सावधान ! कहीं आप मानक से दोगुना नमक तो नहीं खा रहे
Ashish Deep | Oct 27, 2016, 12:27 IST
नई दिल्ली (भाषा)। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से रोजाना के भोजन में सुझायी गयी नमक की मात्रा के मुकाबले भारत के लोग दोगुना नमक खाते हैं। इससे लोगों में हृदय रोग और जल्दी मृत्यु होने का खतरा बढ़ता है।
जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ की ओर से किए गए एक अध्ययन के अनुसार, 19 वर्ष से ज्यादा आयु के भारतीय एक दिन में औसतन 10.98 ग्राम नमक खाते हैं जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से सिर्फ पांच ग्राम प्रति दिन की मात्रा अनुशंसित है।
अध्ययन के अनुसार, भारत के दक्षिणी और पूर्वी राज्यों में नमक का सेवन ज्यादा मात्रा में होता है। त्रिपुरा में लोग सबसे ज्यादा, औसतन 14 ग्राम प्रतिदिन नमक खाते हैं. यह डब्ल्यूएचओ की अनुशंसित मात्रा से तीन गुना ज्यादा है। अध्ययन के मुख्य लेखक क्लेयर जॉनसन ने कहा, ‘‘पिछले 30 वर्षों में औसत भारतीय भोजन में बदलाव आया है। भारतीय कम मात्रा में दाल, फल और सब्जियां खा रहे हैं और प्रसंस्कृत और फास्ट फूड ज्यादा खा रहे हैं।''
उन्होंने लिखा है, ‘‘इसके कारण उनके भाजेन में नमक, चीनी और नुकसानदेह वसा की मात्रा बढ़ गयी है जो उन्हें उच्च रक्तचाप, मोटापा, हृदय रोग जैसे दिल का दौरा जैसी बीमारियों की ओर ले जा रही है।''
जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ की ओर से किए गए एक अध्ययन के अनुसार, 19 वर्ष से ज्यादा आयु के भारतीय एक दिन में औसतन 10.98 ग्राम नमक खाते हैं जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से सिर्फ पांच ग्राम प्रति दिन की मात्रा अनुशंसित है।
अध्ययन के अनुसार, भारत के दक्षिणी और पूर्वी राज्यों में नमक का सेवन ज्यादा मात्रा में होता है। त्रिपुरा में लोग सबसे ज्यादा, औसतन 14 ग्राम प्रतिदिन नमक खाते हैं. यह डब्ल्यूएचओ की अनुशंसित मात्रा से तीन गुना ज्यादा है। अध्ययन के मुख्य लेखक क्लेयर जॉनसन ने कहा, ‘‘पिछले 30 वर्षों में औसत भारतीय भोजन में बदलाव आया है। भारतीय कम मात्रा में दाल, फल और सब्जियां खा रहे हैं और प्रसंस्कृत और फास्ट फूड ज्यादा खा रहे हैं।''
उन्होंने लिखा है, ‘‘इसके कारण उनके भाजेन में नमक, चीनी और नुकसानदेह वसा की मात्रा बढ़ गयी है जो उन्हें उच्च रक्तचाप, मोटापा, हृदय रोग जैसे दिल का दौरा जैसी बीमारियों की ओर ले जा रही है।''