योगी सरकार ने गन्ना किसानों को किया सबसे बड़ा भुगतान : सुरेश राणा
गाँव कनेक्शन | Oct 08, 2018, 07:30 IST
लखनऊ (भाषा)। देशभर में किसानों की नाराजगी के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि उनके प्रयासों का असर आगामी दो-तीन सालों में दिखेगा। सरकार ने गन्ना किसानों के बकाये के मुद्दे पर खुद को पिछली सरकार से बेहतर बताया।
उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेश राणा ने सोमवार को कहा कि भाजपा सरकार की ओर से राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए किये जा रहे प्रयासों का असर आने वाले दो से तीन साल में नजर आएगा। राणा ने भाषा से बातचीत में कहा, ''बात चाहे एक्सप्रेसवे की हो, बुंदेलखंड के विकास की हो, किसानों की आय दोगुनी करने की या फिर रोजगार के बड़े अवसर सृजित करने की हो, राज्य सरकार की ओर से जो योजनाएं और कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं, उनका असर आने वाले दो से तीन साल में देखने को मिलेगा।''
सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि ये कहना गलत है कि कोई योजना शुरू की जाए तो उसके त्वरित परिणाम सामने दिखने लगेंगे। योजना को आकार लेने में और उसे भलीभांति कार्यान्वित करने में कुछ समय लगता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदत्यिनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के चौतरफा विकास के लिए प्रतिबद्ध है। गन्ना किसानों के सवाल पर राणा ने कहा कि अखिलेश के मुख्यमंत्री रहते तीन तीन साल तक गन्ना किसानों को भुगतान नहीं मिला था। इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि उनके समय का बकाया 4500 करोड़ रुपए का गन्ना किसानों का भुगतान योगी सरकार ने कराया। इस बार भी हम गन्ना किसानों को 25 हजार 460 करोड़ रुपए का भुगतान करा चुके हैं। यह आजादी के बाद का सबसे बड़ा भुगतान है।
उन्होंने कहा, ''जब वह (अखिलेश) मुख्यमंत्री थे तो प्रदेश में 18 हजार करोड़ रुपए का गन्ना किसानों से खरीदा गया था। इस बार हमने साढ़े 33 हजार करोड़ रुपए का गन्ना किसानों से खरीदा है जो पिछली खरीद से लगभग दो गुना है।'' राणा ने कहा, ''पेराई भी उनके (अखिलेश के) समय में कम हुई। 2015-16 में चुनावी वर्ष था, तब 64 करोड़ कुंतल गन्ने की पेराई पूरे प्रदेश में की गयी थी। इस बार हमने 111 करोड़ कुंतल गन्ने की पेराई की है।''
उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेश राणा ने सोमवार को कहा कि भाजपा सरकार की ओर से राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए किये जा रहे प्रयासों का असर आने वाले दो से तीन साल में नजर आएगा। राणा ने भाषा से बातचीत में कहा, ''बात चाहे एक्सप्रेसवे की हो, बुंदेलखंड के विकास की हो, किसानों की आय दोगुनी करने की या फिर रोजगार के बड़े अवसर सृजित करने की हो, राज्य सरकार की ओर से जो योजनाएं और कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं, उनका असर आने वाले दो से तीन साल में देखने को मिलेगा।''
सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि ये कहना गलत है कि कोई योजना शुरू की जाए तो उसके त्वरित परिणाम सामने दिखने लगेंगे। योजना को आकार लेने में और उसे भलीभांति कार्यान्वित करने में कुछ समय लगता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदत्यिनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के चौतरफा विकास के लिए प्रतिबद्ध है। गन्ना किसानों के सवाल पर राणा ने कहा कि अखिलेश के मुख्यमंत्री रहते तीन तीन साल तक गन्ना किसानों को भुगतान नहीं मिला था। इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि उनके समय का बकाया 4500 करोड़ रुपए का गन्ना किसानों का भुगतान योगी सरकार ने कराया। इस बार भी हम गन्ना किसानों को 25 हजार 460 करोड़ रुपए का भुगतान करा चुके हैं। यह आजादी के बाद का सबसे बड़ा भुगतान है।
उन्होंने कहा, ''जब वह (अखिलेश) मुख्यमंत्री थे तो प्रदेश में 18 हजार करोड़ रुपए का गन्ना किसानों से खरीदा गया था। इस बार हमने साढ़े 33 हजार करोड़ रुपए का गन्ना किसानों से खरीदा है जो पिछली खरीद से लगभग दो गुना है।'' राणा ने कहा, ''पेराई भी उनके (अखिलेश के) समय में कम हुई। 2015-16 में चुनावी वर्ष था, तब 64 करोड़ कुंतल गन्ने की पेराई पूरे प्रदेश में की गयी थी। इस बार हमने 111 करोड़ कुंतल गन्ने की पेराई की है।''