नेल बाइटिंग करने के पीछे तनाव हो सकता है कारण

Shrinkhala Pandey | Aug 23, 2017, 14:49 IST
Health
लखनऊ। कई बार हम देखते हैं कुछ लोगों को जो नाखून चबाते रहते हैं। ये आदत सिर्फ बच्चों में ही नहीं बल्कि बड़ों में भी होती है। नाखून काटने या चबाने की आदत को ऑनिकोफेजिया कहते हैं। नेल बाइटिंग को लेकर कई सारे कारण हैं, जिनमें तनाव सबसे ज्यादा प्रमुख हैं।

बीमारी पैदा कर सकते हैं नाखून

बैक्टीरिया नाखूनों में आसानी से पनपते हैं। जब आप नाखूनों को चबाते हैं तो ये बैक्टीरिया आसानी से आपके मुंह के अंदर चल जाते हैं और पूरे शरीर में फैल जाते हैं। नाखूनों को साफ रखना मुश्किल काम है जिससे संक्रमण फैलने का खतरा और बढ़ जाता है। जब आप नाखूनों चबाते हैं तो बैक्टीरिया, यीस्ट और अन्य सूक्ष्मजीव टूटे-फूटे नाखूनों के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जिससे नाखूनों के आस-पास सूजन, लालिमा और पस हो जाता है। इस तकलीफदेह स्थिति को सर्जरी के जरिए पस निकालकर ठीक किया जा सकता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट के अनुसार नाखूनों को चबाने से होने वाली सबसे आम समस्या बैक्टीरियल इन्फेक्शन है।

मनोवैज्ञानिक कारण

इसका मनोवैज्ञानिक कारण बता रही हैं लखनऊ की मनोरोग विशेषज्ञ डॉ कविता धींगरा, “जिन लोगों को नाखून चबाने की आदत अनियंत्रित रूप से रहती है उनकी जिंदगी उन लोगों की तुलना में काफी अधिक असंतुलित रहती है जो ऐसा नहीं करते हैं।” उन्होंने बताया कि यह स्तर नाखून काटने की बढ़ती आदतों के साथ बढ़ता जाता है। यदि खुद को नाखून चबाने से रोकते हैं तो उससे तनाव महसूस होता है, नाखून काटने का नकारात्मक प्रभाव जीवन की गुणवत्ता पर भी पड़ता है।

बचने के लिए क्या करें

नेल बाइटिंग के समय को पहचानें, जब आप खाली बैठें हों, किसी से बात कर रहे हों या टीवी देख रहे हों तो इस दौरान अपने हाथों को बैंड या इलेक्ट्रिक टेप से बांधकर रखें। नाखूनों को हमेशा छोटे रखें।

अपने हाथों को कुछ एक्टिविटी में व्यस्त रखने की कोशिश करें जैसे सिलाई, बुनाई।

उंगलियों पर कुछ ऐसे तत्व डालें जो आपकी जीभ के लिए अच्छे ना हों जैसे विनेगर, हॉट सॉस या कुछ अन्य प्रकार के खट्टे स्वाद।

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