नारियल तेल की तो बात ही अलग है

Deepak AcharyaDeepak Acharya   20 Dec 2016 8:28 PM GMT

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नारियल तेल की तो बात ही अलग हैनारियल तेल में उपस्थित कैप्रिक एसिड हमारे शरीर में पहुंचकर मोनोकैप्रिन बनाता है जो एड्स और हर्पिस जैसे खतरनाक वायरस से लड़ने में सक्षम साबित हुआ है।

भारत, श्रीलंका, थाईलैंड, फिलीपीन्स जैसे देशों में नारियल के तेल को अनेक रूप से उपयोग में लाया जाता है और इन्हीं देशों में इसे व्यवसायिक तौर पर उत्पादित भी किया जाता है। एक दौर था जब अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में नारियल तेल का भरपूर उपयोग किया जाता था लेकिन 1970 के दशक में कॉर्न और सोयाबीन तेल के उत्पादकों द्वारा नारियल तेल का बेहद कुप्रचार किया गया और दलीलें दी गयी कि यह हमारे शरीर के लिए कई मायनों में हानिकारक है।

सन 2000 के बाद आधुनिक शोध रिपोर्ट्स से जानकारी मिलना शुरू हुई कि नारियल का तेल बेहद गुणकारी है। नारियल का तेल नारियल के फल से निकाला से जाता है और जब ताज़े नारियल से इसका तेल प्राप्त होता है तो इसे वर्जिन कोकोनट ओईल कहा जाता है और ज्यादा बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने के लिए उद्योग तमाम केमिकल प्रोसेसिंग्स और ब्लीचींग आदि के बाद इसे बाज़ार में लाते हैं। चलिए इस सप्ताह आप सब पाठकों को नारियल तेल के खास गुणों से परिचित करवाता हूं, इसमें से ऐसे कई गुण होंगे जिनके बारे में आपने शायद पहले कभी सुना नहीं हो।

बालों की सेहत

नारियल का तेल आपके बालों की सेहत के लिए प्रकृति का सबसे बढ़िया पोषक उपाय है, ये बालों की सेहत दुरुस्त करने में खास कारगर साबित होता है। जो लोग नित्य अपने बालों में नारियल का तेल लगाते है उनके बाल चमकदार तो बनते ही हैं इसके अलावा बालों की जड़ों से प्रोटीन की कमी को दूर करने में भी नारियल कारगर होता है। नहाने के बाद नारियल तेल लगाते रहने से बालों में डेंड्रफ नहीं आते है।

रक्त शर्करा नियंत्रण

आधुनिक शोध बताते हैं कि नारियल तेल का सेवन करने वाले लोगों की रक्त शर्करा ज्यादातर नियंत्रित रहती है क्योंकि नारियल तेल इंसुलिन के स्रावण में तेजी लाने में मददगार होता है। गार्वन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च ने अपने शोध परिणामों से साबित किया है कि नारियल तेल में मीडियम चैन फैटी एसिड्स होते हैं जो टाइप 2 डायबिटीज को होने से रोकने में मददगार होते हैं। इस तरह के फैट कोशिकाओं में आसानी से अवशोषित हो जाते है और त्वरित तौर पर ऊर्जा में परिवर्तित हो जाते है, इस प्रक्रिया से इंसुलिन बनने की प्रक्रिया में तेजी आती है।

हृदय रोग निवारण

अनेक भ्रांतियां ऐसी हैं कि नारियल का तेल दिल के मरीजों के लिए ठीक नहीं क्योंकि इसमें सैचूरेटेड फैट होते हैं। हृदय की सेहत के लिए नारियल तेल अतिउत्तम साबित हुआ है। नारियल तेल में करीब 50% लौरिक अम्ल पाए जाते है जो कॉलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता हैं। इसके सेवन से एलडीएल के लेवल में कोई फर्क नहीं आता और ये तो हृदय की धमनियों में होने वाले नुकसान को ठीक करने में मदद करता है।

अर्थरायटिस में राहत

एक अत्याधुनिक शोध से प्राप्त परिणाम बताते हैं कि वर्जिन कोकोनट ओईल का इस्तेमाल कर जोड़ दर्द वाले हिस्सों में दिन में दो बार आहिस्ता-आहिस्ता मालिश की जाए तो जल्द अर्थरायटिस जैसी समस्या में आराम मिलता है। इस शोध में ये भी बताया गया कि जिन मरीजों को हल्के गर्म नारियल तेल से मालिश की गयी उन्हें अर्थरायटिस की समस्या में राहत तो मिली ही, साथ ही हाथ पैर में सूजन, दाह और जोड़ दर्द में भी काफी आराम मिला।

वजन कम करना

कई शोध परिणाम दर्शाते हैं कि नारियल तेल का इस्तेमाल कर आप अपना वजन भी कम कर सकते हैं। इसमें पाए जाने वाले मीडियम-चैन फैटी एसिड्स वजन कम करने में मददगार होते हैं। ये फैटी एसिड्स आसानी से पच जाते हैं और थॉयरायड और एंडोक्राइन सिस्टम को सुचारु करने में मदद भी करते हैं। हमारे शरीर के पेंक्रियाज़ में तनाव पैदा कर मेटाबॉलिक क्रियाविधियों को सुचारु बनाने के अलावा ये फैटी एसिड्स वजन कम करने में मददगार साबित होते हैं और शायद यही वजह है कि समुद्र तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग जो ज्यादा नारियल तेल का सेवन करते हैं अक्सर दुबले पतले और चपल होते हैं।

एंटी-वायरल गुण

नारियल तेल में लॉरिक एसिड के अलावा एक खास रसायन और पाया जाता है जिसे कैप्रिक एसिड कहते हैं। जब भी नारियल तेल का सेवन किया जाए तो इसमें उपस्थित कैप्रिक एसिड हमारे शरीर में पहुंचकर मोनोकैप्रिन बनाता है जो कि एड्स और हर्पिस जैसे खतरनाक वायरस से लड़ने में सक्षम साबित हुआ है। दुनियाभर के अनेक शोधार्थी इस शोध में लगे हुए हैं कि क्या एड्स, हिपेटायटिस सी जैसे रोगों से लड़ने के लिए नारियल तेल कितना प्रभावी हो सकता है।

त्वचा की सुरक्षा

त्वचा की सुरक्षा और बेहतर रखरखाव के लिए नारियल तेल को जरूर उपयोग में लाया जाना चाहिए। नारियल तेल एक बेहतरीन मॉइस्चरायजर है और माना जाता है कि इसका प्रभाव किसी भी मिनरल ऑइल से बेहतर होता है और इसके इस्तमाल से त्वचा पर किसी भी तरह साइड इफेट्क्स भी नहीं होते। पारंपरिक हर्बल जानकारों के दावों के अनुसार नारियल तेल के इस्तमाल से चेहरे पर झुर्रियां जल्द नहीं आती और त्वचा के अनेक रोगों जैसे सोरायसिस, डर्माटायटिस, एक्जिमा आदि को भी रोकने में मददगार होता है और इसी वजह से इसे अनेक कॉस्मेटिक प्रोड्क्ट्स के निमार्ण में इस्तमाल में लाया जाता है। अपने एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों की वजह से नारियल तेल असमय बुढ़ापे और डिजेनेरेटिव रोगों से जुड़े अनेक उत्पादों में महत्वपूर्ण अंग की तरह इस्तेमाल में आता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास

हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधकता के लिए नारियल तेल बेहद खास है, बशर्ते इसे भोजन बनाने के लिए इस्तेमाल में लिया जाए। नारियल तेल हमारा पाचन सुचारु करता तो है ही इसके अलावा पेट से जुड़े अनेक विकारों को सम्हालने में मदद करता है। नारियल तेल शरीर के भीतर विटामिन, मिनरल्स और अनेक एमीनो एसिड्स को अवशोषित कर हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार होता है।

यूटीआई, किडनी इंफेक्शन और यकृत सुरक्षा

नारियल के तेल में पाए जाने वाले MCFA (मीडियम चैन फैटी एसिड्स) प्राकृतिक एंटीबॉयोटिक्स की तरह काम करते हैं और संक्रमक बैक्टिरिया पर चढ़ी हुई लिपिड कोटिंग को तहस नहस कर बैक्टिरिया को मार गिराने में मदद करते हैं। जिन्हें पेशाब नली में संक्रमण यानि UTI (यूरिनरी ट्रेक्ट इन्फेक्शन) की शिकायत हो या किडनी में किसी तरह के संक्रमण की शिकायत, नारियल तेल का सेवन बेहद हितकर साबित होता है। अनेक शोध परिणाम नारियल तेल को यकृत (लीवर) की सेहत के लिए भी खास मानते हैं।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

    

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