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आईआईटी कानपुर: परिवार की सालाना आय है एक लाख तो नहीं देनी होगी ट्यूशन फीस
आईआईटी कानपुर: परिवार की सालाना आय है एक लाख तो नहीं देनी होगी ट्यूशन फीस

By Mohit Asthana

जिन छात्रों के परिवार की सालाना आय पांच लाख रुपये तक है, उनसे 33,333 रुपये ट्यूशन फीस ली जाएगी। इसके अलावा सालाना छह लाख रुपये तक की आय वाले एससी/एसटी छात्रों से हॉस्टल फीस भी नहीं ली जाएगी।

जिन छात्रों के परिवार की सालाना आय पांच लाख रुपये तक है, उनसे 33,333 रुपये ट्यूशन फीस ली जाएगी। इसके अलावा सालाना छह लाख रुपये तक की आय वाले एससी/एसटी छात्रों से हॉस्टल फीस भी नहीं ली जाएगी।

कैसे होती है कृत्रिम बारिश, प्रदूषण से निपटने में कितनी है कारगर
कैसे होती है कृत्रिम बारिश, प्रदूषण से निपटने में कितनी है कारगर

By गाँव कनेक्शन

आपके मन में भी ये सवाल आया होगा कि आखिर ये कृत्रिम बारिश कैसे होती है। आज कृत्रिम बारिश के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

आपके मन में भी ये सवाल आया होगा कि आखिर ये कृत्रिम बारिश कैसे होती है। आज कृत्रिम बारिश के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

कपड़ा उद्योग से निकले दूषित जल के शोधन की नयी तकनीक विकसित
कपड़ा उद्योग से निकले दूषित जल के शोधन की नयी तकनीक विकसित

By India Science Wire

इस तकनीक से रंगाई के बाद बचे दूषित जल से विषैले तत्वों को निकालकर उससे घरेलू और औद्योगिक उपयोग के लायक बनाया जा सकेगा। इससे प्रदूषित जल की समस्या से निजात मिलने के साथ ही पानी की किल्लत जैसे दोहरे लाभ हासिल हो सकेंगे।

इस तकनीक से रंगाई के बाद बचे दूषित जल से विषैले तत्वों को निकालकर उससे घरेलू और औद्योगिक उपयोग के लायक बनाया जा सकेगा। इससे प्रदूषित जल की समस्या से निजात मिलने के साथ ही पानी की किल्लत जैसे दोहरे लाभ हासिल हो सकेंगे।

सेटेलाइट मॉनिटरिंग से कम कर सकते हैं हिमालय क्षेत्र में जान-माल का नुकसान
सेटेलाइट मॉनिटरिंग से कम कर सकते हैं हिमालय क्षेत्र में जान-माल का नुकसान

By India Science Wire

ग्लोबल वार्मिग से जहां एक तरफ पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ बढ़ते तापमान के कारण हिम ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। ऐसे में वैज्ञानिकों का कहना है कि सेटेलाइट से मॉनिटरिंग करके अचानक आने वाली बाढ़ के खतरों से बचा जा सकता है।

ग्लोबल वार्मिग से जहां एक तरफ पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ बढ़ते तापमान के कारण हिम ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। ऐसे में वैज्ञानिकों का कहना है कि सेटेलाइट से मॉनिटरिंग करके अचानक आने वाली बाढ़ के खतरों से बचा जा सकता है।

Farmers forced to use toxic canal water for irrigation
Farmers forced to use toxic canal water for irrigation

By Ranvijay Singh

In many villages in and around Kanpur in Uttar Pradesh, dirty water from the tanneries and sewerage is treated and sent to the farmers for irrigation

In many villages in and around Kanpur in Uttar Pradesh, dirty water from the tanneries and sewerage is treated and sent to the farmers for irrigation

फेफड़ों के कैंसर से लड़ने में मदद करेगा '3डी रोबोटिक मोशन फैंटम'
फेफड़ों के कैंसर से लड़ने में मदद करेगा '3डी रोबोटिक मोशन फैंटम'

By India Science Wire

वैज्ञानिकों ने इस उपकरण को ‘3डी रोबोटिक मोशन फैंटम’ नाम दिया गया है। इसके माध्यम से फेफड़ो के कैंसर के मरीजों को सटीक और कम मात्रा में भी अधिक प्रभावी रेडिएशन थेरेपी दी जा सकती सकेगी।

वैज्ञानिकों ने इस उपकरण को ‘3डी रोबोटिक मोशन फैंटम’ नाम दिया गया है। इसके माध्यम से फेफड़ो के कैंसर के मरीजों को सटीक और कम मात्रा में भी अधिक प्रभावी रेडिएशन थेरेपी दी जा सकती सकेगी।

लेड-एसिड बैटरियों को सही तरीके से रीसाइकिल करके कम कर सकते हैं प्रदूषण: अध्ययन
लेड-एसिड बैटरियों को सही तरीके से रीसाइकिल करके कम कर सकते हैं प्रदूषण: अध्ययन

By India Science Wire

वर्तमान में लेड रीसाइक्लिंग की प्रक्रिया कई तरह के खतरों और चुनौतियों से भरी है। असंगठित क्षेत्र में लेड-एसिड बैटरियों का पुनर्चक्रण करने वाले कामगार यह काम कुछ इस प्रकार अंजाम देते हैं, जिसमें बैटरी से निकलने वाला तेजाब और लेड के कण मृदा और आसपास के परिवेश में घुल जाते हैं।

वर्तमान में लेड रीसाइक्लिंग की प्रक्रिया कई तरह के खतरों और चुनौतियों से भरी है। असंगठित क्षेत्र में लेड-एसिड बैटरियों का पुनर्चक्रण करने वाले कामगार यह काम कुछ इस प्रकार अंजाम देते हैं, जिसमें बैटरी से निकलने वाला तेजाब और लेड के कण मृदा और आसपास के परिवेश में घुल जाते हैं।

Do embankments cause floods or prevent floods? Experts are divided
Do embankments cause floods or prevent floods? Experts are divided

By Daya Sagar

Around 73% of Bihar’s total geographical area is prone to floods as plains of the state, which are close to Nepal, are drained by a number of rivers that have their catchments in the Himalayas of Nepal. These rivers and their tributaries carry high levels of discharge and sediment load, which are deposited on the plains of Bihar thus causing floods

Around 73% of Bihar’s total geographical area is prone to floods as plains of the state, which are close to Nepal, are drained by a number of rivers that have their catchments in the Himalayas of Nepal. These rivers and their tributaries carry high levels of discharge and sediment load, which are deposited on the plains of Bihar thus causing floods

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