By Mithilesh Dhar
वो कौन सा वर्ग था जिसका कामकाज कोविड आपदा में सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ? नौकरी पेशा को लगता है उसका नुकसान हुआ, व्यापारी को लगता है सबसे ज्यादा घाटा उसका हुआ, लेकिन देश का सबसे बड़ा ग्रामीण सर्वे क्या कहता है देखिए?
वो कौन सा वर्ग था जिसका कामकाज कोविड आपदा में सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ? नौकरी पेशा को लगता है उसका नुकसान हुआ, व्यापारी को लगता है सबसे ज्यादा घाटा उसका हुआ, लेकिन देश का सबसे बड़ा ग्रामीण सर्वे क्या कहता है देखिए?
By Arvind Shukla
कोरोना से जूझते देश में जीडीपी 23 फीसदी नीचे चली गई है। बेरोजगारी चरम पर है। छात्र और बेरोजगार हंगामा कर रहे हैं। मंदी से उबरने की कोशिश में जुटे देश में कोरोना की आपदा ने समस्याओं को कई गुना बढ़ दिया, लॉकडाउन के दौरान हर 10 में से 9 व्यक्तियों को आर्थिक तंगी हुई। लोग खाली हाथ हैं, जिसका असर अब हर वर्ग पर पड़ रहा है।
कोरोना से जूझते देश में जीडीपी 23 फीसदी नीचे चली गई है। बेरोजगारी चरम पर है। छात्र और बेरोजगार हंगामा कर रहे हैं। मंदी से उबरने की कोशिश में जुटे देश में कोरोना की आपदा ने समस्याओं को कई गुना बढ़ दिया, लॉकडाउन के दौरान हर 10 में से 9 व्यक्तियों को आर्थिक तंगी हुई। लोग खाली हाथ हैं, जिसका असर अब हर वर्ग पर पड़ रहा है।
By गाँव कनेक्शन
जब प्रवासी शहरों से गांवों की तरफ लौट कर आए तो मनरेगा को उनके रोजगार को प्रमुख विकल्प माना जा रहा था लेकिन गांव कनेक्शन के सर्वे के मुताबिक यह बुरी तरह फेल रहा और सिर्फ 20% लोग ही इसमें रोजगार पा सकें।
जब प्रवासी शहरों से गांवों की तरफ लौट कर आए तो मनरेगा को उनके रोजगार को प्रमुख विकल्प माना जा रहा था लेकिन गांव कनेक्शन के सर्वे के मुताबिक यह बुरी तरह फेल रहा और सिर्फ 20% लोग ही इसमें रोजगार पा सकें।
By गाँव कनेक्शन
नरेंद्र मोदी सरकार के फैसलों पर ग्रामीण भारत का क्या है कहना?, इतने लंबे लॉकडाउन पर क्या बोले आम लोग? क्या कोविड-19 से निपटने के केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्यों की सरकारों से लोग खुश हैं?, ऐसे ही कई सवालों के जवाब देगा गांव कनेक्शन का ये फेस टू फेस सर्वे
नरेंद्र मोदी सरकार के फैसलों पर ग्रामीण भारत का क्या है कहना?, इतने लंबे लॉकडाउन पर क्या बोले आम लोग? क्या कोविड-19 से निपटने के केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्यों की सरकारों से लोग खुश हैं?, ऐसे ही कई सवालों के जवाब देगा गांव कनेक्शन का ये फेस टू फेस सर्वे
By गाँव कनेक्शन
ग्रामीण भारत पर कोरोना लॉकडाउन का असर समझने के लिए 30 मई से 16 जुलाई 2020 के बीच 23 राज्यों के 25,300 लोगों से फेस टू फेस इंटरव्यू कर गांव कनेक्शन के सर्वेयर्स ने 100 के आसपास सवाल पूछे। इस सर्वे का डिजाइन और डाटा विश्लेषण नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटी के लोकनीति-सीएसडीएस टीम द्वारा किया गया।
ग्रामीण भारत पर कोरोना लॉकडाउन का असर समझने के लिए 30 मई से 16 जुलाई 2020 के बीच 23 राज्यों के 25,300 लोगों से फेस टू फेस इंटरव्यू कर गांव कनेक्शन के सर्वेयर्स ने 100 के आसपास सवाल पूछे। इस सर्वे का डिजाइन और डाटा विश्लेषण नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटी के लोकनीति-सीएसडीएस टीम द्वारा किया गया।
By Shivani Gupta
सर्वे के अनुसार, लॉकडाउन के कारण 23 फीसदी प्रवासी मजदूर पैदल ही शहर से अपने गांव-घर की यात्रा की, जबकि 18 फीसदी बस से और 12 फीसदी ट्रेन के सफर से घर पहुंचे।
सर्वे के अनुसार, लॉकडाउन के कारण 23 फीसदी प्रवासी मजदूर पैदल ही शहर से अपने गांव-घर की यात्रा की, जबकि 18 फीसदी बस से और 12 फीसदी ट्रेन के सफर से घर पहुंचे।
By Arvind Shukla
ये लॉकडाउन के बाद का ग्रामीण भारत से सबसे बड़ा सर्वे है, जिसमें पता चलता है पहले से मुश्किलों घिरे किसानों को कैसी-2 मुसीबतों का सामना करना पड़ा और अब आगे होना चाहिए? देखिए प्रख्यात कृषि एवं खाद्य विशेषज्ञ देविंदर शर्मा से खास बात.. गांव कैफे में
ये लॉकडाउन के बाद का ग्रामीण भारत से सबसे बड़ा सर्वे है, जिसमें पता चलता है पहले से मुश्किलों घिरे किसानों को कैसी-2 मुसीबतों का सामना करना पड़ा और अब आगे होना चाहिए? देखिए प्रख्यात कृषि एवं खाद्य विशेषज्ञ देविंदर शर्मा से खास बात.. गांव कैफे में
By गाँव कनेक्शन
By Sachin Dhar Dubey
गांव कनेक्शन के सर्वे में मध्य प्रदेश इंटरनेट से जानकारी हासिल करने के मामले में 43.3 प्रतिशत ग्रामीणों के साथ सबसे आगे है तो हरियाणा 15.8 फीसद के साथ सबसे फिसड्डी।
गांव कनेक्शन के सर्वे में मध्य प्रदेश इंटरनेट से जानकारी हासिल करने के मामले में 43.3 प्रतिशत ग्रामीणों के साथ सबसे आगे है तो हरियाणा 15.8 फीसद के साथ सबसे फिसड्डी।
By Shivani Gupta
कोरोना संकटा और लॉकडाउन के कारण, पूर्वोत्तर राज्यों के लाखों ग्रामीणों को संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान असम में 82 प्रतिशत परिवारों को गुजारा करना भी काफी मुश्किल हो गया।
कोरोना संकटा और लॉकडाउन के कारण, पूर्वोत्तर राज्यों के लाखों ग्रामीणों को संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान असम में 82 प्रतिशत परिवारों को गुजारा करना भी काफी मुश्किल हो गया।