लॉकडाउन के दौरान सब कुछ रोककर मैंने खुद को पहचानने की कोशिश की: दी स्लो कैफे में अनुपम खेर
लॉकडाउन के दौरान सब कुछ रोककर मैंने खुद को पहचानने की कोशिश की: दी स्लो कैफे में अनुपम खेर

By Subha Rao

यह पढ़ने या सुनने में काफी अजीब लगता होगा लेकिन यह सच है कि कोरोना महामारी ने बहुत से लोगों को एक ठहराव दिया है। प्रसिद्ध अभिनेता अनुपम खेर ने इस दौरान एक किताब लिखी है। उन्होंने अपनी इस किताब और जीवन के अन्य पहलूओं के बारे में दी स्लो कैफे में नीलेश मिसरा से चर्चा की।

यह पढ़ने या सुनने में काफी अजीब लगता होगा लेकिन यह सच है कि कोरोना महामारी ने बहुत से लोगों को एक ठहराव दिया है। प्रसिद्ध अभिनेता अनुपम खेर ने इस दौरान एक किताब लिखी है। उन्होंने अपनी इस किताब और जीवन के अन्य पहलूओं के बारे में दी स्लो कैफे में नीलेश मिसरा से चर्चा की।

सफ़लता के साथ, मैं और संवेदनशील हो गई हूं, एक बेहतर इंसान बनने की कोशिश कर रही हूं: भूमि पेडनेकर
सफ़लता के साथ, मैं और संवेदनशील हो गई हूं, एक बेहतर इंसान बनने की कोशिश कर रही हूं: भूमि पेडनेकर

By Subha Rao

फिल्म "दम लगा के हईशा" में भूमि पेडनेकर ने ज्यादा वजन की लड़की का किरदार निभाने के लिए अपना वजन कई किलो बढ़ाया था, लेकिन इस फिल्म के बाद उन्होंने अपना वजन तकरीबन 30 किलो घटाया। फ़िल्म इंडस्ट्री में अपने अनुभवों को भूमि ने स्लो कैफ़े में नीलेश मिसरा के साथ साझा किया।

फिल्म "दम लगा के हईशा" में भूमि पेडनेकर ने ज्यादा वजन की लड़की का किरदार निभाने के लिए अपना वजन कई किलो बढ़ाया था, लेकिन इस फिल्म के बाद उन्होंने अपना वजन तकरीबन 30 किलो घटाया। फ़िल्म इंडस्ट्री में अपने अनुभवों को भूमि ने स्लो कैफ़े में नीलेश मिसरा के साथ साझा किया।

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