काग़जी बर्तन की कला को दुनिया में ऐसे दिलाई राजस्थान के युवक ने नई पहचान
By Rajesh Khandelwal
अलवर के युवा ओमप्रकाश गालव ने अपने हुनर से राजस्थान की परम्परागत मिट्टी कला को यूरोप में भी पहचान दिला दी है। मिट्टी के कागजी बर्तनों को बनाने में माहिर ओमप्रकाश अबतक 5 हज़ार से ज़्यादा लोगों को ये कला सिखा चुके हैं। इससे जहाँ सैकड़ों लोगों को रोज़गार मिला है वहीँ भारत की इस प्राचीन कला को बाहरी देशों के बड़े बाज़ार में सम्मान भी मिल रहा है।
अलवर के युवा ओमप्रकाश गालव ने अपने हुनर से राजस्थान की परम्परागत मिट्टी कला को यूरोप में भी पहचान दिला दी है। मिट्टी के कागजी बर्तनों को बनाने में माहिर ओमप्रकाश अबतक 5 हज़ार से ज़्यादा लोगों को ये कला सिखा चुके हैं। इससे जहाँ सैकड़ों लोगों को रोज़गार मिला है वहीँ भारत की इस प्राचीन कला को बाहरी देशों के बड़े बाज़ार में सम्मान भी मिल रहा है।
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