य़ाददाश्त बढ़ानी है, आजमाएं कोकोनट मिल्क

डॉ दीपक आचार्य | Sep 16, 2016, 16:03 IST
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कोकोनट मिल्क का नाम सुना है आपने? नारियल की मलाई, कच्चे पानी वाले नारियल के अन्दर सफेद नर्म मलाई होती है, कई लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं, मैं तो इसे खाने से कभी चूकता भी नहीं। इस मलाई में 25प्रतिशत वसा (FAT)

होती है इस वसा का लगभग 65 प्रतिशत हिस्सा MCT -Medium Chain Triglycerides (एमसीटी- मीडियम चैन ट्रिग्लीसेराइड्स) होता है यानि ये वो वसा नहीं जिसकी दहशत में आधे लोग कई खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं। एमसीटी हमारी शरीर की पूरी सेहत और खास तौर से मस्तिष्क के लिए बेजा खास होते हैं। मेरे बचपन की गर्मियों की छुट्टियों का बड़ा हिस्सा आंध्रप्रदेश के ईस्ट गोदावरी जिले के समुद्र तटीय इलाकों में बीता है, बुजुर्ग नाना जी अक्सर मुझे ताजे नारियल की मलाई खिलाया करते थे, ये कहा करते थे कि इसको खाओ, नींद अच्छी आएगी और याददाश्त भी बढ़ेगी। सन 2004 में "न्यूरोबॉयोलोजी ऑफ एजिंग" जर्नल की एक शोध रिपोर्ट पढ़ रहा था तो मेरे सामने मेरे नानाजी की बातें बार-बार चल कर आ रहीं थी। इस बहुप्रचलित विज्ञान पत्रिका में प्रकाशित इस क्लिनिकल शोध रिपोर्ट में बताया गया करीब 20 बुजुर्गों को एमसीटी (40 मिली) की सिर्फ एक डोज़ दी गयी और पाया गया कि इन तमाम बुजुर्गों के मानसिक क्रियाकलापों और याददाश्त में कमाल का तेजी आयी। ये डो़ज़ कोई महीनों, दिनों या घंटों तक नहीं दिया गया, ये डो़ज़ सिर्फ एक बार का था। एमसीटी का इतना प्रभाव और वो भी इतनी त्वरित गति से, क्या आपको कुछ सोचने पर बाध्य नहीं कर रहा? मैं तो मानता हूँ कि अल्जीमियर्स के रोगियों को भी रोज नारियल पानी, नारियल की गिरी और खासतौर से नारियल की मलाई रोज खिलाने का प्रयास करें, फायदा हो कर रहेगा।


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