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सेहत की रसोई: एंटी कैंसर और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर अंबाड़ी की चटनी

गाँव कनेक्शन | Nov 15, 2016, 17:31 IST
Traditional recipes
सेहत की रसोई कॉलम में हम अपने पाठकों के लिए लेकर आते हैं एक से बढ़कर एक पारंपरिक व्यंजनों से जुड़ी कई नायाब जानकारियां और इन व्यंजनों के औषधीय गुणों की जानकारी देते हैं हमारे ‘हर्बल आचार्य’ डॉ. दीपक आचार्य। सेहत और किचन का तड़का हर सप्ताह एक खास व्यंजन के साथ हम परोसते हैं, अपने सभी पाठकों के लिए। सेहत की रसोई यानि बेहतर सेहत आपके बिल्कुल करीब। हमारे बुजुर्गों का हमेशा मानना रहा है कि सेहत दुरुस्ती के सबसे अच्छे उपाय हमारी रसोई में ही होते हैं। इस कॉलम के जरिये हमारा प्रयास है कि आपको आपकी किचन में ही सेहतमंद बने रहने के व्यंजन से रूबरू करवाया जाए।

आवश्यक सामग्री: (4 से 5 व्यक्तियों के लिए)

  • अंबाड़ी की ताजी पत्तियां: 250 ग्राम
  • लाल मिर्च ताजी: 5
  • हरी पत्तियों वाले प्याज: 5
  • लहसुन: 10, सफेद तिल: 20 ग्राम
  • काली मिर्च: 10
  • नमक: स्वादानुसार
  • तिल का तेल: 20 मिली

विधि-

अंबाड़ी की पत्तियों को साफ धो लिया जाए और इन्हें ठंडे पानी में 10 मिनट तक डुबोकर रखा जाए। इन पत्तियों को उबलते हुए पानी में डालें और 1 मिनट बाद उबलते पानी से पत्तियों को निथार कर अलग कर लें। इन पत्तियों को बर्फ के पानी में डुबोकर 5 मिनट तक रखा जाए। बाद में ठंडे पानी से इन पत्तियों को निकाल लिया जाए। मिक्सर के कंटेनर में इन पत्तियों को लिया जाए और इसमें अंबाड़ी की पत्तियां, ताजी लाल मिर्च, साफ धुले हरी पत्तियों वाले प्याज, छिले हुए लहसुन, सफेद तिल, काली मिर्च, तिल का तेल और स्वादानुसार नमक भी डाल दिया जाए। अब इस सारे मिश्रण को ग्राइंड कर दीजिए ताकि गाढ़ा पेस्ट तैयार हो जाए। यही पेस्ट अंबाड़ी की चटनी कहलाता है। गर्मागर्म मक्के या बाजरे की रोटी के साथ अंबाड़ी की चटनी इस मौसम में आप सब के लिए बड़ी खास होगी। औषधीय गुणों से भरपूर इस चटनी का स्वाद लें और तंदुरुस्त भी रहें।

क्या कहते हैं हर्बल आचार्य

अंबाड़ी की भाजी मध्य और उत्तर भारत में खेत खलिहानों के आसपास खूब दिखाई देती है। इसकी पत्तियां, फूल और फल सभी एक खटास लिए होते हैं इसलिए ग्रामीण इलाकों में इसे खट्टी भाजी भी कहते हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेड्स, फाइबर्स के अलावा अनेक खनिज लवण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। पोटेशियम और मैग्नेशियम जैसे सेहत की दृष्टि से महत्वपूर्ण तत्वों के अलावा इसकी पत्तियों में विटामिन्स (एस्कॉर्बिक एसिड, नियासिन और पायरीडोक्सिन) भी पाए जाते हैं। अनेक आधुनिक शोध परिणाम इसके औषधीय गुणों की वकालत करते हैं। ये भाजी एंटीमाइक्रोबियल होने के साथ-साथ, एंटी कैंसर और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है। वनवासी इलाकों में तो इसकी पत्तियों और फलों को लोग अक्सर कच्चा चबाकर भी खूब आनंद लेते हैं। हरी पत्तियों वाली प्याज, सफेद तिल, हरी मिर्च भी एंटीऑक्सिडेंट गुणों की खान हैं। इतने सारे गुणों को लिए इस रेसिपी का आनंद जरूर लें।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

Tags:
  • Traditional recipes
  • अंबाड़ी की चटनी

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