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भारत-पाकिस्तान बंटवारा: क्या इतिहास की दिशा बदली जा सकती थी?
भारत-पाकिस्तान बंटवारा: क्या इतिहास की दिशा बदली जा सकती थी?

By Dr SB Misra

जब जिन्ना द्वि-राष्ट्रवाद और पाकिस्तान की वकालत कर रहे थे, तब भी गांधी और नेहरू ने इसका खुलकर विरोध नहीं किया। कांग्रेस ने एक भी प्रस्ताव अलगाववाद के खिलाफ पास नहीं किया। अंततः जब गांधी जी ने जिन्ना को प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा, तब बहुत देर हो चुकी थी।

जब जिन्ना द्वि-राष्ट्रवाद और पाकिस्तान की वकालत कर रहे थे, तब भी गांधी और नेहरू ने इसका खुलकर विरोध नहीं किया। कांग्रेस ने एक भी प्रस्ताव अलगाववाद के खिलाफ पास नहीं किया। अंततः जब गांधी जी ने जिन्ना को प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा, तब बहुत देर हो चुकी थी।

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