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58 साल बाद गाँव के स्कूल में बच्चियाँ भी आने लगीं
58 साल बाद गाँव के स्कूल में बच्चियाँ भी आने लगीं

By Sayantani Deb

राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित मीनाक्षी गोस्वामी असम के एक गाँव में सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल हैं। बच्चों को उनकी संस्कृति से जोड़कर शिक्षित करने के उनके तरीके से, सोनितपुर ज़िले का उनका स्कूल अलग पहचान रखता है। लेकिन उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है अपने छह दशक पुराने स्कूल के दरवाज़े छोटी बच्चियों के लिए भी खोलना।

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बाघजान विस्फोट: ऑयल इंडिया लिमिटेड ने छह महीने पहले ही माना था, 'देश तेल व गैस हादसों से निपटने के लिए नहीं है तैयार'
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By Rohin Kumar

पर्यावरणविदों की चिंता है कि बाघजान और मागुरी मोटापुंग बील जैसे अति संवेदनशील क्षेत्र में पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई शायद कभी न हो पाए।

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