यूपी में सामने आए स्वाइन फ्लू के 298 मरीज, लखनऊ में 106

Deepanshu MishraDeepanshu Mishra   6 Aug 2017 6:25 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
यूपी में सामने आए स्वाइन फ्लू के 298 मरीज, लखनऊ में 106बढ़ रहे हैं स्वाइन फ्लू के मरीज।

लखनऊ। लगातार बढ़ रहे स्वाइन फ्लू का कहर उत्तर प्रदेश तक पहुंच गया है। यूपी में फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़कर 298 हो चुकी है, जिनमें से 10 की मौत भी हो गई है। वहीं शनिवार को 16 नए मरीज सामने आए हैं जिनमें सबसे ज्यादा 106 मरीज राजधानी लखनऊ से हैं।

स्वास्थ्य विभाग की इतनी तैयारियों के बाद भी स्वाइन फ्लू का दंश लोगों को डसता जा रहा है। जिस रफ्तार से मरीजों की संख्या बढ़ रही है, विभाग के भी हाथपैर फूले हुए हैं। ।

वेक्टर जनित रोग के संचारी निदेशक डॉ. बद्री विशाल ने बताया, “अभी तक पूरे प्रदेश में स्वाइन फ्लू के 298 पॉजिटिव केस और 10 मौते हुई हैं। पिछले वर्ष अगस्त के शुरुआती हफ्ते में 122 पॉजिटिव केस सामने आए थे 16 मौते हुई थीं।”

ये भी पढ़ें:स्वाइन फ्लू के इलाज में लगे स्वास्थ्य कर्मचारियों को पहले खुद कराना होगा वैक्सिनेशन

स्वाइन फ्लू और वेक्टर जनित अन्य रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने लगातार मरीजों तक सुविधाएं पहुंचाने की बात कह रहे हैं। शुक्रवार को स्वाइन फ्लू को लेकर हुई बैठक में कहा गया कि प्रदेश में सभी 12 मेडिकल कॉलेज में लैब हैं, जहां फ्री जांच हो रही है। कुछ जिलों में जहां फ्री जांच हो रही है। कुछ जिले ऐसे हैं, जहां जांच की सुविधा नहीं है। फिलहाल वे इन मेडिकल कॉलेजों में ही जांच के लिए नमूना भेजते हैं। जहां लैब नहीं हैं, वहां प्राइवेट हॉस्प‍िटल्स में जांच करवाई जाए। जिला अस्पताल अपने पंजीकृत मरीजों के नमूने इन प्राइवेट लैब में भेज सकेंगे। इसके खर्चे की भरपाई सरकार करेगी।

“स्वाइन फ्लू ने केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग काफी सक्रिय हैं। हर जिले में स्वास्थ्य विभाग की एक टीम है जो इन बीमारियों की देख-रेख पर है।”
डॉ. बद्री विशाल, वेक्टर जनित रोग के संचारी निदेशक

वर्ष 2009 में भारत आया था स्वाइन फ्लू

वर्ष 2009 में स्वाइन फ्लू का पहला मामला मैक्सिको में देखा गया था। इसके बाद यह बीमारी कई देशों में फैल गई। 11 मई 2009 को हैदराबाद के एयरपोर्ट पर एक यात्री की स्क्रीनिंग में एच1एन1 से पीड़ित होने की पुष्टि हुई। वह यात्री अमेरिका से हैदराबाद आया था। इसके बाद यह बीमारी महाराष्ट्र, अहमदाबाद, दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में फैल गई। वर्ष 2009 में दिल्ली में 149 लोगों की इससे मौत हो गई थी। वर्ष 2010 तक स्वाइन फ्लू ने देश में तांडव मचाया। उस वर्ष देश भर में इससे पीड़ित 1763 लोगों की मौत हो गई थी।

कैसे फैलता है

स्वाइन फ्लू आम सर्दी-जुकाम के जैसा होता है। इसके लक्षणों में खांसी, गले पकना, बुखार,सिर दर्द, कंपकंपी और थकान आदि शामिल हैं। इससे पीड़ित मरीज खांसी या छीक से इसका संक्रमण हवा में फैला सकते हैं। जब कोई व्यक्ति इन संक्रमित बूंदों के संपर्क में या संक्रमित दीवारों, दरवाजों, नलों, सिंक, फोन, कीबोर्ड को छूता है तो संक्रमण फैलता है।

बच्चों और बुर्जुगों के लिए खतरनाक

स्वाइन फ्लू के मरीजों की विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है। जिन बच्चों की उम्र 5 साल के कम है, खास कर जिनकी उम्र 2 साल से कम है और जिनकी उम्र 65 साल या उससे ज्यादा है या गर्भवती महिला हैं, उनका ज्यादा खयाल रखने की जरूरत है।

स्वाइन फ्लू से बचाव ही इलाज

इसके संक्रमण से बचने के लिए संक्रमित व्यक्ति या खांसने/छीकने वाले व्यक्ति से तीन फुट का फासला रखें। खांसी/छींक आने पर पीड़ित व्यक्ति को मुंह और नाक को टीशू पेपर से ढंक लेना चाहिए और उस टिश्यू पेपर का तुरंत निपटान कर देना चाहिए। बीमार होने के बाद कम से कम 24 घंटे घर से न निकलें।

ये भी पढ़ें: स्वाइन फ्लू के कहर से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर, गठित की विशेष टीमें

      

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.