रणजी ट्रॉफी फाइनल 2017 में 41 बार के चैम्पियन मुंबई को हरा कर गुजरात बना पहली बार चैम्पियन 

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   14 Jan 2017 4:51 PM GMT

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रणजी ट्रॉफी फाइनल 2017 में 41 बार के चैम्पियन  मुंबई को हरा कर गुजरात बना पहली बार चैम्पियन रणजी ट्रॉफी फाइनल 2017 में गुजरात के कप्तान पार्थिव पटेल 143 रन बनाए।

इंदौर (आईएएनएस)| रणजी ट्रॉफी फाइनल 2017 के पांचवें दिन गुजरात ने शनिवार को मौजूदा विजेता मुंबई को पांच विकेट से मात देते हुए पहली बार खिताब पर कब्जा जमाया है। गुजरात को जीत के लिए चौथी पारी में 312 रनों की दरकार थी।

कप्तान पार्थिव पटेल (143) की अगुआई में गुजरात ने 89.5 ओवरों में पांच विकेट खोकर यह लक्ष्य हासिल कर ऐतिहासिक जीत हासिल की।

रणजी ट्रॉफी फाइनल 2017 के पांचवें दिन गुजरात ने शनिवार को मौजूदा विजेता मुंबई को पांच विकेट से मात देते हुए पहली बार खिताब पर कब्जा जमाया है। गुजरात को जीत के लिए चौथी पारी में 312 रनों की दरकार थी। कप्तान पार्थिव पटेल (143) की अगुआई में गुजरात ने 89.5 ओवरों में पांच विकेट खोकर यह लक्ष्य हासिल कर ऐतिहासिक जीत हासिल की।

गुजरात इससे पहले 1950-51 में रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचा था। गुजरात पहली बार फाइनल में होल्कर क्रिकेट टीम से हारा था और इ्त्तेफाक देखिए कि इस बार उसने होल्कर स्टेडियम में ही यह जीत हासिल की थी। पार्थिव के अलावा मनप्रीत जुनेजा ने भी 54 रनों का अहम योगदान दिया।

गुजरात ने सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल कर बनाया रिकार्ड

कप्तान पार्थिव पटेल के विषम परिस्थितियों में बनाए गए लाजवाब शतक से गुजरात ने आज यहां 41 बार के चैंपियन मुंबई को पांच विकेट से हराकर पहली बार रणजी ट्राफी खिताब जीता। गुजरात ने रणजी फाइनल में सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का भी रिकार्ड बनाया। इससे पहले का रिकार्ड हैदराबाद के नाम पर था जिसने 1938 में नवानगर के खिलाफ नौ विकेट पर 310 रन बनाए थे।

66 साल पहले 1950-51 में गुजरात फाइनल में पहुंचा था

गुजरात 66 साल पहले 1950-51 में फाइनल में पहुंचा था लेकिन तब उसे होलकर (अब मध्यप्रदेश) ने इंदौर में ही खेले गए फाइनल में 189 रन से हरा दिया था। गुजरात रणजी चैंपियन बनने वाली 16वीं टीम है।

गुजरात ने 2014-15 में सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्राफी और 2015-16 में विजय हजारे एकदिवसीय ट्राफी जीती थी और इस तरह से तीनों राष्ट्रीय खिताब जीतने वाली वह चौथी टीम बन गयी है। गुजरात से पहले तमिलनाडु, बंगाल और उत्तर प्रदेश यह कारनामा कर चुके हैं। पार्थिव तीनों खिताब जीतने वाले पहले कप्तान भी बन गए हैं।

मुंबई की रणजी फाइनल में पांचवी हार

मुंबई की यह रणजी फाइनल में केवल पांचवी हार है। इससे पहले आखिरी बार उसे 1990-91 में हरियाणा ने दो रन से हराया था। इसके बाद मुंबई 11 बार फाइनल में पहुंचा जिनमें से पिछले दस में उसने जीत दर्ज की थी। गुजरात आज उसके विजय अभियान पर विराम लगाने में सफल रहा। गुजरात ने सुबह बिना किसी नुकसान के 47 रन से आगे खेलना शुुरू किया लेकिन उसने इसी स्कोर पर इस सत्र में सर्वाधिक 1310 रन बनाने वाले सलामी बल्लेबाज प्रियांक पांचाल (34) का विकेट गंवा दिया। पांचाल ने बलविंदर संधू (101 रन देकर दो विकेट) की आफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर दूसरी स्लिप में खड़े सूर्यकुमार यादव को कैच दिया।

संधू ने नए बल्लेबाज भार्गव मेराई (दो) को भी ज्यादा देर तक नहीं टिकने दिया, जिसके बाद पार्थिव ने क्रीज पर कदम रखा लेकिन दूसरे सलामी बल्लेबाज समित गोहल (21) के आउट होने से गुजरात का स्कोर तीन विकेट पर 89 रन हो गया।

मुंबई अच्छी स्थिति में दिख रहा था लेकिन पार्थिव ने मनप्रीत जुनेजा (54) के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए 116 रन की साझेदारी निभाई जो आखिर में निर्णायक साबित हुई।

जुनेजा ने अखिल हेरवादकर की गेंद पर विकेटकीपर आदित्य तारे को कैच दिया। हालांकि तब बल्लेबाज को लग रहा था कि गेंद उनके बल्ले से लगकर नहीं गई। रुजुल भट (नाबाद 27) ने हालांकि पार्थिव का अच्छा साथ दिया और अपने कप्तान के साथ पांचवें विकेट के लिए 94 रन जोड़े। भट जब केवल एक रन पर थे तब तारे ने उनका आसान कैच छोड़ा। गेंद उनके पीछे हेलमेट पर लगी जिससे मुंबई को पांच पेनल्टी रन भी गंवाने पड़े। भट को इसके बाद भी दो बार जीवनदान मिले।

पार्थिव पटेल बने मैन आफ द मैच

मैन आफ द मैच पार्थिव इस बीच संधू पर तीन चौके जड़कर शतक के करीब पहुंचे और उन्होंने हेरवादकर पर दो रन लेकर प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपना 25वां सैकड़ा पूरा किया। उन्होंने सबसे पहले ड्रेसिंग रुम में बैठे अपने साथियों और फिर दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया। पार्थिव की पारी का अंत आखिर में शार्दुल ठाकुर ने किया। पार्थिव ने शार्ट पिच गेंद पर वापस गेंदबाज को कैच थमाया लेकिन तब गुजरात लक्ष्य से केवल 13 रन दूर था।

पार्थिव ने अपनी पारी में 196 गेंदों का सामना किया तथा 24 चौके लगाए। चिराग गांधी (नाबाद 11) ने ठाकुर पर लगातार दो चौके जडकर अपनी टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया।

यह मुंबई की ‘बम्बई से मुंबई' बनने के बाद रणजी फाइनल में पहली हार है।

     

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