'पद्म पुरस्कार-2023' के लिए 15 सितंबर, 2022 तक कर सकते हैं नामांकन
'पद्म पुरस्कार-2023' के लिए 15 सितंबर, 2022 तक कर सकते हैं नामांकन

By गाँव कनेक्शन

पद्म (पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री) पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है।

पद्म (पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री) पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है।

Padma Awards 2021: ये हैं वो 145 नाम जिन्हें मिले हैं पद्म पुरस्कार
Padma Awards 2021: ये हैं वो 145 नाम जिन्हें मिले हैं पद्म पुरस्कार

By गाँव कनेक्शन

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 8 नवंबर को जिन विशेष लोगों को पद्म अवॉर्ड से नवाजा उनमें संतरा बेचने वाले हरेकल हाजज्ब भी हैं, जिन्होंने संतरे बेचकर जो पैसे कमाए उससे गांव में स्कूल खुलवाया। जानिए किन 145 लोगों को मिला है पुरस्कार

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 8 नवंबर को जिन विशेष लोगों को पद्म अवॉर्ड से नवाजा उनमें संतरा बेचने वाले हरेकल हाजज्ब भी हैं, जिन्होंने संतरे बेचकर जो पैसे कमाए उससे गांव में स्कूल खुलवाया। जानिए किन 145 लोगों को मिला है पुरस्कार

बंजर ज़मीन पर प्राकृतिक खेती से किया कमाल, गोवा के इस किसान को मिला पद्म सम्मान
बंजर ज़मीन पर प्राकृतिक खेती से किया कमाल, गोवा के इस किसान को मिला पद्म सम्मान

By गाँव कनेक्शन

खेती से दूर भागते और रासायनिक उर्वरकों पर जोर देते लोगों को एक बार गोवा के किसान संजय पाटिल से मिलना चाहिए, प्राकृतिक खेती करने वाले संजय पाटिल को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।

खेती से दूर भागते और रासायनिक उर्वरकों पर जोर देते लोगों को एक बार गोवा के किसान संजय पाटिल से मिलना चाहिए, प्राकृतिक खेती करने वाले संजय पाटिल को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।

बंजर ज़मीन पर प्राकृतिक खेती से किया कमाल, गोवा के इस किसान को मिला पद्म सम्मान
बंजर ज़मीन पर प्राकृतिक खेती से किया कमाल, गोवा के इस किसान को मिला पद्म सम्मान

By गाँव कनेक्शन

खेती से दूर भागते और रासायनिक उर्वरकों पर जोर देते लोगों को एक बार गोवा के किसान संजय पाटिल से मिलना चाहिए, प्राकृतिक खेती करने वाले संजय पाटिल को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।

खेती से दूर भागते और रासायनिक उर्वरकों पर जोर देते लोगों को एक बार गोवा के किसान संजय पाटिल से मिलना चाहिए, प्राकृतिक खेती करने वाले संजय पाटिल को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।

पद्मश्री राहीबाई पोपरे की कहानी: एक किसान का देसी बीजों के संरक्षण से लेकर पद्मश्री का सफर
पद्मश्री राहीबाई पोपरे की कहानी: एक किसान का देसी बीजों के संरक्षण से लेकर पद्मश्री का सफर

By Shivani Gupta

महाराष्ट्र की 61 वर्षीय आदिवासी किसान राहीबाई पोपरे उन खास लोगों में शामिल हैं, जिन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक पद्म पुरस्कार मिला है। 154 देशी किस्मों के बीजों का संरक्षण करने वाली राहीबाई पोपरे ने गांव कनेक्शन को बताया कि पीएम मोदी ने उनके गांव आने का वादा किया है, लेकिन उनके सुदूर गांव तक जाने के लिए सड़क नहीं हैं।

महाराष्ट्र की 61 वर्षीय आदिवासी किसान राहीबाई पोपरे उन खास लोगों में शामिल हैं, जिन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक पद्म पुरस्कार मिला है। 154 देशी किस्मों के बीजों का संरक्षण करने वाली राहीबाई पोपरे ने गांव कनेक्शन को बताया कि पीएम मोदी ने उनके गांव आने का वादा किया है, लेकिन उनके सुदूर गांव तक जाने के लिए सड़क नहीं हैं।

मिथिला पेंटिंग के लिए पद्मश्री पाने वाली दुलारी देवी की कहानी
मिथिला पेंटिंग के लिए पद्मश्री पाने वाली दुलारी देवी की कहानी

By Umesh Kumar Ray

दुलारी देवी को बिहार की मशहूर लोककला मिथिला पेंटिंग के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया। कर्पूरी देवी और महासुंदरी देवी के यहां बर्तन धोने व झाड़ू-पोंछा करने के दौरान ही उन्होंने पेंटिंग सीखना शुरु किया था। उनका जीवन और इस मुकाम तक पहुंचना किसी कहानी के जैसा ही है।

दुलारी देवी को बिहार की मशहूर लोककला मिथिला पेंटिंग के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया। कर्पूरी देवी और महासुंदरी देवी के यहां बर्तन धोने व झाड़ू-पोंछा करने के दौरान ही उन्होंने पेंटिंग सीखना शुरु किया था। उनका जीवन और इस मुकाम तक पहुंचना किसी कहानी के जैसा ही है।

"I am a simple man. I love buying potatoes and tomatoes for my wife!" says the real Manoj Bajpayee
"I am a simple man. I love buying potatoes and tomatoes for my wife!" says the real Manoj Bajpayee

By Neelesh Misra

Son of a farmer, Manoj says buying vegetables helps him connect with the outside world and that keeps him rooted. He dislikes attending parties and social gatherings because he is too lazy to decide what clothes to wear, he says. He is someone who, in his own words, likes to keep it simple. He loves to laugh at himself, he cries. In a nutshell, he is as real as one can get

Son of a farmer, Manoj says buying vegetables helps him connect with the outside world and that keeps him rooted. He dislikes attending parties and social gatherings because he is too lazy to decide what clothes to wear, he says. He is someone who, in his own words, likes to keep it simple. He loves to laugh at himself, he cries. In a nutshell, he is as real as one can get

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