पूरी तरह से सुरक्षित है गिलोय, लेकिन सही गिलोय की पहचान करके ही करें इस्तेमाल: आयुष मंत्रालय

गिलोय की कई तरह की प्रजातियां मिल जाती हैं, लेकिन सभी का इस्तेमाल करना हानिकारक हो सकता है। आयुष मंत्रालय ने परामर्श जारी किया है कि सही गिलोय को कैसे पहचान सकते हैं।

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पूरी तरह से सुरक्षित है गिलोय, लेकिन सही गिलोय की पहचान करके ही करें इस्तेमाल: आयुष मंत्रालय

टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया के पत्ते दिल के आकार के होते हैं जो नीचे की तरफ घूमे हुए होते हैं, जबकि टिनोस्पोरा क्रिस्पास के पत्ते दिल के आकार के होते हैं और नीचे की तरफ घूमे हुए नहीं होते हैं। सभी फोटो: दिवेंद्र सिंह

सोशल मीडिया पर गिलोय को लेकर कई तरह की अफवाहें प्रसारित होती रहती हैं, आयुष मंत्रालय ने हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ वैज्ञानिक पत्रिकाओं में प्रकाशित लेखों एवं पोस्ट में गुडुची (टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया) के उपयोग को लेकर सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर ध्यान दिया है।

ऐसे में आयुष मंत्रालय ने गिलोय को लेकर परामर्श जारी की है, यह परामर्श यह पुष्टि करने के लिए जारी किया जा रहा है कि गुडुची (टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया) उपयोग करने के लिहाज से सुरक्षित है लेकिन कुछ समान दिखने वाले पौधे जैसे टिनोस्पोरा क्रिस्पा हानिकारक हो सकते हैं। गुडुची एक लोकप्रिय जड़ी बूटी है, जिसे गिलोय के नाम से जाना जाता है और आयुष प्रणालियों में लंबे समय से चिकित्सा के लिए इसका उपयोग किया जा रहा है।


कैसे करें सही गिलोय की पहचान

एक ही तरह दिखने वाली दो तरह की गिलोय पायी जाती हैं, एक का सेवन सुरक्षित है, लेकिन दूसरी हानिकारक हो सकती है। टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया के तने में हरा रंग भी होता, इसमें छोटा घुमावदार निकला हुआ हिस्सा नहीं होता और तने को तोड़ने पर दूध जैसा स्राव नहीं होता है। जबकि टिनोस्पोरा क्रिस्पास के तने का रंग धूसर होता है, छोटा घुमावदार निकला हुआ हिस्सा होता है और से तोड़ने पर दूध जैसा स्राव होता है।

टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया के पत्ते दिल के आकार के होते हैं जो नीचे की तरफ घूमे हुए होते हैं, जबकि टिनोस्पोरा क्रिस्पास के पत्ते दिल के आकार के होते हैं और नीचे की तरफ घूमे हुए नहीं होते हैं।

टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया के फल गुठलीदार होते हैं और गुच्छे में लगते हैं और इनका आकार गोलाकार या गेंद के आकार का व रंग में लाल होता है। वहीं टिनोस्पोरा क्रिस्पास के फल दीर्घवृत्ताभ या रग्बी गेंद के आकार की तरह और नारंगी रंग के होते हैं।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, यह देखा गया है कि टिनोस्पोरा की विभिन्न प्रजातियां उपलब्ध हैं और केवल टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया का उपयोग चिकित्सा विज्ञान में किया जाना चाहिए, जबकि समान दिखने वाली प्रजातियां जैसे टिनोस्पोरा क्रिस्पा से प्रतिकूल असर पड़ सकता है।


इस प्रकार, यह दोहराया जाता है कि गुडुची एक सुरक्षित और प्रभावी आयुर्वेदिक दवा है, हालांकि एक योग्य, पंजीकृत आयुष चिकित्सक के परामर्श से इसका उपयोग करने की सलाह दी जाती है।

आयुष मंत्रालय के पास फार्माकोविजिलेंस (आयुष दवाओं से संदिग्ध प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं की जानकारी देने के लिए) की एक अच्छी तरह से स्थापित प्रणाली है, जिसका नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है। यदि आयुष दवाओं के सेवन के बाद कोई संदिग्ध प्रतिकूल घटना होती है तो इसकी सूचना आयुष चिकित्सक के माध्यम से नजदीकी फार्माकोविजिलेंस सेंटर को दी जा सकती है। इसके अलावा यह सलाह दी जाती है कि आयुष दवा और उपचार केवल एक पंजीकृत आयुष चिकित्सक की देखरेख में एवं परामर्श से ही लें।

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