0

'सोने से भी अधिक कीमती हिमालयी वियाग्रा को जलवायु परिवर्तन से खतरा'

गाँव कनेक्शन | Oct 23, 2018, 06:26 IST
#himalayan viagra
वाशिंगटन। सोने से अधिक कीमती और एशिया में 'हिमालयी वियाग्रा' के नाम से पहचाना जाने वाला कैटरपिलर फंगस (एक विशिष्ट तरह के पहाड़ी कीड़े पर उगने वाला फफूंद) जलवायु परिवर्तन के कारण मिलना मुश्किल हो गया है। शोधार्थियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

चीन और नेपाल में मुश्किल से मिलने वाले इस फफूंद 'यार्चागुम्बा' को लेकर झगड़ों में कई लोग मारे जा चुके हैं। जो लोग यार्चागुम्बा को चाय बनाने के लिए पानी में उबालते हैं या सूप में डालते हैं, उनका मानना है कि यह नपुंसकता से लेकर कैंसर तक के इलाज में कारगर है। हालांकि वैज्ञानिक तौर पर इसके फायदे साबित नहीं हुए हैं। प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में एक रिपोर्ट में कहा गया है। यह दुनिया की सबसे कीमती जैविक वस्तु है जो इसे एकत्रित करने वाले हजारों लोगों के लिए आय का अहम स्रोत है।

ये समुद्र तल से 3800 मीटर ऊंचाई पर हिमालय की पहाड़ियों में पाया जाता है। हालांकि इससे बनी दवा भारत में प्रतिबंधित है मगर आयुर्वेद के अनुसार ये शारीरिक शक्ति के साथ साथ श्वास और गुर्दे कि बीमारी के लिए फायेदेमंद है। साल 2001 में नेपाल में भी इस पर प्रतिबंध था मगर अब समाप्त हो गया है। ये कीड़ा भारत और तिब्बत में कुछ मात्र में मिलता है मगर नेपाल में ये बहुत अधिक संख्या में मिलता है। एक अनुमान के मुताबिक इसकी कीमत 60 लाख रुपए प्रति किलो है।

फोटो बीबीसी अर्थ से साभार

सर्दियों में इन पौधों से निकलने वाले रस के साथ ही यह पैदा होते हैं। मई-जून में यह कीड़े अपना जीवन चक्र पूरा कर लेते हैं और मर जाते हैं। मरने के बाद यह कीड़े पहाड़ियों में घास और पौधों के बीच बिखर जाते हैं। इस कीड़े की चीन में भारी मांग है और इसे इकट्ठा करने के लिए मई-जून में हजारों नेपाली पहाड़ियों का रुख करते हैं।

शोधकर्ताओं का कहना है कि हाल के दशकों में, इस कीड़े की लोकप्रियता बढ़ गयी है और इसके दाम आसमान छूने लगे हैं। बीजिंग में इसके दाम सोने की कीमत के मुकाबले तीन गुना अधिक तक जा सकते हैं। कई लोगों को संदेह है कि अत्यधिक मात्रा में इस फफूंद को एकत्र करने से इसकी कमी हो गई होगी। लेकिन शोधकर्ताओं ने इसकी वजह जानने के लिए इसे एकत्र करने वालों और व्यापारियों का साक्षात्कार किया।

उन्होंने पहले प्रकाशित वैज्ञानिक शोध का भी अध्ययन किया। इसमें नेपाल, भूटान, भारत और चीन में 800 से ज्यादा लोगों के साक्षात्कार भी शामिल है। क्षेत्र में यार्चागुम्बा उत्पादन का मानचित्र बनाने के लिए मौसम, भौगोलिक परिस्थितियां और पर्यावरणीय परिस्थितियों का भी अध्ययन किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब दो दशकों और चार देशों के आंकड़ों का इस्तेमाल करने पर पता चला कि 'कैटरपिलर फंगस' कम हो रहा है। मुख्य शोधकर्ता केली होपिंग ने कहा कि यह शोध महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें ध्यान देने की मांग की गई है कि कैटरपिलर फंगस जैसी कीमती प्रजातियां ना केवल अत्यधिक मात्रा में एकत्रित किए जाने के कारण कम हो रही हैं बल्कि इन पर जलवायु परिवर्तन का असर भी पड़ रहा है। (एएफपी)



Tags:
  • himalayan viagra
  • yarsagumba
  • caterpillars
  • viagra more expensive than gold
  • climate change effect on himalayan viagra

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.