आज आप भी बना ही लीजिए कच्चे आम का स्वादिष्ट ठेचा
आज आप भी बना ही लीजिए कच्चे आम का स्वादिष्ट ठेचा

By Pankaja Srinivasan

यह साल का वह समय है जब बाजार में आम दिखने लगे हैं, दोस्तों में आपस में तरह-तरह के व्यंजनों की रेसिपी शेयर की जा रहीं हैं और हवा में उत्साह है क्योंकि यह पूरे भारत में नए साल की शुरुआत है, चाहे वह बैसाखी हो, बिहू हो, विशु हो या पुथंडु।

यह साल का वह समय है जब बाजार में आम दिखने लगे हैं, दोस्तों में आपस में तरह-तरह के व्यंजनों की रेसिपी शेयर की जा रहीं हैं और हवा में उत्साह है क्योंकि यह पूरे भारत में नए साल की शुरुआत है, चाहे वह बैसाखी हो, बिहू हो, विशु हो या पुथंडु।

महाराष्ट्र के किसान ध्यान से इसे पढ़ें, बुवाई में ज़ल्दबाजी कहीं महँगी न पड़ जाए
महाराष्ट्र के किसान ध्यान से इसे पढ़ें, बुवाई में ज़ल्दबाजी कहीं महँगी न पड़ जाए

By Gaon Connection

देश में लाखों किसान मानसून का इंतज़ार कर रहे हैं। यह न सिर्फ एक मौसमी घटना है बल्कि उनकी ज़मीन को हरा-भरा करने और रोज़गार को बनाए रखने का ज़रिया भी है। महाराष्ट्र में मानसून के मौसम में अब तक माइनस 86 प्रतिशत बारिश दर्ज़ की गई है। खरीफ़ फ़सलों की बुवाई में देरी हो रही है। पुणे और सतारा जिलों से एक ग्राउंड रिपोर्ट।

देश में लाखों किसान मानसून का इंतज़ार कर रहे हैं। यह न सिर्फ एक मौसमी घटना है बल्कि उनकी ज़मीन को हरा-भरा करने और रोज़गार को बनाए रखने का ज़रिया भी है। महाराष्ट्र में मानसून के मौसम में अब तक माइनस 86 प्रतिशत बारिश दर्ज़ की गई है। खरीफ़ फ़सलों की बुवाई में देरी हो रही है। पुणे और सतारा जिलों से एक ग्राउंड रिपोर्ट।

महाराष्ट्र में सूखे की इस वज़ह के बाद आकस्मिक योजना के लिए तैयार रहें ये राज्य
महाराष्ट्र में सूखे की इस वज़ह के बाद आकस्मिक योजना के लिए तैयार रहें ये राज्य

By Gaon Connection

जहाँ उत्तर भारत के कई राज्य भारी बाढ़ से जूझ रहें हैं, वहीं भारत के कुछ हिस्सों में किसान कम मानसूनी बारिश के कारण सूखे का सामना कर रहे हैं। स्काईमेट वेदर ने चेतावनी दी है कि आने वाले महीने में अल नीनो के कारण स्थिति और ख़राब हो सकती है।

जहाँ उत्तर भारत के कई राज्य भारी बाढ़ से जूझ रहें हैं, वहीं भारत के कुछ हिस्सों में किसान कम मानसूनी बारिश के कारण सूखे का सामना कर रहे हैं। स्काईमेट वेदर ने चेतावनी दी है कि आने वाले महीने में अल नीनो के कारण स्थिति और ख़राब हो सकती है।

महाराष्ट्र में सूखे की इस वज़ह के बाद आकस्मिक योजना के लिए तैयार रहें ये राज्य
महाराष्ट्र में सूखे की इस वज़ह के बाद आकस्मिक योजना के लिए तैयार रहें ये राज्य

By Aishwarya Tripathi

जहाँ उत्तर भारत के कई राज्य भारी बाढ़ से जूझ रहें हैं, वहीं भारत के कुछ हिस्सों में किसान कम मानसूनी बारिश के कारण सूखे का सामना कर रहे हैं। स्काईमेट वेदर ने चेतावनी दी है कि आने वाले महीने में अल नीनो के कारण स्थिति और ख़राब हो सकती है।

जहाँ उत्तर भारत के कई राज्य भारी बाढ़ से जूझ रहें हैं, वहीं भारत के कुछ हिस्सों में किसान कम मानसूनी बारिश के कारण सूखे का सामना कर रहे हैं। स्काईमेट वेदर ने चेतावनी दी है कि आने वाले महीने में अल नीनो के कारण स्थिति और ख़राब हो सकती है।

The Sounds of Silence in Matheran
The Sounds of Silence in Matheran

By Nidhi Jamwal

The eco-sensitive hill station in Maharashtra has no pucca roads and vehicles are a strict no-no. The only sound is that of birds in the daytime, and crickets at night. Or, perhaps the pitter-patter of raindrops on the window panes and on the red-tiled roofs of cottages. Matheran is a perfect getaway from the high-on-steroid urban lifestyles.

The eco-sensitive hill station in Maharashtra has no pucca roads and vehicles are a strict no-no. The only sound is that of birds in the daytime, and crickets at night. Or, perhaps the pitter-patter of raindrops on the window panes and on the red-tiled roofs of cottages. Matheran is a perfect getaway from the high-on-steroid urban lifestyles.

महाराष्ट्र के किसान ध्यान से इसे पढ़ें, बुवाई में ज़ल्दबाजी कहीं महँगी न पड़ जाए
महाराष्ट्र के किसान ध्यान से इसे पढ़ें, बुवाई में ज़ल्दबाजी कहीं महँगी न पड़ जाए

By D Sarika

देश में लाखों किसान मानसून का इंतज़ार कर रहे हैं। यह न सिर्फ एक मौसमी घटना है बल्कि उनकी ज़मीन को हरा-भरा करने और रोज़गार को बनाए रखने का ज़रिया भी है। महाराष्ट्र में मानसून के मौसम में अब तक माइनस 86 प्रतिशत बारिश दर्ज़ की गई है। खरीफ़ फ़सलों की बुवाई में देरी हो रही है। पुणे और सतारा जिलों से एक ग्राउंड रिपोर्ट।

देश में लाखों किसान मानसून का इंतज़ार कर रहे हैं। यह न सिर्फ एक मौसमी घटना है बल्कि उनकी ज़मीन को हरा-भरा करने और रोज़गार को बनाए रखने का ज़रिया भी है। महाराष्ट्र में मानसून के मौसम में अब तक माइनस 86 प्रतिशत बारिश दर्ज़ की गई है। खरीफ़ फ़सलों की बुवाई में देरी हो रही है। पुणे और सतारा जिलों से एक ग्राउंड रिपोर्ट।

सफलता की ओर करवट लेती किसान राजनीति
सफलता की ओर करवट लेती किसान राजनीति

By Arvind Kumar Singh

मराठवाड़ा में इन वज़हों से टूट रही है किसानों की उम्मीदें
मराठवाड़ा में इन वज़हों से टूट रही है किसानों की उम्मीदें

By Gaon Connection

महाराष्ट्र का मराठवाड़ा क्षेत्र सूखा, फ़सल बर्बादी और किसानों की आत्महत्या के लिए जाना जाता है। एक बार फिर बारिश में देरी ने किसानों को चिंता में डाल दिया है। जिन्होंने अपनी खरीफ फसलों की बुआई कर ली है उनके लिए बारिश का न होना पहाड़ टूटने से कम नहीं है।

महाराष्ट्र का मराठवाड़ा क्षेत्र सूखा, फ़सल बर्बादी और किसानों की आत्महत्या के लिए जाना जाता है। एक बार फिर बारिश में देरी ने किसानों को चिंता में डाल दिया है। जिन्होंने अपनी खरीफ फसलों की बुआई कर ली है उनके लिए बारिश का न होना पहाड़ टूटने से कम नहीं है।

पहाड़, पक्षी और जंगलों से गुज़रती पगडंडियाँ — प्राकृतिक खजाना है माथेरन
पहाड़, पक्षी और जंगलों से गुज़रती पगडंडियाँ — प्राकृतिक खजाना है माथेरन

By Nidhi Jamwal

महाराष्ट्र के इस हिल स्टेशन में कोई पक्की सड़क नहीं है और गाड़ियों का आने की सख्त मनाही है। केवल दिन के समय पक्षियों की आवाज होती है और रात में झींगुरों की। या, शायद खिड़की के शीशे पर और कॉटेज की लाल-टाइल वाली छतों पर बारिश की बूंदों की टिप टिप। माथेरान शहरों से ऊब चुके लोगों के लिए एक खूबसूरत पनाह है।

महाराष्ट्र के इस हिल स्टेशन में कोई पक्की सड़क नहीं है और गाड़ियों का आने की सख्त मनाही है। केवल दिन के समय पक्षियों की आवाज होती है और रात में झींगुरों की। या, शायद खिड़की के शीशे पर और कॉटेज की लाल-टाइल वाली छतों पर बारिश की बूंदों की टिप टिप। माथेरान शहरों से ऊब चुके लोगों के लिए एक खूबसूरत पनाह है।

मेलघाट टाइगर रिजर्व के अंगार मुक्त अभियान में शामिल हुए स्थानीय लोग, जंगल की आग में आई कमी
मेलघाट टाइगर रिजर्व के अंगार मुक्त अभियान में शामिल हुए स्थानीय लोग, जंगल की आग में आई कमी

By Sarah Khan

जंगल की आग के बारे में स्थानीय ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए अंगार मुक्त अभियान शुरू किया गया है। टाइगर रिजर्व के 113 बफर गांवों में आयोजित इस कार्यक्रम में करीब 10,000 लोगों ने हिस्सा लिया। मेलघाट में जंगल की आग की घटनाएं 2016 की तुलना में 379 से घटकर 2021 में 221 हो गई हैं।

जंगल की आग के बारे में स्थानीय ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए अंगार मुक्त अभियान शुरू किया गया है। टाइगर रिजर्व के 113 बफर गांवों में आयोजित इस कार्यक्रम में करीब 10,000 लोगों ने हिस्सा लिया। मेलघाट में जंगल की आग की घटनाएं 2016 की तुलना में 379 से घटकर 2021 में 221 हो गई हैं।

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.