By Dr.Vikas Sharma
हरतालिका तीज को हम प्रकृति की मेंहदी रस्म भी कह सकते हैं, एक ओर जहां प्रकृति भौंर माल, करियाली, कलिहारी, तिवाड़िया, काँस आदि रंग बिरंगे फूलों से सज जाती है, वहीं महिलाएं इस दिन अपने हाथों और पैरों में मेंहदी, आलता लगाती हैं।
हरतालिका तीज को हम प्रकृति की मेंहदी रस्म भी कह सकते हैं, एक ओर जहां प्रकृति भौंर माल, करियाली, कलिहारी, तिवाड़िया, काँस आदि रंग बिरंगे फूलों से सज जाती है, वहीं महिलाएं इस दिन अपने हाथों और पैरों में मेंहदी, आलता लगाती हैं।
By गाँव कनेक्शन
पश्चिम और मध्य पूर्व राज्यों में मनाई जाने वाली हरतालिका तीज पूजा का मुहूर्त इस बार अलग है। 18 सितंबर को मनाये जाने वाले इस त्यौहार के लिए शहर और गाँवों में पूजा की तैयारी शुरू हो गई है।
पश्चिम और मध्य पूर्व राज्यों में मनाई जाने वाली हरतालिका तीज पूजा का मुहूर्त इस बार अलग है। 18 सितंबर को मनाये जाने वाले इस त्यौहार के लिए शहर और गाँवों में पूजा की तैयारी शुरू हो गई है।
By Jamshed Qamar
ट्विटर यूज़र्स ने अपने बचपन में इस्तेमाल किये जाने वाली उन चीज़ों को याद किया जो इस दौर में नहीं दिखतीं। बदलती हुई ज़बान के उन शब्दों का भी ज़िक्र हुआ जो कभी बहुत आम बोल-चाल में थीं लेकिन आज सुनाई नहीं देती।
ट्विटर यूज़र्स ने अपने बचपन में इस्तेमाल किये जाने वाली उन चीज़ों को याद किया जो इस दौर में नहीं दिखतीं। बदलती हुई ज़बान के उन शब्दों का भी ज़िक्र हुआ जो कभी बहुत आम बोल-चाल में थीं लेकिन आज सुनाई नहीं देती।