यूपी की कृषि मंडियों में लागू होगी ई-नीलामी व्यवस्था
गाँव कनेक्शन | Sep 16, 2016, 16:02 IST
लखनऊ। प्रदेश की कृषि मंडियों में किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए ई-ऑक्शन (ई-नीलामी) की व्यवस्था को लागू करने का फैसला किया गया है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार 18 दिसम्बर को मंत्रिपरिषद की बैठक हुई।बैठक में राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद की कृषि मंडियों में ई-आक्शन की व्यवस्था लागू किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।
ई-आक्शन की व्यवस्था के अन्तर्गत किसान अपनी उपज को उचित मूल्य पर बेच सकेंगे। किसान अपनी उपज लेकर जब मण्डी स्थल में जाएगा, तो वहां पर उसकी उपज की क्वालिटी, टेस्टिंग लैब द्वारा की जाएगी। उसके बाद गुणवत्ता प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। उपज का गुणवत्ता प्रमाण-पत्र तथा अन्य विवरण नीलामी हेतु साफ्टवेयर के माध्यम से पोर्टल पर डाल दिया जाएगा। रजिस्टर्ड लाइसेंसी, जो किसी भी मण्डी के हो सकते हैं, उनके द्वारा नीलामी में आनलाइन बोली लगाई जाएगी। सबसे अधिक प्राप्त बोली पर यदि किसान सहमत होता है, तो अपनी उपज बेचने के लिए उक्त दर को साफ्टवेयर पर लॉक करा सकता है।
ई-आक्शनव्यवस्था के अन्तर्गत व्यापारी को अधिकतम बोली के अनुसार किसान से माल खरीदना पड़ेगा एवं भुगतान करना होगा। भुगतान की व्यवस्था ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही रूप में उपलब्ध होगी। यदि किसान लगायी गयी बोली से सहमत नहीं होता है,तो पोर्टल में उपलब्ध किसी भी वेयर हाउस में अपना माल रखवा सकता है तथा जब उसे उचित लगे तब पुनः बोली लगवा सकता है।
मंत्रिपरिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी नियमावली-1965 में संसोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गयी है। साथ ही, सुल्तानपुर मण्डी समिति में पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद इस व्यवस्था को प्रदेश के सभी मण्डियों में लागू किये जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार 18 दिसम्बर को मंत्रिपरिषद की बैठक हुई।बैठक में राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद की कृषि मंडियों में ई-आक्शन की व्यवस्था लागू किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।
ई-आक्शन की व्यवस्था के अन्तर्गत किसान अपनी उपज को उचित मूल्य पर बेच सकेंगे। किसान अपनी उपज लेकर जब मण्डी स्थल में जाएगा, तो वहां पर उसकी उपज की क्वालिटी, टेस्टिंग लैब द्वारा की जाएगी। उसके बाद गुणवत्ता प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। उपज का गुणवत्ता प्रमाण-पत्र तथा अन्य विवरण नीलामी हेतु साफ्टवेयर के माध्यम से पोर्टल पर डाल दिया जाएगा। रजिस्टर्ड लाइसेंसी, जो किसी भी मण्डी के हो सकते हैं, उनके द्वारा नीलामी में आनलाइन बोली लगाई जाएगी। सबसे अधिक प्राप्त बोली पर यदि किसान सहमत होता है, तो अपनी उपज बेचने के लिए उक्त दर को साफ्टवेयर पर लॉक करा सकता है।
ई-आक्शनव्यवस्था के अन्तर्गत व्यापारी को अधिकतम बोली के अनुसार किसान से माल खरीदना पड़ेगा एवं भुगतान करना होगा। भुगतान की व्यवस्था ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही रूप में उपलब्ध होगी। यदि किसान लगायी गयी बोली से सहमत नहीं होता है,तो पोर्टल में उपलब्ध किसी भी वेयर हाउस में अपना माल रखवा सकता है तथा जब उसे उचित लगे तब पुनः बोली लगवा सकता है।
मंत्रिपरिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी नियमावली-1965 में संसोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गयी है। साथ ही, सुल्तानपुर मण्डी समिति में पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद इस व्यवस्था को प्रदेश के सभी मण्डियों में लागू किये जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया है।