दिल के दौरे के बाद अकेले रहना मौत को दावत देने के बराबर

गाँव कनेक्शन | Apr 08, 2017, 11:49 IST
World Health Organization
नई दिल्ली,(आईएएनएस)| दिल के दौरे के बाद अकेले रहना खतरनाक हो सकता है। इससे अगले चार सालों में मौत का खतरा भी मंडरा सकता है। यह जानकारी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल दी।

अमेरिकन जरनल ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक ताजा अध्ययन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि दिल के दौरे के एक साल बाद मौत होने की संभावना अकेले रह रहे व्यक्ति की भी उतनी ही होती है जितनी किसी के साथ रह रहे पीड़ित की होती है।

लेकिन अकेले रह रहे मरीज की चार सालों में मौत होने की संभावना 35 प्रतिशत ज्यादा होती है। आईएमए के महासचिव डॉ. आरएन टंडन ने बताया कि सामाजिक सहयोग बीमारी पर गहरा प्रभाव डालता है। यह न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है।

परिवार और दोस्तों का सहयोग ऐसे मरीजों को तंदरूस्त होने और अच्छी जिंदगी जीने में मदद करता है। जो लोग अकेले रहते हैं उनके तंदुरुस्त होने में रुकावट आ जाती है, क्योंकि उन्हें दवाइयां लेने, बताए गए व्यायम करने के लिए प्रोत्साहन और चेकअप के लिए डॉक्टर के पास जाने के लिए जिस सहयोग की आवश्यकता होती है, वह उनके पास नहीं होता।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

Tags:
  • World Health Organization
  • Indian Medical Association
  • heart attack
  • Stay alone
  • Cardiology

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.