सर्दियों में बचकर रहें ब्रांकाइटिस से, जानें लक्षण और बचाव

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सर्दियों में बचकर रहें ब्रांकाइटिस से, जानें लक्षण और बचावब्रांकाइटिस फेफड़ों में बहती हुई हवा और ऑक्सीजन के प्रवाह को कम कर देती है, जिससे वायु मार्ग में कफ़ और बलगम बन जाता है।

लखनऊ। ब्रांकाइटिस यानि कफ वाली खांसी इससे आजकल काफी लोग परेशान हैं। इसमें श्वसनी की दीवारें इन्फेक्शन व सूजन की वजह से अनावश्यक रूप से कमजोर हो जाती हैं जिसकी वजह से इनका आकार नलीनुमा न रहकर गुब्बारेनुमा हो जाता है। ब्रांकाइटिस फेफड़ों में बहती हुई हवा और ऑक्सीजन के प्रवाह को कम कर देती है, जिससे वायु मार्ग में कफ़ और बलगम बन जाता है। इसके बारे में लखनऊ के चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ अमन सिंह बता रहे हैं-

प्रकार

ब्रांकाइटिस दो प्रकार का होते हैं पहला दीर्घकालीन और दूसरा तेज ब्रांकाइटिस। दीर्घकालीन ब्रांकाइटिस में महीनों और सालों तक बलगम वाली खांसी रहती है और रोगी को श्वांस संबंधी परेशानी भी होने लगती है। तीव्र ब्रांकाइटिस इस तरह के ब्रांकाइटिस में बुखार और फ्लू होता है। वहीं दूसरी ओर दीर्घकालीन ब्रांकाइटिस की सबसे बड़ी वजह होती है अधिक धूम्रपान व शराब का सेवन। लेकिन ब्रांकाइटिस की और भी मुख्य वजह हैं जैसे यह रोग विषैली गैस, धूल, प्रदूषण और चूल्हे से निकलने वाले धुएं से भी होता है।

लक्षण

  • सांस लेते हुए घरघराहट की आवाज आना।
  • हांफने की दिक्कत होना।
  • बलगम वाली खांसी होना। जिसमें बलगम का रंग पीला, सफेद, हरा और भूरे रंग का होता है।
  • नाक का बंद रहना ।
  • सर्दी-जुकाम बने रहना।
  • बुखार आना।
  • सूजन और जलन होना।
  • सीने में जलन, दर्द और बेचैनी होना।

कारण

ब्रांकाइटिस एक ऐसा रोग है जो फेफड़ों तक हवा को पहुंचने में अवरोध पैदा करती है जिससे बलगम और कफ शरीर में बनने लगता है। ब्रांकाइटिस रोग लगने की सबसे अधिक संभावना छोटे बच्चों, बड़ों के अलावा अधिक धूम्रपान करने वाले लोगों और जो लोग धूएं में अधिक काम करते हैं उन्हें हो सकती है।

ब्रांकाइटिस में सावधानी

यदि आप ब्रांकाइटिस की समस्या से बचना चाहते हैं तो आपको अपनी कुछ आदतों में बदलाव लाना होगा जैसे खाना खाने से पहले अपने हाथों को अच्छे से साफ करें, जिन्हें अधिक सर्दी-जुकाम लगता हो उन लोगों से दूर रहें, चूल्हे, प्रदूषण या धूएं वाली जगह से बचें। अधिक धूम्रपान न करें, बच्चों को नियमित रूप से टीका लगवाएं और जिन लोगों की उम्र 50 से 60 के बीच या ऊपर है उन्हें निमोनिया का टीका जरूर लगवाना चाहिए।

ब्रांकाइटिस का घरेलू उपचार

  • दो चम्मच शहद में, दो चम्मच अदरक के रस को मिलाकर सेवन करने से ब्रांकाइटिस रोग ठीक होता है।
  • हरड़ का चूर्ण और सौंठ जो कि अदरक का चूर्ण कहलता है। इन्हें बराबर मात्रा में अच्छे से मिला लें और इस चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने से ब्रांकाइटिस से निजात मिलता है।
  • रोज एक आंवले का मुरब्बा या आंवले से बना हुआ जाम को खाने से ब्रांकाइटिस रोग ठीक होता है।
  • सेब का सेवन करने से भी ब्रांकाइटिस रोग में राहत मिलती है।
  • दूध में चीनी की जगह शहद मिलाकर पीने से भी ब्रांकाइटिस में राहत मिलती है।
  • शहद को दूध में मिलाकर पीने से कफ वाली खांसी भी ठीक होती है।
  • पांच ग्राम सौंठ और दस ग्राम गुड़ को मिलाकर सेवन करने से ब्रांकाइटिस ठीक होता है। इस उपाय को लगातार एक महीने करने से आपको अच्छे परिणाम मिलेगें।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

    

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