अब अपने घरों और जमीन को आर्थिक अवसर में बदल सकेंगे। पहाड़ी इलाकों में छह मीटर और मैदानी इलाकों में नौ मीटर की सड़क चौड़ाई तय करने से छोटे-छोटे गांवों तक भी पहुँच आसान होगी। कल्पना कीजिए, गांव के छोटे होटल और होमस्टे अब सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से विकसित हो सकेंगे।
लोकतंत्र और न्याय के क्षेत्र में भी एक बड़ा कदम उठाया गया। ‘उत्तराखंड जन विश्वास (संशोधन प्रावधान) अध्यादेश 2025’ के तहत छोटे अपराधों के लिए जेल की जगह जुर्माना लागू किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि आम आदमी को न्याय पाने में ज्यादा समय या खर्च नहीं करना पड़ेगा। ये फैसला उन लोगों के लिए राहत की तरह है, जिनकी रोज़मर्रा की जिंदगी छोटी-छोटी कानूनी झंझटों में फँस जाती थी।
पर्यावरण और निर्माण नीति में भी बदलाव हुआ। नई इमारतों के लिए ग्रीन बिल्डिंग मानकों के तहत अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) देने का प्रस्ताव मंजूर हुआ। इसका असर यह होगा कि लोग अब टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल तरीके से अपने घर और व्यवसाय के लिए निर्माण कर सकेंगे।
सामाजिक न्याय की ओर भी ध्यान दिया गया है। उधम सिंह नगर के भूमिहीन और विस्थापित कृषि मजदूरों को उनकी आवंटित भूमि का मालिकाना हक मिलने जा रहा है। कई वर्षों तक संघर्ष करने के बाद अब ये लोग अपनी मेहनत की जमीन पर लोन, बीमा और वित्तीय सुविधा भी हासिल कर सकेंगे। कल्पना कीजिए, एक परिवार, जिसे सालों से अपना आशियाना नहीं मिला, अब अपना घर और भविष्य सुरक्षित कर सके।
शहरों में बढ़ते ट्रैफिक और प्रदूषण से निपटने के लिए भी निर्णय लिए गए। रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए जीएसटी और रॉयल्टी में छूट से परियोजना तेजी से पूरी होगी, और पुराने बीएस-1 और बीएस-2 वाहनों को स्क्रैप करने पर 50% छूट दी जाएगी। इसका मतलब है कि बच्चे, बूढ़े और आम लोग अब ज्यादा साफ-सुथरे और सुरक्षित शहर में साँस ले सकेंगे।
युवाओं के लिए यह सरकार का बड़ा उपहार है। मुख्यमंत्री की युवा भविष्य निर्माण योजना के तहत, विश्वविद्यालयों और सरकारी/सहायता प्राप्त कॉलेजों के छात्रों को मुफ्त ऑनलाइन कोचिंग दी जाएगी। लाखों युवा, जो अपने सपनों की तैयारी में संघर्ष कर रहे थे, अब प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर अवसर पा सकेंगे।
सबसे अहम फैसलों में से एक है कृषि भूमि पर बिना भूमि उपयोग बदले रिसॉर्ट बनाने की अनुमति। इससे छोटे गांवों के लोग, जो अक्सर पर्यटन से जुड़ी नई संभावनाओं से दूर रहते थे, अब अपने घरों और जमीन को आर्थिक अवसर में बदल सकेंगे। पहाड़ी इलाकों में छह मीटर और मैदानी इलाकों में नौ मीटर की सड़क चौड़ाई तय करने से छोटे-छोटे गांवों तक भी पहुँच आसान होगी। कल्पना कीजिए, गांव के छोटे होटल और होमस्टे अब सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से विकसित हो सकेंगे।
लोकतंत्र और न्याय के क्षेत्र में भी एक बड़ा कदम उठाया गया। ‘उत्तराखंड जन विश्वास (संशोधन प्रावधान) अध्यादेश 2025’ के तहत छोटे अपराधों के लिए जेल की जगह जुर्माना लागू किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि आम आदमी को न्याय पाने में ज्यादा समय या खर्च नहीं करना पड़ेगा। ये फैसला उन लोगों के लिए राहत की तरह है, जिनकी रोज़मर्रा की जिंदगी छोटी-छोटी कानूनी झंझटों में फँस जाती थी।
पहाड़ी इलाकों में छह मीटर और मैदानी इलाकों में नौ मीटर की सड़क चौड़ाई तय करने से छोटे-छोटे गाँवों तक भी पहुँच आसान होगी।
पर्यावरण और निर्माण नीति में भी बदलाव हुआ। नई इमारतों के लिए ग्रीन बिल्डिंग मानकों के तहत अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) देने का प्रस्ताव मंजूर हुआ। इसका असर यह होगा कि लोग अब टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल तरीके से अपने घर और व्यवसाय के लिए निर्माण कर सकेंगे।
सामाजिक न्याय की ओर भी ध्यान दिया गया है। उधम सिंह नगर के भूमिहीन और विस्थापित कृषि मजदूरों को उनकी आवंटित भूमि का मालिकाना हक मिलने जा रहा है। कई वर्षों तक संघर्ष करने के बाद अब ये लोग अपनी मेहनत की जमीन पर लोन, बीमा और वित्तीय सुविधा भी हासिल कर सकेंगे। कल्पना कीजिए, एक परिवार, जिसे सालों से अपना आशियाना नहीं मिला, अब अपना घर और भविष्य सुरक्षित कर सके।
शहरों में बढ़ते ट्रैफिक और प्रदूषण से निपटने के लिए भी निर्णय लिए गए। रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए जीएसटी और रॉयल्टी में छूट से परियोजना तेजी से पूरी होगी, और पुराने बीएस-1 और बीएस-2 वाहनों को स्क्रैप करने पर 50% छूट दी जाएगी। इसका मतलब है कि बच्चे, बूढ़े और आम लोग अब ज्यादा साफ-सुथरे और सुरक्षित शहर में साँस ले सकेंगे।
युवाओं के लिए यह सरकार का बड़ा उपहार है। मुख्यमंत्री की युवा भविष्य निर्माण योजना के तहत, विश्वविद्यालयों और सरकारी/सहायता प्राप्त कॉलेजों के छात्रों को मुफ्त ऑनलाइन कोचिंग दी जाएगी। लाखों युवा, जो अपने सपनों की तैयारी में संघर्ष कर रहे थे, अब प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर अवसर पा सकेंगे।