By Diti Bajpai
By Diti Bajpai
By Brijendra Dubey
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में पाल समुदाय पारंपरिक रूप से भेड़ पालते हैं। भेड़ के ऊन से होने वाली कमाई बहुत कम है, ऐसे में खेत को उपजाऊ बनाने के लिए भेड़ के गोबर के बदले में किसानों से मिलने वाले राशन से किसी तरह गुजारा करना पड़ रहा है।
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में पाल समुदाय पारंपरिक रूप से भेड़ पालते हैं। भेड़ के ऊन से होने वाली कमाई बहुत कम है, ऐसे में खेत को उपजाऊ बनाने के लिए भेड़ के गोबर के बदले में किसानों से मिलने वाले राशन से किसी तरह गुजारा करना पड़ रहा है।
By Diti Bajpai
By Madhu Sudan Chatterjee
While studying in Jaipur, Rajasthan, Nabibul noticed how raising the Dumba breed of sheep had brought prosperity to its owners. When the pandemic hit his family hard, he bought five Dumba and now has a flourishing business.
While studying in Jaipur, Rajasthan, Nabibul noticed how raising the Dumba breed of sheep had brought prosperity to its owners. When the pandemic hit his family hard, he bought five Dumba and now has a flourishing business.
By Gaon Connection
While studying in Jaipur, Rajasthan, Nabibul noticed how raising the Dumba breed of sheep had brought prosperity to its owners. When the pandemic hit his family hard, he bought five Dumba and now has a flourishing business.
While studying in Jaipur, Rajasthan, Nabibul noticed how raising the Dumba breed of sheep had brought prosperity to its owners. When the pandemic hit his family hard, he bought five Dumba and now has a flourishing business.
By Diti Bajpai
By Laraib Fatima Warsi
जोधपुर में एक गैर-लाभकारी सँगठन की मदद से खानाबदोश भेड़पालकों की कमाई कई गुना बढ़ गई है। अब उन्हें न तो भेड़ों की सेहत को लेकर परेशान होना पड़ता है और न ही चारे के लिए एक जगह से दूसरी जगह भटकना पड़ता है। सँगठन ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर स्थापित किए हैं।
जोधपुर में एक गैर-लाभकारी सँगठन की मदद से खानाबदोश भेड़पालकों की कमाई कई गुना बढ़ गई है। अब उन्हें न तो भेड़ों की सेहत को लेकर परेशान होना पड़ता है और न ही चारे के लिए एक जगह से दूसरी जगह भटकना पड़ता है। सँगठन ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर स्थापित किए हैं।
By Diti Bajpai
By Madhu Sudan Chatterjee
जयपुर, राजस्थान में पढ़ाई के दौरान नबीबुल ने देखा था कि दुंबा नस्ल की भेड़ पालने से लोगों ने अपनी आमदनी में अच्छी-खासी बढ़ोतरी कर ली थी। जब कोविड महामारी ने उनके परिवार पर आर्थिक असर डाला तो उन्होंने भी पाँच दुंबा भेड़ खरीद ली। आज उनका एक फलता-फूलता व्यवसाय है।
जयपुर, राजस्थान में पढ़ाई के दौरान नबीबुल ने देखा था कि दुंबा नस्ल की भेड़ पालने से लोगों ने अपनी आमदनी में अच्छी-खासी बढ़ोतरी कर ली थी। जब कोविड महामारी ने उनके परिवार पर आर्थिक असर डाला तो उन्होंने भी पाँच दुंबा भेड़ खरीद ली। आज उनका एक फलता-फूलता व्यवसाय है।