पांच साल से छोटे बच्चों को स्क्रीन पर रोज 60 मिनट से अधिक नहीं बिताना चाहिए: डब्ल्यूएचओ

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों को स्क्रीन देखने में बहुत कम समय बिताना चाहिए, या प्रैम और सीट पर एक ही जगह नहीं बैठे रहना चाहिए

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
पांच साल से छोटे बच्चों को स्क्रीन पर रोज 60 मिनट से अधिक नहीं बिताना चाहिए: डब्ल्यूएचओप्रतीकात्मक तस्वीर साभार: इंटरनेट

संयुक्त राष्ट्र। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के नए दिशा निर्देशों के अनुसार, एक वर्ष से कम उम्र के शिशुओं को इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन से बिल्कुल भी परिचित नहीं होना चाहिए और पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए स्क्रीन देखने का समय एक दिन में एक घंटे से अधिक नहीं होना चाहिए।

इन दिशा निर्देशों वैश्विक मोटापे के संकट से निपटने के लिए एक अभियान के तहत जारी किया गया है, जिसमें यह सुनश्चिति किया गया कि छोटे बच्चे फिट रहें और उनका विकास अच्छी तरह से हो, खासकर जीवन के पहले पांच वर्षों में, जिस दौरान बच्चों के विकास का आजीवन उसके स्वास्थ्य पर प्रभाव रहता है।

ये भी पढ़ें: विश्व मलेरिया दिवस: मलेरिया के ये हैं लक्षण, जानें बचाव और उपचार का तरीका

ये भी पढ़ें:इन लक्षणों से पहचानें कहीं आपका दिल बीमार तो नहीं

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने पहली बार पांच साल से छोटे बच्चों के लिए विशेष रूप से दिशानिर्देश तैयार किये हैं, जिसमें कहा गया कि दुनिया भर में लगभग चार करोड़ बच्चों का वजन सामान्य से अधिक है, जो कुल का लगभग छह प्रतिशत हैं। उनमें में से आधे अफ्रीका और एशिया के हैं।

ये भी पढ़ें:प्रदूषण से आप किडनी के कैंसर का हो रहे शिकार, बचने के ये हैं उपाय

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों को स्क्रीन देखने में बहुत कम समय बिताना चाहिए, या प्रैम और सीट पर एक ही जगह नहीं बैठे रहना चाहिए। स्वस्थ रहने के लिए पूरी नींद लेनी चाहिए और सक्रिय खेलकूद पर अधिक समय देना चाहिए। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रियेसस ने कहा, सभी लोगों के स्वस्थ रहने का मतलब लोगों के जीवन की शुरुआत से स्वास्थ्य का ध्यान रखना है।

घेब्रियेसस ने कहा, बचपन के प्रारंभिक दौर में बच्चों का विकास तेजी से होता है और यह ऐसा समय है जब स्वस्थ रहने के लिए परिवार की जीवन शैली को उसके अनुकूल ढाला जा सकता है।

ये भी पढ़ें:नवजात को सांस लेने में हो रही परेशानी तो सीपीएपी मशीन आएगी काम


    

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.