By India Science Wire
यह प्रयोगशाला उन उपकरणों और सर्किटों के विद्युत प्रदर्शन को मापने में सक्षम बनाएगी, जिनका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है, जैसे कि मोबाइल फोन, अंतरिक्ष उपग्रह और क्वांटम कंप्यूटर।
यह प्रयोगशाला उन उपकरणों और सर्किटों के विद्युत प्रदर्शन को मापने में सक्षम बनाएगी, जिनका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है, जैसे कि मोबाइल फोन, अंतरिक्ष उपग्रह और क्वांटम कंप्यूटर।
By India Science Wire
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली के शोधकर्ताओं ने मिलकर यह मोबाइल ऐप विकसित किया है। मरीज और डॉक्टर दोनों ‘स्वस्थगर्भ’ मोबाइल ऐप का निशुल्क लाभ उठा सकते हैं। यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली के शोधकर्ताओं ने मिलकर यह मोबाइल ऐप विकसित किया है। मरीज और डॉक्टर दोनों ‘स्वस्थगर्भ’ मोबाइल ऐप का निशुल्क लाभ उठा सकते हैं। यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।
By India Science Wire
स्कूटर में लगी बैटरी को घर में उपयोग होने वाले सामान्य प्लग से चार्ज कर सकते हैं, जिससे पार्किंग में अतिरिक्त चार्जर की जरूरत नहीं होती है। सामान्य बिजली से यह बैटरी चार घंटे में पूरी चार्ज हो जाती है।
स्कूटर में लगी बैटरी को घर में उपयोग होने वाले सामान्य प्लग से चार्ज कर सकते हैं, जिससे पार्किंग में अतिरिक्त चार्जर की जरूरत नहीं होती है। सामान्य बिजली से यह बैटरी चार घंटे में पूरी चार्ज हो जाती है।
By India Science Wire
कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधी नियमों में सख्ती बढ़ाने और यात्रा प्रतिबंध जैसे उपायों के साथ-साथ नये वेरिएंट की पहचान आवश्यक है। इस दिशा में कार्य करते हुए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली द्वारा दो अलग-अलग परीक्षण विकसित किए गए हैं।
कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधी नियमों में सख्ती बढ़ाने और यात्रा प्रतिबंध जैसे उपायों के साथ-साथ नये वेरिएंट की पहचान आवश्यक है। इस दिशा में कार्य करते हुए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली द्वारा दो अलग-अलग परीक्षण विकसित किए गए हैं।
By India Science Wire
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मोनोकुलर ब्लाइंडनेस (एक आँख का अंधापन) का एक बड़ा कारण फंगल केराटॉसिस को माना जाता है। यह बीमारी विकासशील देशों में अधिक देखी गई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित जर्नल लैंसेट में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन के अनुसार दक्षिण एशिया में प्रति एक लाख ऐसे मामलों में 50% से अधिक मामले भारत में दर्ज किए जाते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मोनोकुलर ब्लाइंडनेस (एक आँख का अंधापन) का एक बड़ा कारण फंगल केराटॉसिस को माना जाता है। यह बीमारी विकासशील देशों में अधिक देखी गई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित जर्नल लैंसेट में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन के अनुसार दक्षिण एशिया में प्रति एक लाख ऐसे मामलों में 50% से अधिक मामले भारत में दर्ज किए जाते हैं।
By गाँव कनेक्शन
A recent study undertaken in West Bengal by Climate Trends and IIT Delhi shows a higher prevalence of upper and lower respiratory illnesses and cardiovascular problems as a result of long and long and short term exposures to air pollutants. Women in the state's rural areas were more vulnerable to it.
A recent study undertaken in West Bengal by Climate Trends and IIT Delhi shows a higher prevalence of upper and lower respiratory illnesses and cardiovascular problems as a result of long and long and short term exposures to air pollutants. Women in the state's rural areas were more vulnerable to it.