यहाँ चिता की अधजली लकड़ियों से जलाना पड़ता है घर का चूल्हा
यहाँ चिता की अधजली लकड़ियों से जलाना पड़ता है घर का चूल्हा

By Dewesh Pandey

प्राचीन शहर वाराणसी में गंगा के घाटों पर, डोम समुदाय शव के अंतिम संस्कार के लिए ज़रूरी होते हैं। फिर भी वे सामाजिक रूप से बहिष्कृत (अस्वीकार) हैं, उनकी शिक्षा तक पहुँच नहीं है और वे गरीबी का जीवन जीते हैं। बावज़ूद इसके उन्हें उम्मीद है उनके बच्चों के शिक्षित होने से हालात बदलेंगे।

प्राचीन शहर वाराणसी में गंगा के घाटों पर, डोम समुदाय शव के अंतिम संस्कार के लिए ज़रूरी होते हैं। फिर भी वे सामाजिक रूप से बहिष्कृत (अस्वीकार) हैं, उनकी शिक्षा तक पहुँच नहीं है और वे गरीबी का जीवन जीते हैं। बावज़ूद इसके उन्हें उम्मीद है उनके बच्चों के शिक्षित होने से हालात बदलेंगे।

प्रधानमंत्री ने किया 'बनारस डेयरी संकुल' का शिलान्यास, कहा- गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय माता है, पूजनीय है
प्रधानमंत्री ने किया 'बनारस डेयरी संकुल' का शिलान्यास, कहा- गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय माता है, पूजनीय है

By Gaon Connection

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां गाय की बात करना, गोबरधन की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है। गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय, माता है, पूजनीय है। गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां गाय की बात करना, गोबरधन की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है। गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय, माता है, पूजनीय है। गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है।"

प्रधानमंत्री ने किया 'बनारस डेयरी संकुल' का शिलान्यास, कहा- गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय, माता है, पूजनीय है
प्रधानमंत्री ने किया 'बनारस डेयरी संकुल' का शिलान्यास, कहा- गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय, माता है, पूजनीय है

By गाँव कनेक्शन

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां गाय की बात करना, गोबरधन की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है। गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय, माता है, पूजनीय है। गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां गाय की बात करना, गोबरधन की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है। गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय, माता है, पूजनीय है। गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है।"

The last two flagbearers of “Khaike Paan Banaras Wala”
The last two flagbearers of “Khaike Paan Banaras Wala”

By Gaon Connection

Just two farmers remain in the Varanasi district of Uttar Pradesh who continue to cultivate the famous Banarasi paan leaf. Mira Devi is one of them. Gaon Connection caught up with her to know why betel leaf farmers were turning to daily wage works.

Just two farmers remain in the Varanasi district of Uttar Pradesh who continue to cultivate the famous Banarasi paan leaf. Mira Devi is one of them. Gaon Connection caught up with her to know why betel leaf farmers were turning to daily wage works.

The last two flagbearers of “Khaike Paan Banaras Wala”
The last two flagbearers of “Khaike Paan Banaras Wala”

By Dewesh Pandey

Just two farmers remain in the Varanasi district of Uttar Pradesh who continue to cultivate the famous Banarasi paan leaf. Mira Devi is one of them. Gaon Connection caught up with her to know why betel leaf farmers were turning to daily wage works.

Just two farmers remain in the Varanasi district of Uttar Pradesh who continue to cultivate the famous Banarasi paan leaf. Mira Devi is one of them. Gaon Connection caught up with her to know why betel leaf farmers were turning to daily wage works.

ये वजह है इस बार बनारसी आम 'लंगड़ा' के महँगा होने और 'लंगड़ा' कहे जाने की
ये वजह है इस बार बनारसी आम 'लंगड़ा' के महँगा होने और 'लंगड़ा' कहे जाने की

By Gaon Connection

बनारस का लंगड़ा आम इसबार मंडी में आते ही लंगड़ा रहा है। देश के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ‘लंगड़ा’ किस्म आम के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है। किसानों के मुताबिक, इसका कारण अप्रैल और मई में होने वाली बेमौसम ओलावृष्टि और बारिश है।

बनारस का लंगड़ा आम इसबार मंडी में आते ही लंगड़ा रहा है। देश के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ‘लंगड़ा’ किस्म आम के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है। किसानों के मुताबिक, इसका कारण अप्रैल और मई में होने वाली बेमौसम ओलावृष्टि और बारिश है।

ये वजह है इस बार बनारसी आम 'लंगड़ा' के महँगा होने और 'लंगड़ा' कहे जाने की
ये वजह है इस बार बनारसी आम 'लंगड़ा' के महँगा होने और 'लंगड़ा' कहे जाने की

By Dewesh Pandey

बनारस का लंगड़ा आम इसबार मंडी में आते ही लंगड़ा रहा है। देश के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ‘लंगड़ा’ किस्म आम के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है। किसानों के मुताबिक, इसका कारण अप्रैल और मई में होने वाली बेमौसम ओलावृष्टि और बारिश है।

बनारस का लंगड़ा आम इसबार मंडी में आते ही लंगड़ा रहा है। देश के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ‘लंगड़ा’ किस्म आम के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है। किसानों के मुताबिक, इसका कारण अप्रैल और मई में होने वाली बेमौसम ओलावृष्टि और बारिश है।

Waiting To Die In Kashi
Waiting To Die In Kashi

By Dewesh Pandey

Amidst the bustle and crowds of the holy city of Banaras, the Mumukshu Bhawan and the Mukti Bhawan offer comfort, solace and dignity to people who come there to die.

Amidst the bustle and crowds of the holy city of Banaras, the Mumukshu Bhawan and the Mukti Bhawan offer comfort, solace and dignity to people who come there to die.

कैसे हुई थी दुनिया भर में प्रसिद्ध देव दीपावली की शुरुआत?
कैसे हुई थी दुनिया भर में प्रसिद्ध देव दीपावली की शुरुआत?

By गाँव कनेक्शन

बनारस में ललिता घाट पर कॉरिडोर निर्माण से पानी का रंग बदलने के बाद क्या गंगा के अर्धचंद्राकार रूप पर पड़ेगा असर?
बनारस में ललिता घाट पर कॉरिडोर निर्माण से पानी का रंग बदलने के बाद क्या गंगा के अर्धचंद्राकार रूप पर पड़ेगा असर?

By Shashwat

कहा जा रहा है काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनकर जब तैयार होगा तो बनारस की खूबसूरती में 4 चांद लग जाएंगे। लेकिन निर्माण कार्य के बाद जिस तरह से ललिता घाट पर गंगा के पानी का रंग बदला है। नदी के जानकार और बनारस प्रेमी गंगा और उसके बहाव में कई बदलावों की आशंका जता रहे हैं।

कहा जा रहा है काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनकर जब तैयार होगा तो बनारस की खूबसूरती में 4 चांद लग जाएंगे। लेकिन निर्माण कार्य के बाद जिस तरह से ललिता घाट पर गंगा के पानी का रंग बदला है। नदी के जानकार और बनारस प्रेमी गंगा और उसके बहाव में कई बदलावों की आशंका जता रहे हैं।

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