सेहतमंद रहने के लिए खूब खाएं दाल

डॉ दीपक आचार्य | Sep 16, 2016, 16:12 IST
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आमतौर पर सभी जानते हैं कि दालों में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है, लेकिन इनके कई अन्य औषधीय गुण भी हैं, आज हम उड़द और अरहर के ख़ास गुणों की जानकारी अपने पाठकों को परोस रहे हैं।

उड़द की दाल

छिल्कों वाली उड़द दाल में विटामिन, खनिज लवण तो खूब पाए जाते हैं और ख़ास बात ये कि इसमे कोलेस्ट्रॉल नहीं होता। इसमें कैल्सियम, पोटेशियम, लौह तत्व, मैग्नेशियम, मैंगनीज जैसे तत्व आदि भी भरपूर पाए जाते हैं।

लोबिया के दमदार गुण

लोबिया में जाने वाले पोषक तत्व हमारी सेहत के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। आइए जानते हैं लोबिया के औषधीय गुणों के बारे में जो कई रोगों का अचूक इलाज है।

डायबिटीज

आधुनिक शोध से पता चलता है कि लोबिया का ग्लायसेमिक इंडेक्स अन्य फलियों वाली सब्जियों और दालों की तुलना में कम होता है, यानि डायबिटीज से पीड़ित रोगियों के लिए लोबिया एक वरदान है।

सूक्ष्मजीवी संक्रमण

लोबिया में प्रचुर मात्रा में विटामिन-ए जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो बीमारियों से लड़ने में सक्षम होते हैं। शरीर के अनावश्यक पदाथोंर् और टॉक्सिन्स आदि को शरीर से बाहर फेंक निकालने के अलावा लोबिया पेट में सूक्ष्मजीवी संक्त्रमण को रोकने में भी बेहद सहायक है।

कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण

लोबिया कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने में बहुत सहायक है। लोबिया में कई महत्वपूर्ण फ्लावेनोइड्स और महत्वपूर्ण तत्व जैसे पोटैशियम और मैग्नीशियम के अलावा साइटोस्ट्रोजिन जैसे लिग्निन आदि पाए जाते हैं, जो दिल की बीमारियों के इलाज के लिए कारगर हैं, क्योंकि इनमें कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण की अद्भुत क्षमता होती है।

वजन कम करना

लोबिया में अपेक्षाकृत कम कैलोरी पाई जाती है, जिससे इसे कैलोरी पर ध्यान रखकर शरीर का वजन कम करने वालों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इसमे जबरदस्त मात्रा में डाइटरी फ ाइबर भी पाए जाते हैं, जो आपके पाचन और पेट सफ ाई का ख़याल रखने के साथ भूख कम करने में भी सहायक है।

बेहतर पाचक

लोबिया के फाइबर और प्रोटीन भोज्य पदार्थो को जल्द से जल्द पचाने में सहायक होते हैं। पाचन ठीक करने के अलावा लोबिया के फाइबर पेट से जुड़़ी अनेक समस्याओं को दूर रखने में स्त्रिरय भूमिका निभाते हैं।

स्वस्थ त्वचा

इसके सेवन से शरीर की शुष्क त्वचा में निखार तो आता ही है, साथ में यह त्वचा की बाह्य मृत कोशिकाओं को शरीर से दूर करने में मदद करती है और त्वचा से जहरीले टॉक्सिन्स को दूर करने में मददगार है।

आदिवासी कैसे करते हैं उपयोग?

  • पुरुषों में शक्ति और यौवन बनाए रखने के लिए उड़द एक बेहतर उपाय है। इसकी दाल का पानी के सेवन की सलाह दी जाती है और यह भी माना जाता है कि इसकी दाल पकाकर प्रतिदिन खानी चाहिए। पोटेशियम की अधिकता की वजह से आधुनिक विज्ञान भी इसे मर्दाना शक्ति बढ़ाने के लिए मानता है।
  • दुबले लोग यदि छिलके वाली उड़द दाल का सेवन करे तो यह वजन बढ़ाने में मदद करती है। इसकी दाल का नियमित सेवन और उबली दाल के पानी को सुबह पीना वजन बढ़ाने में सहायक होता है।
  • डांग के आदिवासियों के अनुसार गंजेपन को दूर करने के लिए उड़द दाल एक अच्छा उपाय है। दाल को उबालकर पीस लिया जाए और इसका लेप रात सोने से एक घंटे पहले सिर पर कर लिया जाए और सोने से पहले सर धो लिया जाए। प्रतिदिन ऐसा करने से जल्द ही गंजापन धीरे-धीरे दूर होने लगता है और नए बालों के आने की शुरुआत हो जाती है।
  • उड़द की बिना छिलके की दाल को रात को दूध में भिगो दिया जाए और सुबह इसे बारीक पीस लिया जाए। इसमें कुछ बूंद नींबू रस और शहद की डालकर चेहरे पर लेप करें और एक घंटे बाद धो लें। ऐसा लगातार करने से चेहरे के मुहांसे और दाग दूर हो जाते हैं और चेहरे पर चमक आती है।
  • उड़द के आटे की लोई तैयार करके दागयुक्त त्वचा पर लगाया जाए और नहा लें तो ल्युकोडर्मा (सफेद दाग) जैसी समस्या में आराम मिलता है।
  • जिन्हें अपच की शिकायत हो या बवासीर जैसी समस्याएं हो, उन्हें उड़द दाल का सेवन करना चाहिए, इसके सेवन से मल त्याग आसानी से होता है और अपचन की समस्या से छुट्टी मिलती है।
  • फोड़े-फुंसी, घाव और पके हुए जख्मों पर उड़द के आटे की पट्टी बांधकर रखने से आराम मिलता है। दिन में 3-4 बार ऐसा करने से आराम मिलता है।
  • काली उड़द की दाल (करीब 10 ग्राम), बारीक पिसी अदरक (चार ग्राम) को सरसों के तेल (50 मिली ग्राम) में पांच मिनट तक गर्म किया जाए और जब यह पूरा गर्म हो जाए तो इसमें पिसा हुआ कपूर (दो ग्राम) चूरा करके डाल दें। इस तेल को छानकर अलग कर लें। जब तेल गुनगुना या हल्का सा गर्म हो तो इसे दर्द वाले हिस्सों या जोड़ों की मालिश करने से दर्द में राहत मिलती है। यह तेल आर्थरायटिस जैसे दर्दकारक रोगों में भी गजब काम करता है।
  • छिलकों वाली उड़द दाल को एक सूती कपड़े में लपेट कर तवे पर गर्म किया जाए और जोड़ दर्द से परेशान व्यक्ति के दर्द वाले हिस्सों पर इससे सिंकाई की जाए तो दर्द में जल्द आराम मिलता है। काली उड़द को खाने के तेल के साथ गर्म करके उस तेल से दर्द वाले हिस्सों की मालिश की जाए तो आराम मिलता है। इसी तेल को लकवे से ग्रस्त व्यक्ति के लकवा ग्रस्त शारीरिक अंगों पर मालिश करने से फायदा होता है।


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