By गाँव कनेक्शन
विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 14 फरवरी को सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, रामपुर, बदायूं, बरेली और शाहजहांपुर की 55 सीटों पर मतदान हुआ।
विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 14 फरवरी को सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, रामपुर, बदायूं, बरेली और शाहजहांपुर की 55 सीटों पर मतदान हुआ।
By गाँव कनेक्शन
By Arvind Shukla
पश्चिमी यूपी के बिजनौर में 14 फरवरी को चुनाव हैं। बिजनौर में गंगा के खादर में सैकड़ों गांव बसे हैं। इनमें से दर्जनों गांव ऐसे हैं, जिनकी जमीनें गंगा पार हैं। ये लोग रोज जान जोखिम में डालकर अपने काम करते हैं। कई बार हादसे हुए हैं, जिनमें लोगों की जान गई, कई बार तो शव तक नहीं मिले हैं। क्या कहता है गांव सीरीज में इसी इलाके से ग्राउंड रिपोर्ट
पश्चिमी यूपी के बिजनौर में 14 फरवरी को चुनाव हैं। बिजनौर में गंगा के खादर में सैकड़ों गांव बसे हैं। इनमें से दर्जनों गांव ऐसे हैं, जिनकी जमीनें गंगा पार हैं। ये लोग रोज जान जोखिम में डालकर अपने काम करते हैं। कई बार हादसे हुए हैं, जिनमें लोगों की जान गई, कई बार तो शव तक नहीं मिले हैं। क्या कहता है गांव सीरीज में इसी इलाके से ग्राउंड रिपोर्ट
By Arvind Shukla
पश्चिमी यूपी की सियासत और अर्थव्यवस्था दोनों गन्ने के आसपास घूमती हैं। गांव कनेक्शन ने पश्चिमी यूपी के कई जिलों में किसानों से बात कर जानने क्या इस बार भी उनके लिए गन्ना का मुद्दा है? या फिर दूसरे मुद्दे गन्ने पर भारी पड़ेगे। " क्या कहता है गांव?" सीरीज की अगली खबऱ
पश्चिमी यूपी की सियासत और अर्थव्यवस्था दोनों गन्ने के आसपास घूमती हैं। गांव कनेक्शन ने पश्चिमी यूपी के कई जिलों में किसानों से बात कर जानने क्या इस बार भी उनके लिए गन्ना का मुद्दा है? या फिर दूसरे मुद्दे गन्ने पर भारी पड़ेगे। " क्या कहता है गांव?" सीरीज की अगली खबऱ
By गाँव कनेक्शन
यूपी के 75 में से 63 जिलों में कहीं फ्लोराइड तो कहीं आर्सेनिक की समस्या है। आंकड़ों की बात करें तो पेयजल और स्वच्छता विभाग के 2019 के आंकड़ों के अनुसार 63 जिलों फ्लोराइड अनुमन्य सीमा से अधिक है तो 25 जिलों में आर्सेनिक। बावजूद इसके क्या राजनीतिक दलों के पानी कभी गंभीर मुद्दा बन पाता है। इन्हीं मुद्दों पर केंद्रित है आज की चर्चा
यूपी के 75 में से 63 जिलों में कहीं फ्लोराइड तो कहीं आर्सेनिक की समस्या है। आंकड़ों की बात करें तो पेयजल और स्वच्छता विभाग के 2019 के आंकड़ों के अनुसार 63 जिलों फ्लोराइड अनुमन्य सीमा से अधिक है तो 25 जिलों में आर्सेनिक। बावजूद इसके क्या राजनीतिक दलों के पानी कभी गंभीर मुद्दा बन पाता है। इन्हीं मुद्दों पर केंद्रित है आज की चर्चा
By Virendra Singh
हर साल घाघरा नदी की बाढ़ बाराबंकी के गांवों को पानी में बहा ले जाती है। फसल बर्बाद हो जाती और लाखों ग्रामीणों को अपने गाँवों को छोड़ अस्थायी झोपड़ियों और तिरपाल में आसरा लेना पड़ता है। उनमें से कितने तो ऐसे हैं जो बार-बार आने वाली इस बाढ़ की वजह से गरीबी की दलदल में फंसते चले जा रहे हैं। इससे वो कभी बाहर आ पाएंगे इसकी उम्मीद उन्हें कम ही है। इस साल उत्तर प्रदेश में हो रहे चुनावों को लेकर इन लोगों की क्या प्रतिक्रिया है? क्या कहता है गाँव सीरीज की ग्राउंड रिपोर्ट।
हर साल घाघरा नदी की बाढ़ बाराबंकी के गांवों को पानी में बहा ले जाती है। फसल बर्बाद हो जाती और लाखों ग्रामीणों को अपने गाँवों को छोड़ अस्थायी झोपड़ियों और तिरपाल में आसरा लेना पड़ता है। उनमें से कितने तो ऐसे हैं जो बार-बार आने वाली इस बाढ़ की वजह से गरीबी की दलदल में फंसते चले जा रहे हैं। इससे वो कभी बाहर आ पाएंगे इसकी उम्मीद उन्हें कम ही है। इस साल उत्तर प्रदेश में हो रहे चुनावों को लेकर इन लोगों की क्या प्रतिक्रिया है? क्या कहता है गाँव सीरीज की ग्राउंड रिपोर्ट।
By Shivani Gupta
Wooed for their votes with free ration, gas cylinders, smartphones, and scooters, here is what Uttar Pradesh's 44 per cent electorate – its women – expect from the new government that is set to be formed.
Wooed for their votes with free ration, gas cylinders, smartphones, and scooters, here is what Uttar Pradesh's 44 per cent electorate – its women – expect from the new government that is set to be formed.
By Arvind Shukla
सीतापुर जिले के महोली चीनी मिल पर 1998 में ताला पड़ गया था। 1932 में बनी इस मिल में करीब 700 गांवों का गन्ना आता था। इन 24 वर्षों में जब भी चुनाव आए राजनीतिक पार्टियों ने इस मिल को दोबारा चालू कराने के वादे किए, लेकिन चुनाव के बाद बात ठंडे बस्ते में चली गई। गांव कनेक्शन की सीरीज क्या कहता है गांव में कहानी महोली मिल की।
सीतापुर जिले के महोली चीनी मिल पर 1998 में ताला पड़ गया था। 1932 में बनी इस मिल में करीब 700 गांवों का गन्ना आता था। इन 24 वर्षों में जब भी चुनाव आए राजनीतिक पार्टियों ने इस मिल को दोबारा चालू कराने के वादे किए, लेकिन चुनाव के बाद बात ठंडे बस्ते में चली गई। गांव कनेक्शन की सीरीज क्या कहता है गांव में कहानी महोली मिल की।
By Brijendra Dubey
मिर्जापुर के जगपट्टी गांव में सात मार्च को मतदान होना है। लेकिन मिर्जापुर के जगपट्टी गांव के निवासियों का कहना है कि पड़ोसी भदोही जिले में कालीन उद्योग के अपशिष्ट रिसकर उनके खेतों तक पहुंच रहे हैं और उनकी फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। इसके विरोध में वे मतदान नहीं करेंगे।
मिर्जापुर के जगपट्टी गांव में सात मार्च को मतदान होना है। लेकिन मिर्जापुर के जगपट्टी गांव के निवासियों का कहना है कि पड़ोसी भदोही जिले में कालीन उद्योग के अपशिष्ट रिसकर उनके खेतों तक पहुंच रहे हैं और उनकी फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। इसके विरोध में वे मतदान नहीं करेंगे।
By Shivani Gupta
मुफ्त राशन, गैस सिलेंडर, स्मार्टफोन, स्कूटर और न जाने कितने वादों के साथ उम्मीदवारों ने वोटरों को लुभाया था। अब जब चुनावों के परिणाम आ चुके हैं और भाजपा फिर से सरकार बनाने की तैयारियों में लगी है। ऐसे में उत्तर प्रदेश की 44 प्रतिशत मतदाता यानी यहां की महिलाएं फिर से बनने वाली इस नई सरकार से क्या उम्मीद कर रही हैं? एक रिपोर्ट
मुफ्त राशन, गैस सिलेंडर, स्मार्टफोन, स्कूटर और न जाने कितने वादों के साथ उम्मीदवारों ने वोटरों को लुभाया था। अब जब चुनावों के परिणाम आ चुके हैं और भाजपा फिर से सरकार बनाने की तैयारियों में लगी है। ऐसे में उत्तर प्रदेश की 44 प्रतिशत मतदाता यानी यहां की महिलाएं फिर से बनने वाली इस नई सरकार से क्या उम्मीद कर रही हैं? एक रिपोर्ट