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लॉकडाउन में बेबसी का सफर: मुश्किलों भरा वो लंबा दौर जिसके जख्म अभी तक नहीं भरे
लॉकडाउन में बेबसी का सफर: मुश्किलों भरा वो लंबा दौर जिसके जख्म अभी तक नहीं भरे

By गाँव कनेक्शन

ठीक दो साल पहले, 25 मार्च 2020 को पूरे देश में लॉकडाउन लग गया था। ग्रामीण भारत के लाखों प्रवासी मजदूर शहरों में फंसे हुए थे। उनके पास न तो नौकरी थी, न रहने की जगह और ना ही खाने का कोई सामान। उनमें से सैकड़ों हजारों तो पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े थे। दो साल बाद, गांव कनेक्शन ने इन प्रवासी मजदूरों से मिलकर उनकी स्थिति को जानने की कोशिश की और पाया कि लॉकडाउन से मिले उनके वो घाव अभी पूरी तरह से भरे नहीं हैं, निशान काफी गहरे हैं।

ठीक दो साल पहले, 25 मार्च 2020 को पूरे देश में लॉकडाउन लग गया था। ग्रामीण भारत के लाखों प्रवासी मजदूर शहरों में फंसे हुए थे। उनके पास न तो नौकरी थी, न रहने की जगह और ना ही खाने का कोई सामान। उनमें से सैकड़ों हजारों तो पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े थे। दो साल बाद, गांव कनेक्शन ने इन प्रवासी मजदूरों से मिलकर उनकी स्थिति को जानने की कोशिश की और पाया कि लॉकडाउन से मिले उनके वो घाव अभी पूरी तरह से भरे नहीं हैं, निशान काफी गहरे हैं।

स्कूल फिर से खुलने के साथ, खासकर गरीब और हाशिए के समुदायों के बच्चों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ माहौल की जरूरत है
स्कूल फिर से खुलने के साथ, खासकर गरीब और हाशिए के समुदायों के बच्चों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ माहौल की जरूरत है

By Santhya Vikram

महामारी के इस दौर में अन्य नुकसान के साथ-साथ बच्चों की सीखने की क्षमता पर भी गहरा असर पड़ा है। लेकिन यह असर सभी बच्चों पर समान रहा हो, ऐसा नही है। स्कूलों को धीरे-धीरे खोलते वक्त स्कूलों और प्रशासन को सरकारी और निजी स्कूलों के बीच के अंतर को समझना होगा और इसी दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना होगा।

महामारी के इस दौर में अन्य नुकसान के साथ-साथ बच्चों की सीखने की क्षमता पर भी गहरा असर पड़ा है। लेकिन यह असर सभी बच्चों पर समान रहा हो, ऐसा नही है। स्कूलों को धीरे-धीरे खोलते वक्त स्कूलों और प्रशासन को सरकारी और निजी स्कूलों के बीच के अंतर को समझना होगा और इसी दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना होगा।

कोरोना महामारी का बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है गंभीर असर
कोरोना महामारी का बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है गंभीर असर

By गाँव कनेक्शन

देखभाल करने वाले लोगों के लिए बच्चों के साथ धैर्य रखने और उनकी भावनाओं को समझने की जरूरत है। छोटे बच्चों में तनाव के लक्षणों की तलाश करें, जिससे अत्यधिक चिंता या उदासी, अस्वास्थ्यकर भोजन या नींद की आदतें, ध्यान और एकाग्रता में कठिनाई हो सकती हैं। परिवारों को भी तनाव से निपटने और उनकी चिंता को दूर करने के लिए बच्चों का समर्थन करने की जरूरत है।

देखभाल करने वाले लोगों के लिए बच्चों के साथ धैर्य रखने और उनकी भावनाओं को समझने की जरूरत है। छोटे बच्चों में तनाव के लक्षणों की तलाश करें, जिससे अत्यधिक चिंता या उदासी, अस्वास्थ्यकर भोजन या नींद की आदतें, ध्यान और एकाग्रता में कठिनाई हो सकती हैं। परिवारों को भी तनाव से निपटने और उनकी चिंता को दूर करने के लिए बच्चों का समर्थन करने की जरूरत है।

बच्चों के भविष्य के खातिर शिक्षा को भी अनलॉक करने की है जरूरत: आरटीई फोरम
बच्चों के भविष्य के खातिर शिक्षा को भी अनलॉक करने की है जरूरत: आरटीई फोरम

By गाँव कनेक्शन

कोविड महामारी के चलते लंबे समय से स्कूल-कॉलेज बंद हैं, घरों में बैठे बच्चे ऑनलाइन माध्यमों से पढ़ाई कर रहे हैं। जैसे कि धीरे धीरे स्थिति में सुधार आ रहा है। ऐसे में शिक्षा को भी अनलॉक करने की जरूरत है, शिक्षा का अधिकार फोरम ने स्कूलों को एक बार फिर खोलने के लिए मांगपत्र जारी किया है।

कोविड महामारी के चलते लंबे समय से स्कूल-कॉलेज बंद हैं, घरों में बैठे बच्चे ऑनलाइन माध्यमों से पढ़ाई कर रहे हैं। जैसे कि धीरे धीरे स्थिति में सुधार आ रहा है। ऐसे में शिक्षा को भी अनलॉक करने की जरूरत है, शिक्षा का अधिकार फोरम ने स्कूलों को एक बार फिर खोलने के लिए मांगपत्र जारी किया है।

पूरे सदन को उन लोगों से माफ़ी मांगनी चाहिए, जिनकी लाशें गंगा में बह रही थीं, राज्य सभा में प्रो. मनोज कुमार झा का पूरा भाषण
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By गाँव कनेक्शन

संसद के मानसून सत्र में चर्चा के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और बिहार से राज्यसभा सांसद (राष्ट्रीय जनता दल) ने अपने 8 मिनट के भाषण में ऐसा कुछ कहा कि देशभर में उनकी चर्चा हो रही है। लोग उनकी आवाज़ को देश के लाखों की आवाज़ कह रहे हैं। पढ़िए और सुनिए पूरा भाषण...

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वन्य प्राणियों में भी कोरोना संक्रमण का खतरा, एडवाइजरी के बाद रिजर्व पार्क के अंदर के गांवों में आवाजाही बंद
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By गाँव कनेक्शन

कोरोना महामारी और लॉकडाउन के असर से बिगड़ रही मानसिक स्वास्थ की स्थिति
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के असर से बिगड़ रही मानसिक स्वास्थ की स्थिति

By गाँव कनेक्शन

जब से कोरोना महामारी शुरू हुई है, तब से कई रिपोर्टों से यह संकेत मिला है कि अलग-अलग आयु वर्ग के व्यक्तियों के बीच मानसिक स्वास्थ्य संबंधी स्थिति बिगड़ रही है। इस पोस्ट में, मिशेल मैरी बर्नडाइन ने भारत में मानसिक स्वास्थ्य की परिस्थितियों को दर्शाया है, जैसे अर्थव्यवस्था के लिए मानसिक स्वास्थ्य संकट की लागत कितनी है और इस संकट का समाधान करने के लिए कानून और राज्य की मौजूदा क्षमता किस हद तक समर्थ हैं।

जब से कोरोना महामारी शुरू हुई है, तब से कई रिपोर्टों से यह संकेत मिला है कि अलग-अलग आयु वर्ग के व्यक्तियों के बीच मानसिक स्वास्थ्य संबंधी स्थिति बिगड़ रही है। इस पोस्ट में, मिशेल मैरी बर्नडाइन ने भारत में मानसिक स्वास्थ्य की परिस्थितियों को दर्शाया है, जैसे अर्थव्यवस्था के लिए मानसिक स्वास्थ्य संकट की लागत कितनी है और इस संकट का समाधान करने के लिए कानून और राज्य की मौजूदा क्षमता किस हद तक समर्थ हैं।

कोविड महामारी के दौरान शिक्षा पर टेक्नोलॉजी का प्रभाव, अच्छा रहा या गलत?
कोविड महामारी के दौरान शिक्षा पर टेक्नोलॉजी का प्रभाव, अच्छा रहा या गलत?

By Pankaja Srinivasan

छात्रों, शिक्षकों, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं ने हाल ही में तमिलनाडु के अनईकट्टी में शिक्षा पर हुए राष्ट्रीय सम्मेलन में कक्षाओं में टेक्नॉलॉजी के प्रभाव पर चर्चा की।

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पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन: कोविड-19 से अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की मदद के लिए शुरू हुआ पोर्टल
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By गाँव कनेक्शन

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 'पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन' योजना के तहत बच्चों की पहचान, आवेदन जमा करने की सुविधा के लिए वेब पोर्टल पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन लॉन्च किया है।

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बच्चे को स्तनपान करा सकती है कोविड पॉजिटिव मां, वैक्सीन से नहीं प्रभावित होती है प्रजनन क्षमता: विशेषज्ञ
बच्चे को स्तनपान करा सकती है कोविड पॉजिटिव मां, वैक्सीन से नहीं प्रभावित होती है प्रजनन क्षमता: विशेषज्ञ

By गाँव कनेक्शन

महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद सभी कोविड-उपयुक्त सावधानियों का उपयोग करना चाहिए क्योंकि यह उन्हें संक्रमण और संबंधित जटिलताओं से प्रभावित होने से बचा सकता है।

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