नववर्ष 2017 में सेहतमंदी की बात हो

Deepak AcharyaDeepak Acharya   1 Jan 2017 7:17 PM GMT

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नववर्ष 2017 में सेहतमंदी की बात होफोटो साभार: गूगल।

नववर्ष 2017 के आगमन को लेकर हम सब बेहद उत्साहित हैं। ज्यादातर लोग नए साल में स्वस्थ बने रहने का प्रण लेंगे और कई लोग अपनी दिनचर्या को बेहतर करने का मन बनाएंगे। पिछले चार वर्षों से आप सब से “हर्बल आचार्य” के माध्यम से जुड़ा होना मेरे लिए बहुत खास है, वजह खास है...”हर्बल आचार्य” पढ़ने के बाद आप सब पाठकों की सकारात्मक प्रतिक्रियाएं।

इस कॉलम के जरिये मैं आपके स्वास्थ्य संबंधित सवालों के जवाब “सवाल सेहत का” के साथ देता भी रहा हूं और मेरी बतायी जानकारियों को अमल लाकर जिन्हें फायदा मिला उन्होंने मुझे खूब आशीर्वाद भी दिया है। नये साल में आपके सेहतमंद बने रहने की शुभकामनाओं के साथ मैं उन खास चुनिंदा नुस्खों को लेकर आ रहा हूं जिनके असर को हमारे अखबार के पाठकों और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर हजारों लोगों ने खूब सराहा। उम्मीद है इन सामान्य से समझ पड़ने वाले नुस्खों को आप अपनी सेहत दुरुस्ती के लिए इस नए साल में भी अपनाएंगे ताकि आप बने रहें एकदम चुस्त और दुरुस्त। चलिए अपनी पोटली से उन चंद नुस्खों को निकालता हूं जिन्हें सदियों से पारंपरिक तौर पर वनवासी अपनाए हुए हैं, जो बेहद कारगर हैं और जिनके दम को आधुनिक विज्ञान ने भी माना है और इन नुस्खों को गाँव कनेक्शन के माध्यम से आप तक पहुंचाकर मुझे ख़ुशी हुई और कई लोगों को राहत भी खूब मिली।

सर्दी-खांसी और सायनुसायटिस से परेशान हैं? रोज एक गिलास ताज़ा अन्नानस (पाइनेप्पल) का जूस जरूर पी लें, वो भी सिर्फ दो से तीन दिन तक, किसी भी वक्त..आपको आराम मिल जाएगा। दरअसल अन्नानस में पाया जाने वाला रसायन “ब्रोमेलेन” अलग-अलग प्रकार के एंजाइम्स का मिश्रण है, ये रसायन सर्दी-खांसी में बनने वाले म्युकस की अच्छी खासी खबर ले लेता है और ये क्लिनिकल स्टडीज़ में प्रमाणित भी हुआ है और तो और ये सायनुसायटिस में भी कमाल का असर करता है।

काली मिर्च से वजन और हाइपो-थायरॉयड दोनों सम्हालें:

पिपेराईन, एक खास रसायन है जो काली मिर्च में खूब पाया जाता है। कमाल का फ़ैट बर्नर है ये यानी वसा के विघटन के लिए खासम-खास। अक्सर महिलाओं में थायरॉक्सिन लेवल कम होने से तेजी से वजन बढ़ता है। पेपेराईन इस समस्या से छुटकारा दिला सकता है जिन्हें हाईपोथायरॉइड की समस्या है, सिर्फ सात काली मिर्च कुचलकर 15 दिनों तक रोज सुबह एक बार, एक साथ खा लें, 15 दिन के भीतर ही असर दिखायी देने लगेगा।

नींद अच्छी लाना हो और तनाव दूर भगाना हो तो चीकू जरूर खाएं:

चीकू सिर्फ स्वाद में खास नहीं है, इसके गुण भी कमाल के होते हैं। इसके औषधीय गुणों में से एक है इसका उपशामक यानी Sedative होना। सामान्यत: जिन्हें तनाव, अनिद्रा या चिड़चिड़ेपन की शिकायत होती है उन्हें डॉक्टर्स Sedative औषधियां देते हैं। रसायनिक और संश्लेषित दवाओं के बुरे असर को पूरी दुनिया जानती है, पर मजबूरी में समस्याओं के त्वरित निवारण के लिए इन्हीं घातक दवाओं की शरण में जाना पड़ता है। अब बताता हूं एक प्राकृतिक Sedative के बारे में, चीकू को पारंपरिक जानकार तनाव और मानसिक अशांति से ग्रस्त रोगियों को खिलाने की सलाह देते हैं। जिन्हें नींद ना आने की शिकायत हो, उन्हें प्रतिदिन सोने से पहले से कम से कम एक या दो चीकू जरूर खाना चाहिए, धीरे-धीरे इस समस्या की विदाई हो जाएगी। अनेक मानसिक समस्याओं जैसे MDD (Major Depressive Disorder), Unipolar Disorder आदि के लिए भी चीकू का सेवन खास है। नींद अच्छी लाना हो और तनाव दूर भगाना हो तो सोने से पहले चीकू जरूर खाना शुरू करिए।

य़ाददाश्त बढ़ानी है, दावे से बढ़ेगी, इसे आजमाओ:

कोकोनट मिल्क का नाम सुना है आपने? नारियल की मलाई..कच्चे पानी वाले नारियल के अन्दर सफेद नर्म मलाई होती है, कई लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं, मैं तो इसे खाने से कभी चूकता भी नहीं। इस मलाई में 25 फीसदी वसा होता है इस वसा का लगभग 65 फीसदी हिस्सा MCT (Medium Chain Triglycerides) होता है यानि ये वो वसा नहीं जिसकी दहशत में आधे लोग कई खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं। MCT हमारी शरीर की पूरी सेहत और खास तौर से मस्तिष्क के लिए बेजा खास होते हैं। मेरे बचपन की गर्मियों की छुट्टियों का बड़ा हिस्सा आंध्रप्रदेश के ईस्ट गोदावरी जिले के समुद्र तटीय इलाकों में बीता है, बुजुर्ग नाना जी अक्सर मुझे ताजे नारियल की मलाई खिलाया करते थे, ये कहा करते थे कि इसको खाओ, नींद अच्छी आएगी और याददाश्त भी बढ़ेगी। सन 2004 में “न्यूरोबॉयोलोजी ऑफ एजिंग” जर्नल की एक शोध रिपोर्ट पढ़ रहा था तो मेरे सामने मेरे नानाजी की बातें बार-बार चल कर आ रही थीं।

इस बहुप्रचलित विज्ञान पत्रिका में प्रकाशित इस क्लिनिकल शोध रिपोर्ट में बताया गया करीब 20 बुजुर्गों को MCT (40 मिली) की सिर्फ एक डोज़ दी गई और पाया गया कि इन तमाम बुजुर्गों के मानसिक क्रियाकलापों और याद्दाश्त में कमाल की तेजी आई। ये डोज़ कोई महीनों, दिनों या घंटों तक नहीं दिया गया, ये डोज़ सिर्फ एक बार का था। MCT का इतना प्रभाव और वो भी इतनी त्वरित गति से, क्या आपको कुछ सोचने पर बाध्य नहीं कर रहा? मैं तो मानता हूं कि अल्जीमियर्स के रोगियों को भी रोज नारियल पानी, नारियल की गिरी और खासतौर से नारियल की मलाई रोज खिलाने का प्रयास करें, फायदा हो कर रहेगा।

वनवासी मानते हैं कि हर मर्ज़ का इलाज रोगी के घर से 20 किमी के दायरे में ही होता है, बशर्ते हमें उनकी समझ हो। नए साल में हम सभी मिलकर प्रयास करें कि हमारे देश के पारंपरिक ज्ञान की समझ को हम बेहतर तरीके से अपनाएं, इसे बचाने की कवायद करें और जन जन तक पहुंचाने का जिम्मा लें। आप सभी को नव वर्ष 2017 की मंगल शुभकामनाएं।

(लेखक हर्बल विषयों के जानकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)

      

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