ज़िंदगी में खुशहाली लाते हैं योग के ये दस सूत्र
Ashwani Kumar Dwivedi 16 March 2022 5:30 AM GMT

लखनऊ। सिर्फ मजबूत या फिट दिखने वाले शरीर को योग विज्ञान में पूर्ण स्वास्थ्य नहीं कहा जाता। पतंजलि योग दर्शन के अनुसार पूर्ण स्वास्थ्य, स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन के संतुलित योग से ही प्राप्त किया जा सकता है।
योग प्रशिक्षक नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान कहते है, "कम उम्र के बच्चे चश्मा लगा रहे हैं, दस-बारह साल के बच्चों के बाल सफेद हो रहे हैं, तीस साल की उम्र के बाद ही युवाओं को तरह-तरह के रोग घेर रहे हैं। पहले चालीस साल के युवा होते थे और अब चालीस की उम्र के लोगों को बुढ़ापा घेर रहा है। ये आधुनिक जीवन शैली की देन है।"
वो आगे कहते हैं, "हमने अपने पूर्वजों के ज्ञान की कद्र नहीं की, हर कोई स्वस्थ शरीर चाहता है, पर शरीर को स्वस्थ रखने के जो नियम है उनका पालन नहीं करना चाहता। एक बार थम कर सोचने और मूल की तरफ लौटने की तरफ लौटने की जरुरत है।"
जिन्दगी में बदलाव के लिए योग के इन नियमों का करें पालन
1- नकारात्मक विचार मन में न आने दें। और शरीर, मन से किसी का बुरा करने से बचे और न ही किसी का अहित करने का विचार मन में लाएं।
2- झूठ न बोलें।
3- कर्तव्य पालन में चोरी न करें न ही बिना मेहनत के कुछ हासिल करने के बारे में सोचें।
4- स्वयं पर नियन्त्रण रखने का अभ्यास करें व स्वस्थ शरीर और मन के लिए जितना संभव हो ब्रम्हचर्य का पालन करें।
5- बहुत ज्यादा संचय करने की प्रवृत्ति न रखे इससे मानसिक शांति हमेशा के लिए खत्म हो जाती है।
6- शारीरिक, मानसिक स्वच्छता का हमेशा ध्यान रखें,दिनचर्या को नियमित करें, स्वाद के पीछे न भागे, सादा और संतुलित भोजन लें।
7- जो नहीं मिल पाया उसके लिए रोने के जगह जो मिला है उसके लिए ईश्वर का धन्यवाद करना न भूलें।
8- शरीर की इन्द्रियों पर नियंत्रण रखने का अभ्यास करें। शरीर में पांच ज्ञानेन्द्रियां और पांच कर्मेन्द्रिया होती होती हैं, जिनके सही उपयोग से मानव से महामानव तक का सफर किया जा सकता है।
9- ज्ञानवर्धक साहित्य पढ़ें, सकारात्मक मनोरंजन करें और मन में अनावश्यक विचरों को रोक कर एकाग्र होने का प्रयास करें।
10- कोई तो है जो इस सम्पूर्ण सृष्टि का नियन्त्रण और पालन करता है उस सर्व शक्तिमान में विश्वास और समर्पण बनाये रखे जिससे हमेशा मन आशान्वित रहता है और निराशा नहीं घेरती।
महर्षि पतंजली योग दर्शन में इन नियमों के पालन और इनसे होने वाले लाभों के बारे में विस्तार से वर्णन किया है। योग विज्ञान की भाषा में इन नियमों को "यम " और "नियम" कहा जाता है। महर्षि पतंजलि के अनुसार योग के सम्पूर्ण लाभ के लिए यम, नियम का पालन जरुरी है इसके पालन के बाद ही आसन, प्राणायाम, ध्यान का लाभ पूर्णरूप मिलता है।
#yoga #positive life #story
More Stories