ग्रामीण भारत की बड़ी चुनौती: आज भी अधूरी चिकित्सा व्यवस्था
ग्रामीण भारत की बड़ी चुनौती: आज भी अधूरी चिकित्सा व्यवस्था

By Dr SB Misra

गाँव में आज भी चिकित्सा व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। 70% आबादी गाँवों में रहती है, लेकिन डॉक्टरों का सिर्फ़ 26% हिस्सा वहां उपलब्ध है। अस्पतालों की कमी, दवाइयों का अभाव, झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला और तेजी से बढ़ती शहरी बीमारियां, ग्रामीण स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी कर रही हैं।

गाँव में आज भी चिकित्सा व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। 70% आबादी गाँवों में रहती है, लेकिन डॉक्टरों का सिर्फ़ 26% हिस्सा वहां उपलब्ध है। अस्पतालों की कमी, दवाइयों का अभाव, झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला और तेजी से बढ़ती शहरी बीमारियां, ग्रामीण स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी कर रही हैं।

इसे कहते हैं असली ज़िंदगी
इसे कहते हैं असली ज़िंदगी

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प्रकृति के साथ तालमेल में भी ज़िंदगी जी जा सकती है… हरे-भरे खेतों के बीच खड़ा यह घर सिर्फ़ ईंट और छत नहीं, एक संदेश है।

प्रकृति के साथ तालमेल में भी ज़िंदगी जी जा सकती है… हरे-भरे खेतों के बीच खड़ा यह घर सिर्फ़ ईंट और छत नहीं, एक संदेश है।

पहले नाते रिश्तेदार पूरा करा जाते थे खेत का काम, अब क्यों खत्म हो गई सहकार जजमानी परंपरा?
पहले नाते रिश्तेदार पूरा करा जाते थे खेत का काम, अब क्यों खत्म हो गई सहकार जजमानी परंपरा?

By Ashwani Kumar Dwivedi

अगर आप का भी गाँव कनेक्शन है तो आपने गाँव की सहकार और जजमानी व्यवस्था के बारे में ज़रूर सुना होगा, चलिए जानते हैं आखिर क्यों लोग इससे अब दूरी बना रहे हैं।

अगर आप का भी गाँव कनेक्शन है तो आपने गाँव की सहकार और जजमानी व्यवस्था के बारे में ज़रूर सुना होगा, चलिए जानते हैं आखिर क्यों लोग इससे अब दूरी बना रहे हैं।

चलिए एक बार फिर यादों के गलियारों में घूम आते हैं
चलिए एक बार फिर यादों के गलियारों में घूम आते हैं

By shakti Tripathi

इस भागम भाग वाली ज़िन्दगी में ये पुरानी यादें ही मुझे हौसला देती हैं। मुझे समझाने की कोशिश करती हैं कि आप दूर सही पर ज़िन्दगी भरपूर जी रहे हैं। ज़िन्दगी के असली मज़े ले रहे हैं पर क्या ये सच है के हम अपनी ज़िन्दगी जी रहे हैं?

इस भागम भाग वाली ज़िन्दगी में ये पुरानी यादें ही मुझे हौसला देती हैं। मुझे समझाने की कोशिश करती हैं कि आप दूर सही पर ज़िन्दगी भरपूर जी रहे हैं। ज़िन्दगी के असली मज़े ले रहे हैं पर क्या ये सच है के हम अपनी ज़िन्दगी जी रहे हैं?

ग्रामीण भारत से दोस्ती और अनकही कहानियों से मुलाकात
ग्रामीण भारत से दोस्ती और अनकही कहानियों से मुलाकात

By Pankaja Srinivasan

मेरे लिए गाँव कनेक्शन एक अदृश्य दुनिया को प्रकाश में ले आया। मैंने उस दुनिया में रहने लोगों से अदम्य, कभी हार न मानने वाला भाव सीखा। अब जबकि साल खत्म होने जा रहा है, मैं उन यादों को संजोना चाहूंगी जो मेरे चेहरे पर मुस्कान ले आता है।

मेरे लिए गाँव कनेक्शन एक अदृश्य दुनिया को प्रकाश में ले आया। मैंने उस दुनिया में रहने लोगों से अदम्य, कभी हार न मानने वाला भाव सीखा। अब जबकि साल खत्म होने जा रहा है, मैं उन यादों को संजोना चाहूंगी जो मेरे चेहरे पर मुस्कान ले आता है।

Rural India: Consumption of Packaged Sugary Food On Rise, Access To Protein Declining — Study
Rural India: Consumption of Packaged Sugary Food On Rise, Access To Protein Declining — Study

By गाँव कनेक्शन

A research study has found that India’s rural population is losing access to protein and the consumption of packaged sugary edibles and carbohydrates has increased. The study reasoned affordability of carbohydrates-laden food as the primary cause of the nutritional imbalance. The increase in consumption of sugars is linked with a rise in cardiovascular diseases and diabetes.

A research study has found that India’s rural population is losing access to protein and the consumption of packaged sugary edibles and carbohydrates has increased. The study reasoned affordability of carbohydrates-laden food as the primary cause of the nutritional imbalance. The increase in consumption of sugars is linked with a rise in cardiovascular diseases and diabetes.

20% more internet users in rural India than urban areas; strong upsurge in female internet users in villages: Study
20% more internet users in rural India than urban areas; strong upsurge in female internet users in villages: Study

By गाँव कनेक्शन

India has 646 million active internet users aged two years and above, of which 352 million are in its villages. Female users’ growth in the last two years is a whopping 61% as compared to male users who grew at 24%.

India has 646 million active internet users aged two years and above, of which 352 million are in its villages. Female users’ growth in the last two years is a whopping 61% as compared to male users who grew at 24%.

विश्व पर्यावरण दिवस विशेष: पर्यावरण असंतुलन क्यों है ख़ेती के लिए चुनौती
विश्व पर्यावरण दिवस विशेष: पर्यावरण असंतुलन क्यों है ख़ेती के लिए चुनौती

By Gaon Connection

आज समय की माँग है कि गाँवों में भी पर्यावरण की ज़रूरत को देखते हुए अधिक से अधिक पौधें लगाए जाए। पॉलिथीन का इस्तेमाल बंद हो और किसान कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों का कम से कम प्रयोग करें।

आज समय की माँग है कि गाँवों में भी पर्यावरण की ज़रूरत को देखते हुए अधिक से अधिक पौधें लगाए जाए। पॉलिथीन का इस्तेमाल बंद हो और किसान कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों का कम से कम प्रयोग करें।

बजट 2024 पर क्या है ग्रामीण भारत की राय?
बजट 2024 पर क्या है ग्रामीण भारत की राय?

By गाँव कनेक्शन

आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट 2024 पेश किया। इस बजट में ग्रामीण भारत का ख़ास ध्यान रखा गया है। गाँव कनेक्शन ने किसान, महिला और युवाओं से बात की; चलिए देखते हैं क्या है उनकी राय ..

आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट 2024 पेश किया। इस बजट में ग्रामीण भारत का ख़ास ध्यान रखा गया है। गाँव कनेक्शन ने किसान, महिला और युवाओं से बात की; चलिए देखते हैं क्या है उनकी राय ..

विश्व पर्यावरण दिवस विशेष: पर्यावरण असंतुलन क्यों है ख़ेती के लिए चुनौती
विश्व पर्यावरण दिवस विशेष: पर्यावरण असंतुलन क्यों है ख़ेती के लिए चुनौती

By Dr. Satyendra Pal Singh

आज समय की माँग है कि गाँवों में भी पर्यावरण की ज़रूरत को देखते हुए अधिक से अधिक पौधें लगाए जाए। पॉलिथीन का इस्तेमाल बंद हो और किसान कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों का कम से कम प्रयोग करें।

आज समय की माँग है कि गाँवों में भी पर्यावरण की ज़रूरत को देखते हुए अधिक से अधिक पौधें लगाए जाए। पॉलिथीन का इस्तेमाल बंद हो और किसान कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों का कम से कम प्रयोग करें।

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