नई दवा से अल्जाइमर के इलाज में मिल सकती है मदद
Bidyut Majumdar | Jan 27, 2017, 16:21 IST
लखनऊ। जापानी अनुसंधानकर्ताओं ने एक नई दवा विकसित की है, जिससे अल्जाइमर के उपचार में काी हद तक मदद मिल सकती है। इस दवा से संज्ञानात्मक क्षमता में वृद्धि और मस्तिष्क में एमलॉयड बीटा प्रोटीन की उत्पत्ति में कमी लायी जा सकती है।
जापान के तोहोकु विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया है कि टी-प्रकार के कैल्सियम चैनल को बढ़ावा देने वाला ‘एसएके-3' मस्तिष्क में एसिटोकोलिन के स्राव में इजाफा करते हैं और साथ ही स्मरण उत्तक कैएमकेआईआई को सक्रिय करके संज्ञानात्मक क्षमता को बेहतर बनाते हैं।
एसिटोकोलिन मस्तिष्क का एक न्यूरोट्रांसमीटर है, जो ध्यान और संज्ञानात्मक क्षमता के नियंत्रण में अहम भूमिका निभाता है। एसिटोकोलिन व्यवस्था के ठीक से काम नहीं करने को ही अल्जाइमर और संवहनी मनोभ्रम के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
तोहोकु विश्वविद्यालय के कोह्जी फुकुनागा के मुताबिक अध्ययन के दौरान यह पाया गया कि ‘एसएके-3' एमलाइड बीटा प्रोटीन की उत्पत्ति में कमी लाने में सक्षम है। अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक अगले कुछ वर्षों में इस दवा का क्लीनिकल परीक्षण शुरु किया जाएगा।
अल्जाइमर, दिमागी बीमारी है। इससे एक आम इंसान की मानसिक क्षमता में गिरावट आ जाती है, जिससे आगे आने वाले समय में साधारण जिंदगी जीने में मुश्किल होती है। यह एक तरह से लाइलाज बीमारी होती है।
याददाश्त का कमजोर होना, समय और जगह से भटकाव होना, एक ही सवाल को बार-बार पूछना, आसान गिनती न कर पाना, रिश्तेदारों के नाम भूलना और स्वभाव में बदलाव आना ये सभी अल्जाइमर होने के संकेत हैं।
अल्जाइमर बीमारी, दिमाग में एमलौइड नामक प्रोटीन के इकट्ठा होने से होती है। यह बीमारी बढ़ती उम्र में होती है। पूरी नींद, दिमागी और प्राकृतिक रूप से सक्रिय रहने और पढ़ते-लिखते रहने से इस बीमारी से बचा जा सकता है।
जापान के तोहोकु विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया है कि टी-प्रकार के कैल्सियम चैनल को बढ़ावा देने वाला ‘एसएके-3' मस्तिष्क में एसिटोकोलिन के स्राव में इजाफा करते हैं और साथ ही स्मरण उत्तक कैएमकेआईआई को सक्रिय करके संज्ञानात्मक क्षमता को बेहतर बनाते हैं।
एसिटोकोलिन मस्तिष्क का एक न्यूरोट्रांसमीटर है, जो ध्यान और संज्ञानात्मक क्षमता के नियंत्रण में अहम भूमिका निभाता है। एसिटोकोलिन व्यवस्था के ठीक से काम नहीं करने को ही अल्जाइमर और संवहनी मनोभ्रम के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
तोहोकु विश्वविद्यालय के कोह्जी फुकुनागा के मुताबिक अध्ययन के दौरान यह पाया गया कि ‘एसएके-3' एमलाइड बीटा प्रोटीन की उत्पत्ति में कमी लाने में सक्षम है। अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक अगले कुछ वर्षों में इस दवा का क्लीनिकल परीक्षण शुरु किया जाएगा।