By Manoj Choudhary
When Savita Murmu set up a saplings nursery with the support of the non-profit Transform Rural India Foundation, she exchanged a life of struggle and poverty for one of profit and well being for herself and her family.
When Savita Murmu set up a saplings nursery with the support of the non-profit Transform Rural India Foundation, she exchanged a life of struggle and poverty for one of profit and well being for herself and her family.
By Manvendra Singh
सौरभ त्रिपाठी ने इंजीनियर की नौकरी छोड़कर अपने पुराने शौक नर्सरी को ही व्यवसाय बना लिया है; आज वो नर्सरी चलाने के साथ लोगों को टैरेस गार्डन, लैंड स्केपिंग भी सिखाते हैं।
सौरभ त्रिपाठी ने इंजीनियर की नौकरी छोड़कर अपने पुराने शौक नर्सरी को ही व्यवसाय बना लिया है; आज वो नर्सरी चलाने के साथ लोगों को टैरेस गार्डन, लैंड स्केपिंग भी सिखाते हैं।
By Gaon Connection
सौरभ त्रिपाठी ने इंजीनियर की नौकरी छोड़कर अपने पुराने शौक नर्सरी को ही व्यवसाय बना लिया है; आज वो नर्सरी चलाने के साथ लोगों को टैरेस गार्डन, लैंड स्केपिंग भी सिखाते हैं।
सौरभ त्रिपाठी ने इंजीनियर की नौकरी छोड़कर अपने पुराने शौक नर्सरी को ही व्यवसाय बना लिया है; आज वो नर्सरी चलाने के साथ लोगों को टैरेस गार्डन, लैंड स्केपिंग भी सिखाते हैं।
By Divendra Singh
सचिन कोठारी ने दस साल पहले दिल्ली में नौकरी छोड़कर देहरादून के मालदेवता में पौधों की नर्सरी का व्यवसाय शुरू किया और आज साल भर में उनके यहां तैयार हुए फूलों और सब्जियों के 10 लाख पौधे देश के अलग-अलग शहरों तक जाते हैं। इस व्यवसाय की सबसे अच्छी बात है यह साल भर चलता रहता है।
सचिन कोठारी ने दस साल पहले दिल्ली में नौकरी छोड़कर देहरादून के मालदेवता में पौधों की नर्सरी का व्यवसाय शुरू किया और आज साल भर में उनके यहां तैयार हुए फूलों और सब्जियों के 10 लाख पौधे देश के अलग-अलग शहरों तक जाते हैं। इस व्यवसाय की सबसे अच्छी बात है यह साल भर चलता रहता है।
By Divendra Singh
गाँव के युवा बेहतर रोज़गार की तलाश में शहरों की तरफ जा रहे हैं, जबकि उनके आसपास ही ऐसे मौके हैं, जिनसे जुड़ा व्यवसाय गाँव में ही शुरू कर सकते हैं। गाँव कनेक्शन लेकर आया एक विशेष कार्यक्रम 'मत छोड़िए गाँव' में हर हफ्ते ऐसे ही कुछ लोगों से मिलवाते हैं, जो आपको बताते हैं कि गाँव में रहकर भी बहुत कुछ कर सकते हैं। आज कृषि वैज्ञानिक डॉ दया शंकर श्रीवास्तव बता रहे हैं कैसे गाँव में नर्सरी बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
गाँव के युवा बेहतर रोज़गार की तलाश में शहरों की तरफ जा रहे हैं, जबकि उनके आसपास ही ऐसे मौके हैं, जिनसे जुड़ा व्यवसाय गाँव में ही शुरू कर सकते हैं। गाँव कनेक्शन लेकर आया एक विशेष कार्यक्रम 'मत छोड़िए गाँव' में हर हफ्ते ऐसे ही कुछ लोगों से मिलवाते हैं, जो आपको बताते हैं कि गाँव में रहकर भी बहुत कुछ कर सकते हैं। आज कृषि वैज्ञानिक डॉ दया शंकर श्रीवास्तव बता रहे हैं कैसे गाँव में नर्सरी बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
By Manvendra Singh
अगर आप भी नर्सरी का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं और समझ में नहीं आ रहा है कि कहाँ और कैसे शुरुआत करें तो सफल नर्सरी व्यवसायी सौरभ त्रिपाठी से नर्सरी व्यवसाय का गणित समझ सकते हैं।
अगर आप भी नर्सरी का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं और समझ में नहीं आ रहा है कि कहाँ और कैसे शुरुआत करें तो सफल नर्सरी व्यवसायी सौरभ त्रिपाठी से नर्सरी व्यवसाय का गणित समझ सकते हैं।
By गाँव कनेक्शन
अगर आप आम की खेती करना चाहते हैं या अपने घर में ही एक-दो पौधे लगाना चाहते हैं, तो भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ जय प्रकाश सिंह बता रहे हैं खुद से पौधे तैयार करने का तरीका।
अगर आप आम की खेती करना चाहते हैं या अपने घर में ही एक-दो पौधे लगाना चाहते हैं, तो भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ जय प्रकाश सिंह बता रहे हैं खुद से पौधे तैयार करने का तरीका।
By Mohit Saini
विकास बोनसाई में अपना नाम गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज कराना चाहते हैं। अभी तक पुणे की प्राजक्ता काले के नाम ये रिकॉर्ड है, जिनके पास करीब चार हजार बोनसाई हैं। विकास का लक्ष्य आने कुछ कुछ साल में पांच हजार से ज्यादा पेड़ तैयार कर गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज करना है।
विकास बोनसाई में अपना नाम गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज कराना चाहते हैं। अभी तक पुणे की प्राजक्ता काले के नाम ये रिकॉर्ड है, जिनके पास करीब चार हजार बोनसाई हैं। विकास का लक्ष्य आने कुछ कुछ साल में पांच हजार से ज्यादा पेड़ तैयार कर गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज करना है।
By Ranvijay Singh
Thousands of women are earning their own livelihood after joining self-help groups that are helping them to be self-sufficient and financially independent
Thousands of women are earning their own livelihood after joining self-help groups that are helping them to be self-sufficient and financially independent
By Divendra Singh
नर्सरी तैयार करने के लिए अभी तक कोकोपीट का इस्तेमाल करने वाले किसानों के लिए वैज्ञानिकों ने आसानी से मिलने वाला सस्ता विकल्प ढूंढ लिया है।
नर्सरी तैयार करने के लिए अभी तक कोकोपीट का इस्तेमाल करने वाले किसानों के लिए वैज्ञानिकों ने आसानी से मिलने वाला सस्ता विकल्प ढूंढ लिया है।