लंबे समय तक मां का दूध बच्चे के दांत कर सकता है खराब

Shrinkhala Pandey | Aug 04, 2017, 14:05 IST
breast feeding
लखनऊ । बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए और उसकी अच्छी सेहत के लिए मां का दूध जरूरी होता है लेकिन लंबे समय तक स्तनपान कराना कई बार बच्चे की दांतों की सेहत के लिए खतरनाक साबित होता है।

लंबे समय तक स्तनपान कराने से उनके दांतों में खोखल (कैविटी) होने की संभावना बढ़ जाती है। एक नए अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं ने यह चेतावनी दी है।

1,129 बच्चों का अध्ययन
ब्राजील के पेलोटास में 1,129 बच्चों के स्तनपान करने और मीठी चीजों के खाने की आदतों का विश्लेषण करने पर शोधकर्ताओं ने पाया कि लंबे समय तक स्तनपान कराने से बच्चों के दांतों पर असर पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि पांच साल के इन बच्चों को दांतों के डॉक्टर के पास ले जाया गया। वहां उनके दांतों में क्षरण या खोखल की जांच कराई गई।

शोधकर्ताओं ने कहा, अध्ययन में शामिल किए गए बच्चों में से 23.9 फीसदी की दांतों में खोखल के गंभीर मामले नजर आए। जबकि 48 फीसदी बच्चों में कम से कम एक दांत की सतह खोखल से प्रभावित दिखी।

उन्होंने बताया कि जिन बच्चों ने कम से कम दो साल या इससे अधिक समय तक स्तनपान किया था उनमें सामान्य बच्चों के मुकाबले दांतों में खोखल होने का 2.4 गुना अधिक जोखिम पाया गया। शोधकर्ताओं का सामान्य बच्चे से आशय उन बच्चों से था जिन्होंने एक साल से कम समय तक स्तनपान किया था।

दूध पिलाने के बाद बच्चे के मुंह की सफाई जरूरी


ऑस्ट्रेलिया स्थित एडेलेड यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर कैरेन पेरेज ने कहा, स्तनपान और दांतों की सेहत के बीच संबंधों पर जोर देने के कुछ कारण हैं। पहला कारण यह है कि जो बच्चे 24 माह के बाद भी स्तनपान करते हैं वे आम तौर पर वे बच्चे होते हैं जो रात में स्तनपान कराने के लिए कहते हैं। दूसरा कारण यह है कि बार बार दूध पिलाने और रात में दूध पिलाने से बच्चों के दांतों को साफ करना काफी कठिन हो जाता है।

इस बारे में लखनऊ की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ रूपा शर्मा बताती हैं, “ बच्चे का दूध मां के लिए जरूरी है लेकिन कुछ मांए उनकी आदत डाल देती हैं और वो दो से तीन साल तक मां का ही दूध पीते रहते हैं, इससे उनके दांतों में कैविटी हो जाती है।

कब बंद कराएं बच्चे को दूध पिलाना

शिशु को 6 महीने बाद स्तनपान कराना बंद कर सकती हैं, क्योंकि इस उम्र के बाद बच्चे कुछ ठोस आहार लेना शुरू कर देते हैं। ऐसे में, आप धीरे-धीरे कर के उसे अपना दूध पिलाना बंद करें। जब आपका बच्चा ठोस आहार लेना शुरू कर देता है तब वह आपको ज्यादा दूध पीने की मांग नहीं करता है क्योंकि, इससे शिशु का पेट भरा रहता है। लेकिन, बाहरी आहार देने के बाद इस बात की जांच कर लें कि आपके बच्चे का पेट भर रहा है या नहीं।

अचानक न बंद करें दूध पिलाना

महिलाएं इस बात का जरूर ध्यान रखें कि उन्हें एक ही बार में स्तनपान कराना बंद न करें। क्योंकि, इससे न केवल बच्चे को बल्कि आपको भी समस्या हो सकती है। खासकर, आपके स्तनों में दूध भरे होने के कारण आपको दर्द और सूजन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसलिए, कोशिश करें कि शिशु को धीरे-धीरे कर के अपना दूध पिलाना बंद करें।

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