फसलों को बर्बाद कर रहा लाल पानी, ग्रामीण करेंगे चुनाव का बहिष्कार
Tameshwar Sinha | Apr 17, 2019, 13:10 IST
बालोद (छत्तीसगढ़)। खदान की पहाड़ी से नीचे बहकर आने वाला लाल पानी ने फसलों को बर्बाद कर दिया है, पानी से परेशान ग्रामीण पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं और इस बार चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं।
बालोद जिले के विधानसभा क्षेत्र के कुमुड़कट्टा और नलकसा के ग्रामीण पिछले 47 साल से लाल पानी की समस्या से जूझ रहे हैं, माइंस की पहाड़ी से बहकर आने वाले लाल पानी फाईन्सयुक्त मिट्टी के कारण इनके खेतो मे सही ढ़ंग से फसल उग नही पाता है। दोनों गांव में लगभग तीन हजार से अधिक मतदाता है।
कुमुड़कट्टा और नलकसा गांव जिनकी बसाहट महामाया माइंस पहाड़ी का निचला हिस्सा है। महामाया माइंस के पहाड़ी से बह कर आने वाले लाल पानी व फाईन्सयुक्त मिट्टी इन ग्रामीणो के लिये परेशानी का कारण बन गया है। लाल युक्त पानी सीधे इनके खेतो मे बह कर जाता है जिसके चलते इनके खेतो मे सही ढ़ंग से फसल उग नही पाता है।
ग्रामीण तुलसीराम बघेल कहते हैं, "पिछले कई सालों से इस समस्या से निजात पाने ये अपनी आवाज बुलंद करते रहे लेकिन आवाज इसी माइंस पहाड़ी मे ही दब कर रह गयी है।"
कुमुड़कट्टा गांव के ग्रामीण महेंद्र कहते हैं, "पहाड़ी से कोई खास लाभ हासिल नहीं हो पाया है। हम 14 दिन से धरने पर बैठे हुए है। खेत लाल पानी के चलते बंजर हो चुकी है। महेंद्र आगे कहते है काफी समय से हम लोग अपनी मांगो को लेकर लगातार लड़ाई लड़ाई कर रहे हैं। लेकिन उन्हे आज तक इसका सही हल नही मिल पाया। अब परेशान होकर हम सब ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का एलान कर दिया है।
लाल पानी प्रभावित परिवार अब जनमुक्ति मोर्चा ब्लाक इकाई कुमुड़कट्टा के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव बहिष्कार का एलान कर 15 दिन से धरने पर बैठे हैं।
बालोद जिले के विधानसभा क्षेत्र के कुमुड़कट्टा और नलकसा के ग्रामीण पिछले 47 साल से लाल पानी की समस्या से जूझ रहे हैं, माइंस की पहाड़ी से बहकर आने वाले लाल पानी फाईन्सयुक्त मिट्टी के कारण इनके खेतो मे सही ढ़ंग से फसल उग नही पाता है। दोनों गांव में लगभग तीन हजार से अधिक मतदाता है।
कुमुड़कट्टा और नलकसा गांव जिनकी बसाहट महामाया माइंस पहाड़ी का निचला हिस्सा है। महामाया माइंस के पहाड़ी से बह कर आने वाले लाल पानी व फाईन्सयुक्त मिट्टी इन ग्रामीणो के लिये परेशानी का कारण बन गया है। लाल युक्त पानी सीधे इनके खेतो मे बह कर जाता है जिसके चलते इनके खेतो मे सही ढ़ंग से फसल उग नही पाता है।
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ग्रामीण तुलसीराम बघेल कहते हैं, "पिछले कई सालों से इस समस्या से निजात पाने ये अपनी आवाज बुलंद करते रहे लेकिन आवाज इसी माइंस पहाड़ी मे ही दब कर रह गयी है।"
कुमुड़कट्टा गांव के ग्रामीण महेंद्र कहते हैं, "पहाड़ी से कोई खास लाभ हासिल नहीं हो पाया है। हम 14 दिन से धरने पर बैठे हुए है। खेत लाल पानी के चलते बंजर हो चुकी है। महेंद्र आगे कहते है काफी समय से हम लोग अपनी मांगो को लेकर लगातार लड़ाई लड़ाई कर रहे हैं। लेकिन उन्हे आज तक इसका सही हल नही मिल पाया। अब परेशान होकर हम सब ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का एलान कर दिया है।
लाल पानी प्रभावित परिवार अब जनमुक्ति मोर्चा ब्लाक इकाई कुमुड़कट्टा के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव बहिष्कार का एलान कर 15 दिन से धरने पर बैठे हैं।