धरती बचाने के लिए छोड़ दी मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी
धरती बचाने के लिए छोड़ दी मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी

By Chandrakant Mishra

गोंडा का एक युवा अपने कुछ दोस्तों की मदद से स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर जाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहा है। पर्यावरण संरक्षण और बेजुबान जावनरों के लिए इस युवा ने मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ दी

गोंडा का एक युवा अपने कुछ दोस्तों की मदद से स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर जाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहा है। पर्यावरण संरक्षण और बेजुबान जावनरों के लिए इस युवा ने मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ दी

जुगनू धरती से यूँ ही नहीं हो रहे गायब, ये पर्यावरण से जुड़ी एक बड़ी चेतावनी है
जुगनू धरती से यूँ ही नहीं हो रहे गायब, ये पर्यावरण से जुड़ी एक बड़ी चेतावनी है

By Manvendra Singh

ऐसा क्या बदल गया कि जुगनू दिखना लगभग बंद हो गया है? ऐसी कौन सी गलती हमसे हुई जो इनके गायब होने की वजह बनी? और जुगनू के न होने से इंसानों को क्या फर्क पड़ेगा? इन सभी सवालों के जवाब जानना चाहते हैं तो चलिए एक बार फिर निकलते हैं जुगनुओं की ख़ोज पर।

ऐसा क्या बदल गया कि जुगनू दिखना लगभग बंद हो गया है? ऐसी कौन सी गलती हमसे हुई जो इनके गायब होने की वजह बनी? और जुगनू के न होने से इंसानों को क्या फर्क पड़ेगा? इन सभी सवालों के जवाब जानना चाहते हैं तो चलिए एक बार फिर निकलते हैं जुगनुओं की ख़ोज पर।

छात्रों द्वारा छात्रों के लिए चलाई जा रही कार्बन न्यूट्रल स्कूल की मुहिम
छात्रों द्वारा छात्रों के लिए चलाई जा रही कार्बन न्यूट्रल स्कूल की मुहिम

By Prabhat Misra

प्रकृति मित्र एक अभियान है जो उत्तर प्रदेश के स्कूलों को 'कार्बन न्यूट्रल' बनाने के लिए पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले संगठनों के संयुक्त सहयोग की सुविधा उपलब्ध कराता है। प्रयासों का उद्देश्य पेड़ लगाकर और ऊर्जा संरक्षण करके स्कूलों के कार्बन उत्सर्जन को बेअसर करना है।

प्रकृति मित्र एक अभियान है जो उत्तर प्रदेश के स्कूलों को 'कार्बन न्यूट्रल' बनाने के लिए पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले संगठनों के संयुक्त सहयोग की सुविधा उपलब्ध कराता है। प्रयासों का उद्देश्य पेड़ लगाकर और ऊर्जा संरक्षण करके स्कूलों के कार्बन उत्सर्जन को बेअसर करना है।

इन तीन हजार बच्चों ने की है पेड़ों से दोस्ती
इन तीन हजार बच्चों ने की है पेड़ों से दोस्ती

By Diti Bajpai

भारत में अब प्रति व्यक्ति सिर्फ 28 पेड़ बचे हैं और इनकी संख्या साल दर साल कम होती जा रही है। अगर हर एक बच्चा पेड़ को ऐसे ही अपना ले तो दुनिया बदल सकती है।

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Uttarakhand's Phool Dei festival calls for environmental conservation in the hills
Uttarakhand's Phool Dei festival calls for environmental conservation in the hills

By गाँव कनेक्शन

Imbibed with the themes of gender, agriculture and folk music, Phool Dei is a harvest festival in Uttarakhand. Its rituals are such that they revolve around the equilibrium between human development and environment. More details here.

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वनों की असल पहचान वनवासियों से है
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By Deepak Acharya

मच्छर से मौत कब बनेगी चुनावी मुद्दा ?
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By Arvind shukkla

India’s e-waste generation has more than doubled in 5 years — here’s why it’s worrying
India’s e-waste generation has more than doubled in 5 years — here’s why it’s worrying

By गाँव कनेक्शन

The Union government has informed the Parliament that between 2017-18 and 2021-22, India’s electronic-waste generation has increased from roughly 0.7 million tonnes to 1.6 million tonnes. Read on to know about the environmental and health impact of e-waste which is on a constant increase.

The Union government has informed the Parliament that between 2017-18 and 2021-22, India’s electronic-waste generation has increased from roughly 0.7 million tonnes to 1.6 million tonnes. Read on to know about the environmental and health impact of e-waste which is on a constant increase.

विशेषज्ञों ने प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने के बजाय पुनर्चक्रण पर दिया जोर
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By गाँव कनेक्शन

टिकाऊ विकास से बचेंगी भावी पीढ़ियां
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By मंजीत ठाकुर

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