कभी दिल की बात नहीं कह पाया, क्योंकि टीम से बाहर होने का डर था: सरफराज 

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कभी दिल की बात नहीं कह पाया, क्योंकि टीम से बाहर होने का डर था: सरफराज सरफराज अहमद, क्रिकेटर

कराची (भाषा)। पिछले कुछ समय से पाकिस्तान की तरफ से विकेट के आगे और विकेट के पीछे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले सरफराज अहमद ने कहा कि वकार यूनिस के मुख्य कोच रहते हुए वह इसलिए अपनी दिक्कतों का खुलासा नहीं कर पाये क्योंकि उन्हें टीम से बाहर किये जाने का डर लगा रहता था।

सरफराज से उस घटना के बारे में पूछा गया जब वह मुख्य चयनकर्ता के पास गये और उन्होंने उनसे जिम्बाब्वे दौरे के लिये विश्राम नहीं देने का आग्रह किया, उन्होंने स्वीकार किया कि यह सच है। इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने जियो सुपर चैनल से कहा, ‘‘मैं थोड़ा असुरक्षित महसूस कर रहा था क्योंकि अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद जिम्बाब्वे दौरे से पहले आखिरी टी20 मैच से मुझे बाहर कर दिया गया था और मुझे चिंता थी कि यदि मेरे स्थान पर चुना गया खिलाडी अच्छा प्रदर्शन करता है तो फिर क्या होगा।''

सरफराज को याद दिलाया गया कि वह टीम का सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर बल्लेबाज है जो लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है तो फिर वह असुरक्षित क्यों महसूस कर रहा था, उन्होंने घुमा फिराकर जवाब दिया।

लेकिन जब सरफराज से न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया में खेले गये विश्व कप 2015 की घटनाओं के बारे में पूछा गया जब वकार ने लोगों के दबाव के बावजूद उन्हें पहले चार मैचों में नहीं खिलाया तो उन्होंने उस मामले को अब ज्यादा तवज्जो नहीं देने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ज्यादा कहने से डरता हूं। इससे मुझे बाहर किया जा सकता है। मुझे टीम से बाहर किये जाने का डर रहता है क्योंकि कुछ अन्य खिलाडियों के साथ जो कुछ हुआ उसका मैं गवाह रहा हूं।''

    

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