ज्यादा धूम्रपान से हो सकता है इरेक्टाइल डिस्फंक्शन
गाँव कनेक्शन | Aug 18, 2017, 13:27 IST
नई दिल्ली। (आईएएनएस) दिन में 20 सिगरेट से ज्यादा धूम्रपान करने वालों में शुक्राणुओं की कमी की समस्या देखी गई है। साथ ही ऐसे लोगों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ईडी) का जोखिम भी 60 प्रतिशत तक अधिक रहता है। एक अध्ययन के अनुसार, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल आदि भी ईडी की समस्या के लिए जिम्मेदार कारकों में हैं।
आईएमए के अनुसार, धूम्रपान से स्खलन, शुक्राणुओं की कमी और शुक्राणुओं की गुणवत्ता में भी कमी आती है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का मतलब है पुरुष जननेंद्रिय में पर्याप्त तनाव और उत्तेजना की कमी। इस विकार के कारण शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों ही हो सकते हैं। ईडी आमतौर पर अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत होता है।
इस बारे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, "पुरुषों में यौन उत्तेजना एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें मस्तिष्क, हार्मोन, भावनाएं, तंत्रिकाएं, मांसपेशियां और रक्त वाहिकाएं शामिल रहती हैं। जब इनमें कोई समस्या होती है, तब ईडी हो सकता है। तनाव और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं समस्या को और बिगाड़ सकती हैं।"
मेडिकल समस्या, अधिक वजन, प्रोस्टेट सर्जरी या कैंसर, चोट, डिप्रेशन की दवाएं, मनोवैज्ञानिक स्थितियां और अल्कोहल का अधिक सेवन भी ईडी की समस्या को और गंभीर बना सकते हैं।
डॉ. अग्रवाल ने बताया, "ईडी से पीड़ित लोग जीवनशैली में बदलाव करके अपने यौन जीवन को बेहतर कर सकते हैं। इसके लिए धूम्रपान छोड़ना, वजन कम करना और व्यायाम जरूरी है। इससे रक्त का प्रवाह सुधरने लगता है। किसी दवा से साइड इफैक्ट की स्थिति में डॉक्टर की सलाह से कोई अन्य दवा ली जा सकती है।"
लाभकारी टिप्स :
* दिन में कम से कम 30 मिनट टहलने से ईडी के जोखिम में 41 प्रतिशत की कमी आ सकती है।
* सही आहार लें। फलों, सब्जियों, साबूत अनाज और मछली को अपने आहार में शामिल करें।
* उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त शर्करा, उच्च कोलेस्ट्रॉल और उच्च ट्राइग्लिसराइड्स पुरुष अंग की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। एचडीएल (अच्छे) कोलेस्ट्रॉल का कम स्तर और मोटापा यह समस्या बढ़ा सकते हैं। इसलिए वजन घटाना आवश्यक है।
आईएमए के अनुसार, धूम्रपान से स्खलन, शुक्राणुओं की कमी और शुक्राणुओं की गुणवत्ता में भी कमी आती है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का मतलब है पुरुष जननेंद्रिय में पर्याप्त तनाव और उत्तेजना की कमी। इस विकार के कारण शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों ही हो सकते हैं। ईडी आमतौर पर अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत होता है।
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मेडिकल समस्या, अधिक वजन, प्रोस्टेट सर्जरी या कैंसर, चोट, डिप्रेशन की दवाएं, मनोवैज्ञानिक स्थितियां और अल्कोहल का अधिक सेवन भी ईडी की समस्या को और गंभीर बना सकते हैं।
डॉ. अग्रवाल ने बताया, "ईडी से पीड़ित लोग जीवनशैली में बदलाव करके अपने यौन जीवन को बेहतर कर सकते हैं। इसके लिए धूम्रपान छोड़ना, वजन कम करना और व्यायाम जरूरी है। इससे रक्त का प्रवाह सुधरने लगता है। किसी दवा से साइड इफैक्ट की स्थिति में डॉक्टर की सलाह से कोई अन्य दवा ली जा सकती है।"
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लाभकारी टिप्स :
* सही आहार लें। फलों, सब्जियों, साबूत अनाज और मछली को अपने आहार में शामिल करें।
* उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त शर्करा, उच्च कोलेस्ट्रॉल और उच्च ट्राइग्लिसराइड्स पुरुष अंग की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। एचडीएल (अच्छे) कोलेस्ट्रॉल का कम स्तर और मोटापा यह समस्या बढ़ा सकते हैं। इसलिए वजन घटाना आवश्यक है।