नोटबंदी पर भी सरकारी अस्पताल में चल रही अवैध वसूली, प्रसूताओं के परिजनों से वसूल रहे पैसे

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
नोटबंदी पर भी सरकारी अस्पताल में चल रही अवैध वसूली, प्रसूताओं के परिजनों से वसूल रहे पैसेरुखसार की बहन शबनम और मां शमीमुन निशा ने लगाया अस्पताल प्रशासन पर अवैध वसूली का आरोप।

लखनऊ। सिल्वर जुबली सामुदायिक बाल महिला एवं प्रसूति अस्पताल में मरीजों के साथ अवैध वसूली का कारोबार चल रहा है। एक ओर जहां सरकार ने इन अस्पतालों में प्रसूताओं को सारी सुविधाएं मुफ्त में मुहैय्या कराने के आदेश दे रखे हैं, वहीं इन मरीजों से ऑपरेशन के नाम से अवैध वसूली हो रही है।

ऑपरेशन से पहले करा लेते हैं पैसों की उगाही

तहसीनगंज निवासी रूखसार को दो दिन पहले लेबर पैन उठा। घर वाले उसे सिल्वर जुबली सामुदायिक बाल महिला एवं प्रसूति अस्पताल लेकर गए। डॉक्टर ने ऑपरेशन करने की बात कही और सोमवार को रूखसार का ऑपरेशन करने से पहले रूपयों की मांग की गयी। रुखसार की माँ शमीमुन निशा ने बताया कि ऑपरेशन से पहले डॉक्टर ने उनसे पैसों की मांग की और 500 रूपये ऐंठ लिए। उसके बाद ऑपरेशन हुआ और रुखसार को एक बेटी पैदा हुई। बच्ची पैदा होने के बाद फिर पैसों की मांग की गयी। इसके बाद 300 रूपये और ऐंठ लिए गए। इस तरह से वहां आने वाली हर महिला से रूपयों की मांग की जाती है।

अल्ट्रासाउंड बाहर से कराते हैं डॉक्टर

अस्पताल में रेडियोलॉजी और अल्ट्रासाउंड मशीन होने के बावजूद यहां के मरीजों को बाहर अल्ट्रासाउंड कराने पड़ रहे हैं। अस्पताल में आई सुमन से बताया कि अस्पताल में कभी भी अल्ट्रासाउंड नही होता है। हर बार हम लोग बाहर से अल्ट्रासाउंड कराने जाते हैं। एक मरीज को कई बार अल्ट्रासाउंड कराना पड़ता है। मरीजों को सुविधा देने के लिए यहां के डॉक्टर्स को अल्ट्रासाउंड की ट्रेनिंग भी दी जाती है, लेकिन इसके बावजूद यहां के डॉक्टर मरीजों का बाहर से अल्ट्रासाउंड कराते हैं।

बेबी कॉरनर भी बंद और नवजात बेबी केयर सप्ताह मनाने की तैयारी

इस अस्पताल का बेबी कॉर्नर भी बन्द था। वहीं, बुधवार से अस्पताल प्रशासन नवजात बेबी केयर सप्ताह मनाने की तैयारी कर रहा है। पैदा हुए बच्चे को यदि बच्चा नॉर्मल नही, यहां उसका तापमान मेंटेन करना है तो उसको मशीन में रखा जाता है ताकि बच्चे आवश्यक तापमान देकर बच्चे की जान को बचा सकें। चिकित्सा प्रशासन ने लाखों रूपये खर्चा करके राजधानी के सभी महिला अस्पतालों में यह सुविधा नवजात बच्चों के लिए मुहिया करायी थी। बेबी कॉर्नर सुविधा होने के बावजूद इस अस्पताल में पैदा होने वाले बच्चों को इसकी सुविधा नही मिल रही है। इस अस्पताल का बेबी कॉर्नर सिर्फ शोपीस बनकर रह गया है।

हमारे वहां किसी भी मरीज से पैसा नही लिया जाता है। सारी सुविधाएं मुफ्त मरीजों को दी जाती है, अगर किसी मरीज से पैसे लिए गए हैं तो इसकी जांच करायी जाएगी।
प्रियंका यादव, सीएमएस, सिल्वर जुबली सामुदायिक बाल महिला एवं प्रसूति अस्पताल

   

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.