एंटीबायोटिक के इस्तेमाल से महिलाओं में बढ़ सकता है दिल का दौरा पड़ने का खतरा
एंटीबायोटिक का उपयोग हृदय रोग के बढ़ते जोखिम से जुड़ा होने का संभावित कारण है क्योंकि एंटीबायोटक्सि आंत में सूक्ष्म वातावरण के संतुलन को बदल देते हैं
गाँव कनेक्शन 26 April 2019 8:54 AM GMT
वाशिंगटन। हाल में हुये एक अध्ययन में दावा किया गया है कि जो महिलाएं लंबे समय तक एंटीबायोटिक दवाएं लेती हैं, उनमें दिल का दौरा पड़ने या आघात आने का खतरा बढ़ जाता है। यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि 60 या उससे अधिक उम्र की महिलाएं जो दो महीने या उससे अधिक समय तक एंटीबायोटिक लेती हैं, उन्हें हृदय रोग का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। बीच की आयु वाली (40-59 वर्ष) महिलाओं में भी एंटीबायोटिक के लंबे समय तक उपयोग करने पर इसका जोखिम बढ़ जाता है।
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शोधकर्ताओं को 20-39 के बीच की उम्र की वयस्क महिलाओं में एंटीबायोटिक के उपयोग से जोखिम बढ़ने का कोई संकेत नहीं मिला है। एंटीबायोटिक का उपयोग हृदय रोग के बढ़ते जोखिम से जुड़ा होने का संभावित कारण है क्योंकि एंटीबायोटक्सि आंत में सूक्ष्म वातावरण के संतुलन को बदल देते हैं।
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अमेरिका में टुलाने विश्वविद्यालय के निदेशक लू क्यूई ने कहा, आंत में सूक्ष्मजीवों के संतुलन को बदलने में एंटीबायोटिक का उपयोग सबसे महत्वपूर्ण कारक है। पिछले अध्ययनों में आंत के माइक्रोबायोटिक वातावरण में परिवर्तन और रक्त वाहिकाओं के संकुचन और सूजन, स्ट्रोक और हृदय रोग के बीच एक कड़ी दिखाई गई है। शोधकर्ताओं ने नर्सेज हेल्थ स्टडी में भाग लेने वाली 36,429 महिलाओं का अध्ययन किया।
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