By Gaon Connection
अरहर बाँझपन मोज़ेक वायरस (पीपीएसएमवी) एक ख़तरनाक बीमारी है जो गर्मी या गरम ठंडा दोनों क्षेत्रों में उगाई जाने वाली दलहनी फसल अरहर (कैजानस कैजन) को प्रभावित करती है; इससे उपज में भारी कमी आती है और किसानों को आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
अरहर बाँझपन मोज़ेक वायरस (पीपीएसएमवी) एक ख़तरनाक बीमारी है जो गर्मी या गरम ठंडा दोनों क्षेत्रों में उगाई जाने वाली दलहनी फसल अरहर (कैजानस कैजन) को प्रभावित करती है; इससे उपज में भारी कमी आती है और किसानों को आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
By Divendra Singh
मटर की नई किस्म में दूसरी किस्मों के मुकाबले रोगों से लड़ने की क्षमता अधिक है और कई कीट भी इस किस्म को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
मटर की नई किस्म में दूसरी किस्मों के मुकाबले रोगों से लड़ने की क्षमता अधिक है और कई कीट भी इस किस्म को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
By Divendra Singh
वैज्ञानिकों ने मटर के पौधे में अधिक फूल लगने वाली प्रजाति विकसित की है, जिसके कारण पौधे पर पैदा होने वाली मटर की फलियों की संख्या बढ़ सकती है।
वैज्ञानिकों ने मटर के पौधे में अधिक फूल लगने वाली प्रजाति विकसित की है, जिसके कारण पौधे पर पैदा होने वाली मटर की फलियों की संख्या बढ़ सकती है।
By Divendra Singh
By Rakesh Vishwakarma
By fostering camaraderie amongst his students and encouraging them to take part in sports, teacher Rakesh Vishwakarma has watched his students go from strength to strength as they win trophies in state sporting events. Vishwakarma shares his journey in this school.
By fostering camaraderie amongst his students and encouraging them to take part in sports, teacher Rakesh Vishwakarma has watched his students go from strength to strength as they win trophies in state sporting events. Vishwakarma shares his journey in this school.
By Gaon Connection
सर्दियों में उगाई जाने वाली मटर की खेती से किसानों की चार-पाँच महीनों में अच्छी कमाई हो जाती है, लेकिन कई बार छोटी सी लापरवाही से नुकसान भी उठाना पड़ जाता है।
सर्दियों में उगाई जाने वाली मटर की खेती से किसानों की चार-पाँच महीनों में अच्छी कमाई हो जाती है, लेकिन कई बार छोटी सी लापरवाही से नुकसान भी उठाना पड़ जाता है।
By Gaon Connection
दलहनी फसलों में अरहर का प्रमुख स्थान है और किसान अभी खरीफ़ में अरहर की बुवाई कर रहे हैं, ऐसे में किसान अरहर की किस्म पूसा अरहर-16 की बुवाई कर सकते हैं। यह किस्म 120 दिनों में तैयार हो जाती है।
दलहनी फसलों में अरहर का प्रमुख स्थान है और किसान अभी खरीफ़ में अरहर की बुवाई कर रहे हैं, ऐसे में किसान अरहर की किस्म पूसा अरहर-16 की बुवाई कर सकते हैं। यह किस्म 120 दिनों में तैयार हो जाती है।
By गाँव कनेक्शन
दलहनी फसलों में अरहर का प्रमुख स्थान है और किसान अभी खरीफ़ में अरहर की बुवाई कर रहे हैं, ऐसे में किसान अरहर की किस्म पूसा अरहर-16 की बुवाई कर सकते हैं। यह किस्म 120 दिनों में तैयार हो जाती है।
दलहनी फसलों में अरहर का प्रमुख स्थान है और किसान अभी खरीफ़ में अरहर की बुवाई कर रहे हैं, ऐसे में किसान अरहर की किस्म पूसा अरहर-16 की बुवाई कर सकते हैं। यह किस्म 120 दिनों में तैयार हो जाती है।
By Divendra Singh
अरहर की दूसरी किस्मों की बुवाई जुलाई में होती है, जो अप्रैल में तैयार होती हैं, वहीं नई किस्में नवंबर में ही तैयार हो जाती हैं। इनमें उकठा जैसी कई बीमारियां भी नहीं लगती हैं।
अरहर की दूसरी किस्मों की बुवाई जुलाई में होती है, जो अप्रैल में तैयार होती हैं, वहीं नई किस्में नवंबर में ही तैयार हो जाती हैं। इनमें उकठा जैसी कई बीमारियां भी नहीं लगती हैं।
By Ishtyak Khan