By Dr SB Misra
भारत की खेती 10,000 साल पुरानी है, लेकिन आज किसान अपने ही खेत में असहाय खड़ा है। कैसे विकास के गलत मॉडल, रसायनिक खेती और नीतिगत खैरात ने किसान को आत्मनिर्भर से आश्रित बना दिया।
भारत की खेती 10,000 साल पुरानी है, लेकिन आज किसान अपने ही खेत में असहाय खड़ा है। कैसे विकास के गलत मॉडल, रसायनिक खेती और नीतिगत खैरात ने किसान को आत्मनिर्भर से आश्रित बना दिया।
By Gaon Connection
सरकार ने खेती को टिकाऊ और लाभदायक बनाने के लिए आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस को मैदान में उतार दिया है। मानसून पूर्वानुमान, कीट पहचान और कृषि योजनाओं की जानकारी अब AI से किसानों तक पहुँच रही है, जिससे पैदावार बढ़ने और नुकसान घटने की उम्मीद है।
सरकार ने खेती को टिकाऊ और लाभदायक बनाने के लिए आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस को मैदान में उतार दिया है। मानसून पूर्वानुमान, कीट पहचान और कृषि योजनाओं की जानकारी अब AI से किसानों तक पहुँच रही है, जिससे पैदावार बढ़ने और नुकसान घटने की उम्मीद है।
By Suvigya Jain
उत्पादन बढ़ने से अगर सही में भारतीय कृषि और भारतीय गांव में सुधार हो रहा है तो सकल घरेलू उत्पाद में भी कृषि की हिस्सेदारी बढती हुई दिखनी चाहिए थी। लेकिन इसके उलट हर साल कृषि उत्पादन बढने के बावजूद देश के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का हिस्सा घटता जा रहा है
उत्पादन बढ़ने से अगर सही में भारतीय कृषि और भारतीय गांव में सुधार हो रहा है तो सकल घरेलू उत्पाद में भी कृषि की हिस्सेदारी बढती हुई दिखनी चाहिए थी। लेकिन इसके उलट हर साल कृषि उत्पादन बढने के बावजूद देश के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का हिस्सा घटता जा रहा है
By गाँव कनेक्शन
वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी, यह एक बड़ा प्रश्न है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी बता रहे हैं कि किसानों की आय बढ़ाने में तकनीकी की बड़ी भूमिका रहेगी।
वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी, यह एक बड़ा प्रश्न है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी बता रहे हैं कि किसानों की आय बढ़ाने में तकनीकी की बड़ी भूमिका रहेगी।
By दिति बाजपेई
Educated youth with postgraduate degrees in Kashmir are finding horticulture, bee-keeping and spice cultivation profitable ventures that not only earns them a livelihood but also generates employment to others.
Educated youth with postgraduate degrees in Kashmir are finding horticulture, bee-keeping and spice cultivation profitable ventures that not only earns them a livelihood but also generates employment to others.
By Devinder Sharma
पिछले दो वर्षों में कृषि आय में वास्तविक वृद्धि लगभग शून्य रही है, इससे पहले भी जब नीति आयोग ने अनुमान लगाया था कि 2011-12 से 2015-16 के पांच वर्षों के दौरान वास्तविक कृषि आय प्रति वर्ष आधा पर्सेंट से कम की दर से बढ़ रही थी।
पिछले दो वर्षों में कृषि आय में वास्तविक वृद्धि लगभग शून्य रही है, इससे पहले भी जब नीति आयोग ने अनुमान लगाया था कि 2011-12 से 2015-16 के पांच वर्षों के दौरान वास्तविक कृषि आय प्रति वर्ष आधा पर्सेंट से कम की दर से बढ़ रही थी।
By गाँव कनेक्शन
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि वैज्ञानिकों से अपने शोध पत्रों को शासन और कृषि निदेशालय के साथ-साथ जिलाधिकारियों को भी उपलब्ध करायें जाने को कहा।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि वैज्ञानिकों से अपने शोध पत्रों को शासन और कृषि निदेशालय के साथ-साथ जिलाधिकारियों को भी उपलब्ध करायें जाने को कहा।
By गाँव कनेक्शन
A research report prepared by the Foundation of Agrarian Studies highlighted that while the share of central government expenditure was reduced, there was an increase in the share of state government expenditure. It also found that the government expenditure on agriculture as a share of gross value added in agriculture has declined considerably in the past decade. Details here.
A research report prepared by the Foundation of Agrarian Studies highlighted that while the share of central government expenditure was reduced, there was an increase in the share of state government expenditure. It also found that the government expenditure on agriculture as a share of gross value added in agriculture has declined considerably in the past decade. Details here.
By Dr SB Misra
खेती की पुरानी विधाएं फिर से अपनाने और आधुनिक पद्धतियों को त्यागने से भी काम नहीं चलेगा। हमें पुरातन को युगानुकूल और विदेशी का स्वदेशानुकूल बनाकर चलना होगा अन्यथा दुनिया में बहुत पिछड़ जाएंगे। सीरीज 'खेती में देसी क्रांति' का पहला हिस्सा…
खेती की पुरानी विधाएं फिर से अपनाने और आधुनिक पद्धतियों को त्यागने से भी काम नहीं चलेगा। हमें पुरातन को युगानुकूल और विदेशी का स्वदेशानुकूल बनाकर चलना होगा अन्यथा दुनिया में बहुत पिछड़ जाएंगे। सीरीज 'खेती में देसी क्रांति' का पहला हिस्सा…
By Ramandeep Singh Mann
The narrative being peddled by the urban economic pundits and the Ivy League babus is that the best way forward is to take the agriculture labour out of the villages, and into the cities. But, the million-dollar question is that from where will you bring so many jobs?
The narrative being peddled by the urban economic pundits and the Ivy League babus is that the best way forward is to take the agriculture labour out of the villages, and into the cities. But, the million-dollar question is that from where will you bring so many jobs?